देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे की तरफ चलेंगे तो एक गांव पड़ेगा मोमनाथल। यमुना की सहायक हिंडन नदी के किनारे बसे इस गांव के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली नदी का पानी उनके लिए अभिशाप बन चुका है। गांव में लोगों की शिकायत है कि हिंडन के पानी की वजह से उन्हें पेट में दर्द उठता है और बच्चेदानी में रसौलियों की समस्या हो जाती है। हाल यह है कि महिलाओं की बच्चेदानी तक निकालनी पड़ती है। इसका असर यह हो रहा है कि यहां की लड़कियों की शादी तक नहीं हो पाती है।
खबरगांव ने जब इस बात की तफ्तीश की तो पता चला कि कुछ लोग इस समस्या से काफी परेशान हैं। गांव में हमारी मुलाकात वहीं पर दुकान करने वाले सुरेश गौतम से हुई। गौतम ने हमें बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही उनको पेट में तेज दर्द उठा था जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इसके बाद वह करीब एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे। अस्पताल में उन्होंने कुल एक लाख रुपये खर्च किए।

खर्च किए लाखों रुपये
जब हमने पूछा कि डॉक्टर ने दर्द का कारण क्या बताया? तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर का कहना था कि पानी की खराब क्वॉलिटी की वजह से उन्हें पेट में दर्द है। गौतम ने बताया, 'डॉक्टर ने कहा कि या तो पानी को उबालने के बाद ठंडा करके पियो और या तो फिर आरओ का पानी पियो। RO लगवाना सबके वश की बात तो है नहीं और न ही बोतल वाला पानी खरीद कर पी सकते हैं, ऐसे में हमारे पास एक ही रास्ता बचता है कि पानी को उबाल कर पिएं।' उन्होंने कहा कि यह उन्हें पहली बार नहीं हुआ है बल्कि बचपन से कई बार इस तरह की समस्या से गुजर चुके हैं।
भाई की हुई थी मौत
फिर हमने आगे का रुख किया तो हम पहुंचे प्रवेश के यहां, प्रवेश ने हमसे कहा, ‘पहले हम लोग 26-28 फीट की बोरिंग के बाद पीने का शुद्ध पानी पा जाते थे लेकिन अब 100 फीट से ज्यादा गहरी बोरिंग करवानी पड़ती है। उसके बाद भी पानी में स्वाद वह नहीं आ पाता जैसा कि होना चाहिए था।’

उनकी मां शीलादेवी बताती हैं कि कुछ साल पहले उनके भाई की मौत पेट में दर्द की वजह से हो गई थी। वह बताती हैं कि डॉक्टर ने उन्हें पैंकिया (पैंक्रियाज) में कुछ दिक्कत बताई थी लेकिन वह बच नहीं सके। शीलादेवी ने कहा कि जब वह शादी करके आई थीं तब हिंडन बहुत साफ हुआ करती थी लेकिन अब स्थिति काफी खराब है। अब तो पानी इतना गंदा है कि जैसे गंदा नाला। उन्होंने कहा कि हिंडन की तरफ से बदबू भी आती है.
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3 साल पहले पड़ी थी वॉटर सप्लाई की पाइप
एक तरफ इशारा करते हुए प्रवेश बताते हैं कि वॉटर सप्लाई के लिए पाइप तो करीब तीन साल पहले पड़ गई है लेकिन अभी तक पानी नहीं आया है। हम लोग पीने के पानी के लिए आरओ का प्रयोग करते हैं।
पास में ही बुधराम का घर था। बुधराम कहते हैं कि पहली बार वॉटर सप्लाई के लिए करीब तीन साल पहले पाइप डाली गई थी लेकिन पानी नहीं आया। फिर करीब डेढ़ दो साल बाद फिर वॉटर सप्लाई के लिए नापजोख हुई लेकिन कुछ हुआ नहीं। उन्होंने कहा कि हम लोग पीने के लिए आरओ का प्रयोग करते हैं लेकिन पानी इतना खराब है कि आरओ का फिल्टर दो-तीन महीने में ही बदलवाना पड़ता है।

रह-रह कर उठती है मरोड़
वहीं गांव की राजबाला देवी का कहना था कि उनके पेट में रह रह के मरोड़ उठती है और दो बार वह ऑपरेशन करवा चुकी हैं। हमने पूछा कि किस चीज का ऑपरेशन था तो उन्होंने कहा कि पेट में ही कोई ऑपरेशन था। उन्होंने कहा कि एक बार डॉक्टर ने 70 हजार रुपये लिए और एक बार 50 हजार रुपये। राजबाला ने कहा कि उनके पति की मौत कुछ साल पहले हो चुकी है और उनकी विधवा पेंशन भी सरकार की तरफ से नहीं मिल पा रही ऐसे में उनके लिए दवा कराना काफी मुश्किल है।

राजबाला ने कहा कि उन्होंने पैसा उधार लिया जिसकी वजह से वह कर्ज के बोझ में दब गई हैं।
36 साल के दिनेश का हुआ 2 बार ऑपरेशन
पास में ही खड़े 36 साल के दिनेश ने कहा कि उन्हें बचपन से ही पेट की दिक्कत रहती है और उन्हें भी दो बार ऑपरेशन कराना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यहां हिंडन का पानी गंदा है उसी की वजह से दिक्कत हो रही है. दिनेश ने कहा कि समय समय पर हिंडन की तरफ से बदबू आती है।
निकलवानी पड़ी बच्चेदानी
वहीं, सुरेश गौतम ने अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला (नाम न छापने की शर्त पर) के बारे में बताया कि उनका पेट का ऑपरेशन हुआ है और अभी तक उनकी शादी नहीं हुई है।

नाम न बताने की शर्त पर एक महिला ने बताया कि एक दिन अचानक उनके पेट में दर्द उठा जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उनकी बच्चेदानी का ऑपरेशन करवा के निकलवाना पड़ा। कुछ महिलाओं को 15-15 दिनों तक माहवारी की समस्या रहती है। उनके पास पैसे भी नहीं हैं कि वे लगातार इलाज करा सकें।
यहां पर लोगों की चिंता इस बात की है कि उनकी शादी कैसे होगी, क्योंकि इन स्थितियों में न ही कोई यहां की लड़की से शादी करना चाहेगा और न ही यहां के लड़कों से अपनी लड़की की कोई शादी करना चाहेगा।
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