रूस के बेलाया एयरबेस पर हुए ड्रोन अटैक ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। यूक्रेन ने लंबी योजना के तहत एक ट्रक में भरकर ड्रोन भेजे जो किसी की नजर में नहीं आए और इन्हीं ड्रोन की मदद से यूक्रेन ने रूस के कई फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट तबाह कर दिए थे। अब इस मामले में एक और रोचक बात सामने आई है। इस हमले में जिस ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया, उसने इस पर हैरानी जताई है। ArduPilot नाम का सॉफ्टवेयर बनाने वाले क्रिस एंडरसन ने लिखा है कि वह तो सिर्फ उड़ने वाले रोबोट बनाना चाहते थे और उन्हें इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि इसका नतीजा ऐसा होगा।

 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में ArduPilot नाम के ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल किया गया। जब यह हमला हुआ तो ArduPilot के को-फाउंडर ने लिंक्डिन पर एक कॉमेंट में लिखा, 'यह ArduPilot है, जिसे मैंने 18 साल पहले अपने बेसमेंट से लॉन्च किया था।'

 

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क्रिस एंडरसन ने अपने साथियों जॉर्डी मुनोज और जेसन शॉर्ट को टैग करके X पर एक पोस्ट भी लिखा। उन्होंने लिखा, '18 साल पहले मैंने, जेसन ने और जॉर्डी ने मिलकर ArduPilot बनाया था। आज यह रूसी एयरफोर्स के बड़े हिस्से को तबाह कर रहा है।' इस पर जेसन शॉर्ट ने अपने जवाब में लिखा, 'करोड़ों साल में भी मैं कभी किसी ऐसे नतीजे के बारे में नहीं सोच सकता था। मैं तो सिर्फ उड़ने वाले रोबोट बनाना चाहता था। ArduPilot से चलने वाले ड्रोन्स ने रूस की बॉम्बर फ्लीट के आधे हिस्से को तबाह कर दिया।'

क्या है ArduPilot?

 

यह साल 2007 में बनाया गया एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है। क्रिस एंडरसन ने DIYdrones.com लॉन्च किया थआ और लीगो माइंडस्टॉर्म्स का इस्तेमाल करके एक UAV ऑटोपायलट असेंबल किया था। दो साल बाद जॉर्डी मुनोज ने ऑटोपायलट का इस्तेमाल करके एक छोटा हेलिकॉप्टर उड़ाया और ऑटोनॉमस व्हीकल कंपटीशन जीता। इसके बाद क्रिस एंडरसन और मुनोज ने मिलकर 3DR की स्थापना की। यह ड्रोन बनाने वाली कंपनी थी। 2009 में इसी कंपनी ने ArudPilot के शुरुआत वर्जन लॉन्च किए।

 

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अगले एक दशक में ArduPilot को और बेहतर बनाया गया। बता दें कि ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर होने की वजह से इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है और अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें बदलाव भी कर सकता है। रूस पर हुए हमले में भी इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है।

 

इस सॉफ्टवेयर की मदद से खुद से बनाए गए ड्रोन, जीपीएस आधारित मैप और अन्य चीजों को कंट्रोल किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर की वजह से बिना GPS के भी ArduPilot काम कर सकता है।