बांग्लादेश की मॉडल मेघना आलम की गिरफ्तारी पर हंगामा बरपा है। बांग्लादेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी वजह से मानवाधिकार संगठन, अंतरिम सरकार पर भड़के हैं। मेघना आलम पर आरोप है कि उन्होंने दो अहम लोगों पर झूठे आरोप लगाकर बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंधों को खराब करने की कोशिश की है। पुलिस का कहना है कि उनका मकसद दो दशों के संबंधों को बिगाड़ना और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचाना था।
मेघना के पिता ने इस विवाद को खाड़ी देश के एक पूर्व राजदूत से जोड़ा दिया है। अभी मेघना आलम को बिना किसी औपचारिक आरोप के हिरासत में रखा गया है। बाग्लादेश पुलिस के प्रवक्ता मोहम्मद तलेबुर रहमान ने कहा है कि दोनों अहम किरदार, विदेशी हैं।
मेघना आलम की उम्र 30 साल है। उसके पिता बदरुल आलम का दावा है कि मेघना के रिश्ते खाड़ी देशों के एक राजदूत से थे, जिसकी नियुक्ति ढाका में हुई थी। उन्होंने कहा, 'राजदूत और मेघना रिश्ते में थे। मेरी बेटी ने उसके साथ शादी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि जिस शख्स के प्यार में वह थी, वह शादीशुदा था और उसके बच्चे भी थे।'
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मेघना आलम कौन हैं?
मेघना आलम 'मिस अर्थ बांग्लादेश 2020' रही हैं। मेघना ने बुधवार को फेसबुक लाइव के दौरान दावा किया था कि कुछ लोग उनके घर में जबरन घुसेन की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस ने कहा कि उसे हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मेघना पर राज्य की सुरक्षा को बाधित करने, देश के वित्तीय हितों को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। मेघना आलम पर राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक अस्थिरता पैदा करने जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं।

मेघना आलम एक बांग्लादेशी अभिनेत्री हैं। वह खुद को पर्यावरण एक्टिविस्ट और मिस अर्थ बांग्लादेश 2020 की विनर बताती हैं। वह मिस बांग्लादेश फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। अलग-अलग मानवाधिकार संगठनों और मीडिया ने उनकी हिरासत को गैरकानूनी बताते हुए इसकी जांच की मांग उठाई है। सोशल मीडिया पर वह बेहद सक्रिय रहती हैं।
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किस आधार पर हुई है गिरफ्तारी?
मेघना आलम को बांग्लादेश पुलिस ने बांग्लादेश स्पेशल पॉवर्स एक्ट का हवाला देकर गिरफ्तार किया है। अब मेघना को एक अरसे से तक हिरासत में रखा जा सकता है। मानवाधिकार संगठनों ने इस गिरफ्तारी की आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कानन को बेहद कठोर बताया है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि मेघना आलम को या तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध अपराध के तहत आरोपित किया जाए या रिहा किया जाए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार असिफ नजरूल ने भी कहा कि आलम की हिरासत के लिए इस कानून का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है।