चीन के शैंडोंग प्रांत में बैंक ऑफ चायना के पूर्व चेयरमैन ल्यु लियांग को मंगलवार को रिश्वतखोरी और अवैध लोन देने के आरोप में सस्पेंडेड डेथ सेंटेंस दिया गया।

 

रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें दो साल की राहत या दंडविराम के साथ यह सजा दी गई है. इसका अर्थ यह है कि उन्हें मृत्यदंड तभी दिया जाएगा जब वह इस तरह का क्राइम दोबार करते हैं। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें सिर्फ आजीवन कारावास मिलेगा।

 

1961 में जन्मे ल्यू साल 2019 में बैंक ऑफ चायना के चेयरमैन के रूप में प्रमोट किए जाने के पूर्व पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना सेंट्रल बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना जैसे बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों में काम कर चुके हैं।

 

पिछले साल अक्टूबर में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पूर्व अध्यक्ष को गैरकानूनी गतिविधियों और रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध चीन कर रहा कार्रवाई

चीन के भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था ने हाल के महीनों में वित्तीय क्षेत्रों पर कार्रवाई शुरू की है, जिसमें देश के कुछ सबसे बड़े नाम शामिल हैं, जिनमें ल्यू और पूर्व डिप्टी सेंट्रल बैंक गवर्नर फैन यिफेई शामिल हैं, जिन्हें अक्टूबर में रिश्वत लेने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसमें दो साल की छूट भी शामिल है।

 

रॉयटर्स के मुताबिक राज्य की ब्रॉडकास्टर टीवी के मुताबिक सीसीटीवी ने कहा कि अदालत ने कहा कि ल्यू ने कई लोगों के लिए पदोन्नति की मांग करने के लिए अपने पद का लाभ उठाया और स्वीकार की गई रिश्वत की राशि "विशेष रूप से बहुत बड़ी" थी जो 121 मिलियन युआन ($17 मिलियन) से अधिक थी।

 

अरबों के लोन में किया था भ्रष्टाचार

अदालत ने कहा कि चूंकि ल्यू ने "सच्चाई से अपराध कबूल" किया है और मामले में चोरी किए गए ज्यादातर पैसे और संपत्ति बरामद कर ली गई है, इसलिए मृत्युदंड तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। 

 

सीसीटीवी ने कहा कि ल्यू ने चाइना एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक और बैंक ऑफ चाइना में अपने कार्यकाल के दौरान 3.32 बिलियन युआन से अधिक के ऋण स्वीकृत करके कानूनों का उल्लंघन किया, जिससे 190 मिलियन युआन से अधिक का नुकसान हुआ।