खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कनाडा ने बार-बार भारत पर आरोप लगाए। इसी मामले से जुड़ी एक खबर अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने छापी थी और उसने आरोप लगाए थे कि इस हत्या के पीछे भारत का हाथ है। अब कनाडा के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने यह बात अमेरिकी अखबार से कही है। इस मामले में एक और बात यह सामने आई है कि इन अधिकारियों ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी इस बारे में नहीं बताया और सीधे अखबार को ही कथित इनपुट दे दिए।
यह बात खुद जस्टिस ट्रूडो की नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिटेंस अडवाइजर नताली ड्रोइन ने कही हैं। ड्रोइन ने कॉमन्स पब्लिस सेफ्टी कमेटी को बताया है कि उन्होंने ट्रूडो की जानकारी के बिना ही यह इनपुट लीक किया। ड्रोइन ने यह भी कहा है कि इनपुट देते समय इस बात का ध्यान रखा था कि कोई गोपनीय जानकारी न लीक हो। यह सब 13 अक्तूबर के ठीक पहले हुए। बता दें कि 13 अक्तूबर को कनाडा ने 6 भारतीय राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया था। निज्जर हत्याकांड के चलते ही भारत और कनाडा के संबंध खराब हो चुके हैं और दोनों देशों में तकरार की स्थिति बनी हुई है।
क्यों लीक की गई कथित खुफिया जानकारी?
ड्रोइन ने यह भी कहा है कि ऐसा करना उनकी रणनीति का हिस्सा था। इस कथित रणनीति में उनके साथ डिप्टी विदेश मंत्री डेविड मोरिसन भी शामिल थे। ड्रोइन के मुताबिक, इस कम्युनिकेशन स्ट्रैटजी के बारे में प्रधानमंत्री दफ्तर को भी जानकारी थी। वह कहती हैं, 'हमने ऐसी जानकारी दी जो गोपनीय नहीं थी। इसमें हमने यह बताया कि हमने भारत के साथ काम करने की दिशा में कौनसे कदम उठाए हैं। साथ ही, इसमें यह भी बताया गया कि किस तरह से भारत कनाडा के लोगों के साथ अवैध गतिविधियों में लिप्त है।' बता दें कि पिछले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में बयान दिया था और कहा था कि निज्जर की हत्या के मामले में भारत का हाथ बताया था।
द ग्लोब और मेल के मुताबिक, लीक की गई जानकारी में यह कहा गया था कि सुखडोल सिंह गिल की हत्या के पीछे भी भारत का हाथ है। बता दें कि सुखडोल की हत्या संसद में जस्टिन ट्रूडो के भाषण के ठीक दो दिन बाद हुई थी। इसी केस के बारे में RCMP कमिश्नर माइक डुहेम ने आरोप लगाए थे कि सिर्फ निज्जर ही नहीं, कई अन्य हत्याओं के पीछे भी भारत का हाथ है।
इस मामले पर भारत का रुख शुरुआत से ही स्पष्ट रहा है। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए साफ कहा है कि कनाडा की तरफ की जा रही कार्रवाई के बदले में प्रतिक्रिया देने के लिए भारत भी स्वतंत्र है। भारत ने भी कनाडा के 6 राजनयिकों का देश से बाहर निकलने का फरमान सुना दिया है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, 'हम उस रवैये को सिरे से खारिज करते हैं जो कनाडा सरकार अपना रही है और हमारे उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को निशाना बना रही है।'