कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के लीडर के पद से इस्तीफे का ऐलान किया। हालांकि, जब तक लिबरल पार्टी का नया नेता नहीं चुन लिया जाता, तब तक ट्रूडो प्रधानमंत्री बने रहेंगे। ट्रूडो 2015 से कनाडा का प्रधानमंत्री पद संभाल रहे थे।


ट्रूडो ने कहा कि वो प्रधानमंत्री और लिबरल लीडर के पद पर तब तक बने रहेंगे, जब तक पार्टी नया नेता नहीं चुन लेती। ट्रूडो ने कहा, 'अगले चुनाव में देश के पास बेहतर पसंद होनी चाहिए और अगर वो आंतरिक लड़ाई लड़ते रहेंगे तो चुनाव में लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं हो सकते।'


अब जब ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है तो जानना जरूरी है आगे क्या होगा? ट्रूडो की जगह कौन लेगा? और पार्टी को नया नेता चुनने में कितना वक्त लगेगा? 

क्या ट्रूडो को तुरंत पद छोड़ना होगा?

नहीं। ट्रूडो अभी प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के लीडर के पद पर बने रहेंगे। कई देशों में पार्टी के नेताओं को सांसद चुनते हैं और उन्हें रातोरात हटाया जा सकता है। जबकि, कनाडा में ऐसा नहीं होता। कनाडा में पार्टी कन्वेंशन के जरिए लीडर को चुना जाता है, जिसमें महीनों लग सकते हैं।

क्या चुनाव जल्दी होंगे?

इसकी भी अभी गुंजाइश नहीं है। ट्रूडो ने बताया है कि 27 जनवरी से संसद का सत्र शुरू होने वाला था, जिसे 24 मार्च तक स्थगित कर दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि विपक्षी पार्टियां जो ट्रूडो की सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए गिराना चाहती थीं, उन्हें अब इसके लिए मई तक इंतजार करना होगा। अगर मई में अविश्वास प्रस्ताव आता है और ये पास हो जाता है तो लिबरल पार्टी की सरकार गिर जाएगी और उसके बाद ही चुनावों का ऐलान होगा। संसद की गर्मी की छुट्टियां 20 जून के बाद शुरू होंगी और अगर तब तक लिबरल अपनी सत्ता बचा लेते हैं तो चुनाव तय समय के अनुसार अक्टूबर में ही होंगे।

लिबरल को सत्ता से कैसे हटाया जा सरकते है?

हाउस ऑफ कॉमन्स को मार्च के आखिरी में स्पेंडिंग मेजर यानी व्यय उपायों पर वोटिंग करना है। इससे विश्वास मत हासिल हो जाएगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि इस पर मार्च के आखिरी में ही वोटिंग होगी या बाद में। विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी और वामपंथी झुकाव वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, दोनों ने साफ कर दिया है कि वो ट्रूडो को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाना चाहती हैं।

नया नेता कब तक चुना जाएगा?

इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी है कि हो सकता है कि लिबरल पार्टी को अगला चुनाव ट्रूडो की अगुवाई में ही लड़ना पड़े। ऐसी स्थिति में पार्टी एक छोटा कन्वेंशन बुलाकर नया नेता चुन सकती है, ताकि ट्रूडो को जल्द से जल्द पद से हटाया जा सके। अप्रैल 2013 में जब ट्रूडो को लिबरल लीडर चुना गया था, तो इसकी प्रक्रिया 5 महीने तक चली थी। इससे पहले 2006 में 8 महीने तक प्रक्रिया चली थी। ट्रूडो ने पार्टी को नया नेता चुनने को कहा है। लिबरल पार्टी के अध्यक्ष सचित मेहरा ने बताया कि वो इस हफ्ते पार्टी के नेशनल बोर्ड की मीटिंग बुलाएंगे।

ट्रूडो को हटाने का क्या दूसरा तरीका भी है?

ट्रूडो को पद से तुरंत हटाने की संवैधानिक शक्ति गवर्नर जनरल मैरी सिमोन के पास है। सिमोन चाहें तो ट्रूडो को पद से हटा सकती हैं। हालांकि, इसकी संभावना काफी कम है। जानकारों का मानना है कि सिमोन ऐसे प्रधानमंत्री को बर्खास्त नहीं करेंगी, जिसके पास अभी भी हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत है।

क्या नया नेता हार से बचा पाएगा?

इसकी संभावना काफी कम है। ज्यादातर सर्वे में सामने आया है कि अगले चुनाव में लिबरल पार्टी हार रही है। फिर चाहे नेता कोई भी हो। हालांकि, ट्रूडो नहीं होंगे तो हार का स्तर कम जरूर हो सकता है।

कौन हो सकता है ट्रूडो का विकल्प?

लिबरल पार्टी इस वक्त जिस मोड़ पर खड़ी है, वहां पार्टी लीडर की रेस से बहुत ज्यादा नेता दूरी बना रख सकते हैं। फिर भी इनोवेशन मंत्री फ्रैंकॉइस फिलिप शैंपेन, परिवहन मंत्री अनीता आनंद, विदेश मंत्री मेलानी जली और पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड को नया लीडर चुना जा सकता है। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी भी इस रेस में हो सकते हैं। खुद ट्रूडो ने कहा था कि वो कार्नी को अपनी टीम में देखना चाहते हैं।