सीरिया में बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद उनके समय में स्थापित हुए 'ड्रग साम्राज्य' का कड़वा सच बाहर आ गया है जो अदस शासन का काला सच उजागर कर रहा है। हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में सीरियाई विद्रोहियों ने सैन्य ठिकानों और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटरों पर हमला बोला। यहां उन्होंने कैप्टागॉन के बड़े भंडार पर कब्जा किया है। कैप्टागॉन एक ड्रग का नाम है जो कि अरब देशों में काफी लोकप्रिय माना जाता है। इसका सीरिया से सबसे ज्यादा निर्यात किया जाता है। माना जाता है कि इस ड्रग से सीरियाई तानाशाह असद अरबों डॉलर कमाते थे।
इससे पहले, राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाके में एक खदान में निर्यात के लिए भेजे जाने वाले मेटेरियल के अदंर कैप्टागॉन की गोलियां छिपी हुई पाई गई थी। एचटीएस ने जिस फैक्ट्री पर कब्जा किया है वो माहेर अल-असद की थी जो एक सैन्य कमांडर और अपदस्थ सीरियाई राष्ट्रपति का भाई है।
कभी फार्मा ड्रग था कैप्टागॉन
दरअसल, कैप्टागॉन कभी एक फार्मास्युटिकल ड्रग था, जिसका उपयोग ADHD और डिप्रेशन के लिए किया जाता है। कैप्टागॉन को 1960 के दशक में जर्मनी में बनाया गया था। इस दवा का उपयोग एम्फैटेमिन और मेथैम्फेटामाइन के ऑप्शन के रूप में किया जाता था। इसका इस्तेमाल एक दवाई के रूप में किया जाता था। दरअसल, कैप्टागॉन दवा मस्तिष्क में डोपामाइन को भी बढ़ाती है, जिससे स्वास्थ्य, खुशी और उल्लास की भावना पैदा होती है। इसके अतिरिक्त, यह सहनशक्ति और एकाग्रता में भी सुधार करती है।
हालांकि, कैप्टागॉन के कई अनचाहे साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे लो-लेवल साइकोसिस। यह दवा मुख्य रूप से मीडिल ईस्ट और यूरोप के कुछ हिस्सों में बेची जाती थी। थोड़े समय के लिए, यह यूरोप में ओवर-द-काउंटर दवा (बिना प्रिस्क्रिप्शन के) के रूप में उपलब्ध होने लगी थी लेकिन बाद में इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन के जरिए बेचा जाने लगा। अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, कैप्टागॉन का दवा निर्माण 2009 तक बंद कर दिया गया था।
अवैध तरीके से होने लगा निर्माण
कैप्टागॉन का अवैध रूप से अधिक इस्तेमाल होने लगा। मीडिल ईस्ट में युद्ध के दौरान सैनिकों को अधिक ऊर्जा देने के लिए इसका सेवन कराया जाता था। धीरे-धीरे इस दवाई की एंट्री काले बाजार में होने लगी। इस समय विशेष रूप से सीरिया और उसके पड़ोसी देशों जैसे लेबनान में इस दवाई को बनाया जाता है और इसका ज्यादातर इस्तेमाल मीडिल ईस्ट में किया जाता है।
असद शासन में कैप्टागॉन
बशर अल-असद के शासन के दौरान कैप्टागॉन का उत्पादन भारी मात्रा में होता था। इस वजह से सीरिया दुनिया का सबसे बड़ा नार्को राज्य बन गया और अब तक, यह दवा सीरिया का सबसे बड़ा निर्यात है। एक हालिया रिपोर्ट ने बताया कि 2020 और 2022 के बीच, कैप्टागॉन ने सीरिया और लेबनान में 7.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का राजस्व अर्जित किया, जिसका मतलब है कि प्रति वर्ष लगभग 2.4 बिलियन डॉलर का राजस्व असद शासन में आता रहा। रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में कैप्टागॉन के विनिर्माण में कमी आने की संभावना केवल कुछ समय के लिए ही रहेगी।