मंगलवार की सुबह-सुबह नेपाल से लेकर बिहार और बंगाल तक भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल रहा। यहां सुबह-सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। तिब्बत में भी 6.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।


बताया जा रहा है कि बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर में सुबह-सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से पूर्वोत्तर में 93 किलोमीटर था। जमीन के 10 किलोमीटर के अंदर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था।

अब तक 53 की मौत

नेपाल में आए इस भूकंप का असर आसपास के देशों में भी देखने को मिला। भारत के अलावा तिब्बत, भूटान और बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि इस भूकंप की वजह से तिब्बत में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है।

कई सेकंड तक कांपती रही धरती

भूकंप के बाद के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें धरती कांपती हुई दिख रही है। नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी काफी देर तक भूकंप के झटके महसूस होते रहे।

 


वहीं बिहार के भी कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बिहार के शिवहर से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें घर के अंदर लगा झूमर हिलता हुआ दिख रहा है।

 

क्यों आता है भूकंप? 

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एक दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।


रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।