चीन की महान दीवार ईसापूर्व 7वीं सदी से बननी शुरू हुई थी। मिंग राजवंश ने इसे बनवाने की ठानी थी, जिसे बाद के शासकों ने पूरा करवाया। कुछ कबीलाई लोग, इस साम्राज्य में दाखिल हो रहे थे, वहीं यूरोशिया से भी लोग बार-बार आक्रमण कर रहे थे। राजवंश ने सोचा कि अगर हम एक बड़ी दीवार बना देंगे तो आक्रमणकारी दाखिल नहीं हो पाएंगे।

 

7वीं शताब्दी के बाद भी इस दीवार का निर्माण जारी रहा। चीन के पहले सम्राट कहे जाने वाले क्विन शी हाउंग ने 220-206 ईसा पूर्व भी व्यापक स्तर पर इसका निर्माण कराया। मिंग साम्राज्य ने 1368 से 1644 के बीच इसके अधूरे हिस्सों को पूरा कराया। जो चीन के लिए बेहद अहम हैं। चीन की महान दीवार बनने में करीब 2000 साल लगे थे। 

 

चीन की महान दीवार की ये हैं खासियतें 

  • चीन की महान दीवार 15 प्रांतों से होकर गुजरती है। एक जमाने में ये स्वतंत्र राज्य थे। इसकी राह में कई दर्रे पड़ते हैं। चीन की महान दीवार अब टूटने लगी है। जिस हिस्से का निर्माण 220 ईसा पूर्व हुआ था, अब वो मिट्टी के इस ढेर जैसा नजर आता है।
  • यह पूरी एक दीवार नहीं है, बल्कि दीवारों का संगम है। अलग-अलग टुकडों में इसे बनाया गया है, कहीं ईंट हैं, कहीं पत्थर हैं, लकड़ियां हैं, कहीं मिट्टी की दीवारे हैं। इस दीवार में एक-रूपता नहीं है।
  • शहनाई दर्रा, चीन की इस महान दीवार को और खूबसूरत बनाती है। यहां की दावर भी मिंग साम्राज्य के दौरान बनी थी। यह चीन का पहला दर्रा है, जो क्विनहॉउंगडाओ शहर के बोहाई खाड़ी के पास स्थित है। इसे कहते हैं कि यह स्वर्ग का पहला दर्रा है।
  • जियाउ दर्रा भी बेहद प्रसिद्ध है। यह पश्चिम में जाकर खत्म होता है। इसे भी मिंग साम्राज्य ने बनवाया था। इसे चीन ने संरक्षित रखा है। 

 

एक महिला की चीख से ढह गई थी दीवार


चीन में एक महिला बहुत प्रसिद्ध है। उनका नाम मेंगजियांग था। उनके पति चीन की महान दीवार बनाने वाले कारीगरों में से एक थे। वह घर से निकले लेकिन कई महीने बीत गए, उनके बारे में कोई खोज-खबर नहीं मिली। जब सर्दियां आईं तो वह अपने पति के लिए कपड़े लेकर आई। लोगों ने बताया कि कुछ महीने पहले उसके पति की मौत हो गई है। वह महिला बुरी तरह से चीख-चीखकर रोई। कहते हैं कि चीन की महान दीवार का एक हिस्सा ढह गया।

ईंटों पर लिखे हैं बनाने वालों के नाम


चीन की महान दीवार के बारे में यह भी किस्सा सुनाया जाता है कि यहां काम करने वाले लोग ईंटो पर अपने नाम लिखते थे। किसी जमाने में क्वी जिदुआंग नाम का एक जनरल हुआ करता था। वह ईंटों की गुणवत्ता सही करने के लिए मजदूरों से उनके नाम लिखवाता था। इसके पीछे सोच ये थी कि जो शख्स खराब ईंट बनवाएगा, उसकी पहचान आसानी से हो जाएगी।

 

क्यों महान कही जाती है ये दीवार


चीन की महान दीवार, वहां के इतिहास को भी दर्शाता है। वैसी अभेद्य दीवार, किसी देश के पास नहीं है। यह चीन की राष्ट्रीय अक्ष्क्षुणता का भी प्रतीक है। अलग-अलग कालखंडों में बनी चीन की महान दीवार, 2000 साल से ज्यादा पुरानी है। चीनी इसे अपनी अस्मिता से जोड़कर देखते हैं। यह 2100 किलोमीटर लंबी है। चीन में साल 1272 से 1368 के बीच युआन साम्राज्य का दबदबा रहा। चीन से मंगोलिया तक के लिए राह दी गई थी। इसमें अलग-अलग मंदिर बनाए गए, बागीचे लगाए गए। दीवार के आसपास के हिस्सों को खूबसूरती से तैयार किया गया।