इजरायल उन देशों में शुमार है, जिनकी सीमाएं, चौतरफा दुश्मन देशों से घिरी हैं। एक पड़ोसी ऐसा नहीं है, जिससे इजरायल की दोस्ती हो। चौतरफा इस्लामिक देशों से घिरा यह यहूदी देश अगर जंग न करे तो खुद खत्म हो जाए। 7 अक्तूबर 2023 के बाद दुनिया इजरायल की क्रूरता के किस्से सुना रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर पश्चिमी देशों तक, सबने एक सुर में इजरायल की कड़ी आलोचना की है, प्रतिबंधों का ऐलान किया है लेकिन इजरायल ने न ईरान को बख्शा है, न ही गाजा पट्टी में महीनों से जारी सैन्य तबाही रोकने के लिए तैयार हुआ है। अब इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बोला है।

हमला इतना खतरनाक था कि ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के चीफ हुसैन सलामी ढेर हो गए। लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकियों को बैकअप देने में ईरानी रिवॉल्यूशनी गार्ड की मदद जगजाहिर है। इजरायल ने  परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फिरेदून अब्बासी की भी मार दिया है।  इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष मोहम्मद मेहदी तेहरानची को भी इजरायल ने ढेर कर दिया है। इजरायल ने साफ ऐलान किया कि जब तक ईरान की तरफ से पैदा होने वाले हर खतरे को वह खत्म नहीं कर देगा, जंग नहीं रुकेगी।

 

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू:
कुछ वक्त पहले इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया है जो इसराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करने के लिए एक लक्षित सैन्य अभियान है। हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए थे। ईरान संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। अगर इसे नहीं रोका गया तो ईरान बहुत ही कम वक्त में परमाणु हथियार बना सकता है। इसमें कुछ महीने या एक साल से भी कम समय लग सकता है। यह इजराइल के अस्तित्व के लिए साफ खतरा है।  अब ये हमले उतने दिनों तक जारी रहेंगे, जितने दिनों तक जरूरत पड़ेगी।

 

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जल, थल, आकाश, हर तरफ दुश्मनों से घिरा है इजरायल


इजरायल का प्रतिरोध ही उसकी ताकत है। इजरायल के संबंध अपने पड़ोसियों से सबसे बुरे हैं। उत्तर में लेबनान, उत्तर-पूर्वी में सीरिया, पूरब में जॉर्डन और वेस्ट में फिलिस्तीन, दक्षिण पश्चिम में मिस्र और गाजा स्ट्रिप। एक देश और क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां से इजरायल हमले न झेलता हो। इजरायल के पश्चिम में भूमध्य सागर है। समुद्री हिस्सों में इजरायल के सामने लेबनान की चुनौती है। वहां मौजूद ईरान समर्थित आतंकी संगठन आए दिन हमला करते हैं। इजरायल का उत्तरी समुद्री हिस्सा सबसे ज्यादा असुरक्षित है। हिजबुल्लाह और  इजरायल के बीच 2006 में भी युद्ध हुआ था। इजरायल ने बड़ा सैन्य नुकसान झेला था। इजरायल के समुद्री इलाकों पर हमेशा खतरा मंडराता है। हमास इसी समुद्री इलाके में हथियार की तस्करी करता था। 

IDF सैन्य अधिकारियों के साथ बेंजामिन नेतन्याहू। (Photo Credit: IDF/X)

 

इजरायल के कितने दुश्मन देश?

  • ईरान
    वजह: इजरायल को मान्यता नहीं देता है। हमास और हिजबुल्लाह को ईरान हथियार देता है। परमाणु खतरे भी हैं। इजरायल, अपनी सुरक्षा में हमले करता है।
  • सीरिया
    वजह: इजरायल ने 1967 में सीरिया से गोलान हाइट्स छीन लिया था। सीरिया ईरान और हमास की मदद करता है।
  • लेबनान
    वजह: हिजबुल्लाह का गढ़ है। साल 2006 में जंग हुई थी। नुकसान दोनों पक्षों को हुआ था। इजरायल को देश के तौर पर लेबनान मान्यता नहीं देता है। 
  • यमन
    वजह: हूती विद्रोही इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते हैं। अमेरिका के लिए भी यह संगठन चुनौती है। 
  • इराक
    वजह: कुछ हिस्सों में ईरान समर्थित शिया मिलिशिया लड़ाके, इजरायल के लिए खतरे हैं।


इजरायल से भिड़ने वाले आतंकी संगठन कौन से हैं?

हमास
वजह: हमास और इजरायल के बीच विवाद वजह फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल का कब्जा है। यहूदी बस्तियां बसाने के भी हमास खिलाफ है। 7 अक्टूबर 2023 के बाद तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। 7 अक्तूबर 2023 का हमला, 1200 इजरायली नागरिक मारे गए। कई नागरिक बंदी बनाए गए।

हिजबुल्लाह
वजह: हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच जंग की मुख्य वजह लेबनान-इजरायल सीमा विवाद है। हिजबुल्लाह का ईरान समर्थन करता है। इजरायल इसे आतंकी संगठन मानता है। हिजबुल्लाह को इस पर ऐतराज है। हिजबुल्लाह के लड़ाके रॉकेट अटैक में माहिर हैं। 

हूती विद्रोही
वजह: यमन में हूती विद्रोही सक्रिय हैं। यह संगठन इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले करता है। हमास और हूती एक-दूसरे की मदद करते हैं। ईरान हूतियों को पालता है। लाल सागर में इजरायल के जहाजों पर सबसे बड़ा खतरा इसी संगठन से बना रहता है।

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1 करोड़ से कम आबादी, हरियाणा से छोटा इजरायल   


 
इजरायल की आबादी 1 करोड़ से भी कम है। 2025 की जनगणना के मुताबिक इजरायल की आबादी करीब 95 लाख है। जितनी आबादी दिल्ली की है, उससे भी कम आबादी वाले इस देश की ताकत, यहां की सेना है। इजरायल का क्षेत्रफल महज 20,770 वर्ग किलोमीटर है। इजरायल का क्षेत्रफल दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों से भी कम है। 

अल अक्सा और इस्लामिक देशों से रंजिश की कहानी


इजरायल दुनिया का इकलौता यहूदी राष्ट्र है, वह भी इस्लामिक देशों के बीचो-बीच। कई इस्लामिक देश उसे मान्यता तक नहीं देते। 1948 में स्थापित इजरायल को इस्लामिक देश, इस्लामिक जमीन पर कब्जे के तौर पर देखते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन के साथ सीमा विवाद, सबसे हिंसक रही है। इस्लामिक देशों का कहना है कि पूरी दुनिया के क्रिश्चियन और यहूदी मिलकर, फिलिस्तीन में मु्स्लिमों का उत्पीड़न करते हैं।

साल 1948 में अपनी स्थापना के बाद से ही इजरायल और अरब देशों में संघर्ष होता रहा है, जिससे यह दुश्मनी बढ़ती गई। इजरायल और इस्लामिक देशों के बीच अल-अक़्सा मस्जिद भी विवाद की वजह है। अल-अक्सा मस्जिद, यरुशलम में  है। यह इस्लाम, क्रिश्चियन और यहूदी तीनों धर्मों के लिए पवित्र है। यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं, जहां उनका प्राचीन मंदिर था। इजरायल का इस हिस्से पर नियंत्रण है। यहूदी यहां अपनी उपासना पद्धति से आराधना करते हैं, जो इस्लामिक देशों को खटकता है। 

अल अक्सा मस्जिद। (Photo Credit: Social Media)

 

 

'कमजोर' होकर भी इतना खतरनाक कैसे?

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (IISS) के मुताबिक इजरायल के पास 6 लाख 56 हजार से ज्यादा सेना है। सक्रिय सैनिकों की संख्या 1,73,000 है। 4,65,000  सैनिकों को रिजर्व रखा गया है। 
इजरायल की थल सेना में करीब 1,26,000 सैनिक हैं, वायु सेना में 34,000 और नौसेना में 13,000 सैनिक। इजरायल के पड़ोसी देशों की तुलना में सैन्य क्षमता ज्यादा मजबूत है। 

ज्यादातर इजरायल के दुश्मन देश, इस्लामिक अतिवाद को बढ़ावा देते हैं इसलिए अमेरिका की दुश्मनी झेलते हैं। इजरायल को अमेरिका मदद देता है। इजरायल की सेना, दुनिया के 145 देशों में 18वें पायदान पर है। 

इजरायल में डिफेंस सर्विस लॉ, 1949 लागू है। इसे इजरायल की स्थापना के तत्काल बाद लागू किया गया था। यह अधिनियम इजरायल में 18 साल की उम्र के सभी यहूदी, ड्रूज़, सर्कसियन पुरुषों के लिए 32 महीनों की सैन्य ट्रेनिंग अनिवार्य करता है। महिलाओं के लिए भी 24 महीने की ट्रेनिंग अनिवार्य है। इजरायल का हर नागरिक, पूर्व सैनिक होता है। बचपन से ही स्कूलों में सैन्य ट्रेनिंग दी जाती है और देश प्रेम सिखाया जाता है।

 

इजरायल अपनी हिफाजत कैसे करता है, क्या है सेना की ताकत? 

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इजरायल की खुफिया एजेंसियां कौन सी हैं?

  • मोसाद
    काम: दुश्मन को घर में घुसकर मारना, विदेश जमीन में इजरायल के खिलाफ हर साजिश को नाकाम करना।
  • शिन बेट
    काम: आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद रोकथाम और खुफिया डेटा जुटाना।
  • अमन
    काम: सीरिया और लेबनान पर निगरानी करना।
  • यूनिट 8200
    काम: साइबर खुफिया, सिग्नल इंटेलिजेंस, हैकिंग और तकनीकी निगरानी करना। 

 

IDF सैन्य अधिकारियों के साथ बेंजामिन नेतन्याहू। (Photo Credit: IDF/X)



इजरायल में दुश्मन के हमलों से बचने के लिए घर कैसे होते हैं?

इजरायल के घरों को बम शेल्टर के तौर पर विकसित किया जाता है। साल 1990 के बाद से ही हर घर और अपार्टमेंट में शेल्टर होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि घर का एक कमरा बंकर की तरह होता है। इसकी दीवारें मोटी कंक्रीट से नी होती हैं, स्टील और दूसरी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे रॉकेट और मिसाइल हमले से बचा जा सके। 

इजरायल में कम्युनिटी शेल्टर भी होते हैं। इजरायल में रॉकेट अटैक और ड्रोन हमलों से पहले सायरन सिस्टम बज जाता है, जिससे लोग छिप जाते हैं। इजरायल एक युद्धग्रस्त देश है, इसिए यहां हमेशा आपातकालीन स्थिति के लिए लोग तैयार रहते हैं। घरों को रक्षा मंत्रालय के नियमों के मुताबिक ही बनाया जाता है। 

 

हर तरफ दुश्मन, फिर कैसे बच जाता है इजरायल, समझिए 

 

  • आयरन डोम: 90 प्रतिशत हमले हवा में ही नाकाम हो जाते हैं। यह सिस्टम रडार, मिसाइल कंट्रोल यूनिट और लॉन्चर्स के संयोजन से बनता है।
  • डेविड्स स्लिंग: मध्यम दूरी की मिसाइलों को हवा में तबाह कर देता है।
  • एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम: यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को तबाह करता है। 
  • मल्टी-लेयर डिफेंस: इजरायल की रक्षा प्रणाली कई स्तरों पर काम करती है, जिसमें रडार, ड्रोन, और सैटेलाइट्स शामिल हैं।
  • मोसाद और शिन बेट: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और शिन बेट हमलों की पहले से जानकारी जुटाती हैं और उन्हें रोकने में मदद करती हैं।
  • IDF: इजरायल की सेना हमेशा अलर्ट रहती है। गाजा, लेबनान और सीरिया की सीमाओं पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर होती है। अगर इजरायल खतरा भी महसूस करता है तो मिसाइल दाग देता है। 

 

सैन्य ऑपरेशन पर IDF। (Photo Credit: IDF/X)

 

इजरायल की सेनाओं के पास ऐसा है क्या?

  • थल सेना के पास क्या है?
    1,370 टैंक, 43,407 सैन्य वाहन, मर्कवा टैंक जैसे उन्नत हथियार, अत्याधुनिक तोप और बंदूकें।
  • वायुसेना के पास क्या है?
    601 एयरक्राफ्ट, 241 फाइटर जेट्स, F-35 लाइटनिंग II, 50 से ज्यादा अटैक हेलिकॉप्टर, अत्याधुनिक ड्रोन और मिसाइल।
  • नौसेना के पास क्या है?
    7 कॉर्वेट और 5 सबमरीन और C-डोम जैसा डिफेंस सिस्टम।
  • परमाणु हथियार: इजरायल कभी नहीं मानता कि उसके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन कई रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि इस देश के पास 100 से 200 परमाणु हथियार हो सकते हैं।
  • अमेरिकी और नाटो देशों की मदद
    अमेरिकी, इजरायल का कट्टर दोस्त है। नाटो के देश भी इजरायल को हथियार देते हैं। हमास और अन्य आतंकी संगठनों से लड़ने के लिए इन देशों से इजरायल को मदद मिलती है। इस्लामिक देश, इसी वजह से अमेरिका की आलोचना भी करते हैं।