भारत में स्थित ईरानी दूतावास की ओर से जानकारी दी गई है कि ईरान में लापता हुए तीनों भारतीयों का पता चला गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इन तीनों का पता चलने के बाद पुलिस ने रेस्क्यू किया और तीनों को छोड़ दिया है। पिछले हफ्ते ही भारत के विदेश मंत्रालय ने इन तीनों के मामले पर कहा था कि ईरान के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है। ईरानी दूतावास ने भी यह जानकारी दी है।
 

ईरानी दूतावास ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा, 'तीन लापता भारतीय नागरिक मुक्त करा लिये गये हैं।'  संगरूर के हुसनप्रीत सिंह, एसबीएस नगर और होशियारपुर से अमृतपाल सिंह लापता हुए थे। तीनों 1 मई को ईरान पहुंचे और लापता हो गए। लापता लोगों के परिजन कह रहे हैं कि उन्हें सूचना मिल गई है कि उनके अपनों की सुरक्षित रिहाई को हई है। ईरान में तीनों युवकों का अपहरण हो गया था। 

तीनों लोग, एक स्थानीय ट्रैवल एजेंट के जरिए ऑस्ट्रेलिया में नौकरी के वादे पर गए थे। अपहरणकर्ताओं ने उनसे 50 लाख रुपये की मांग की थी। परिवार के लोगों को घायल हालत में तस्वीरें भेजी थीं। तेहरान पुलिस ने वरमिन इलाके में एक ऑपरेशन चलाया, जिसमें तीनों को बाहर निकाल लिया। 




'ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे, बंधक बना लिए गए'


तीनों नागरिक पंजाब से हैं। उन्हें 1 मई को ऑस्ट्रेलिया जाते वक्त ईरान में रोक लिया गया था। एक स्थानीय ट्रैवेल कंपनी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में काम दिलाने का वादा किया था। स्थानीय मीडिया में यह दावा किया गया है कि दक्षिण तेहरान में बंधक बनाने वाले समूहों के चंगुल से पुलिस ने उन्हें छुड़ा लिया है। 

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कैसे सामने आया मामला?

भारतीय दूतावास ने 28 मई को लापता लोगों के परिवारवालों से बात की थी। परिवार के लोगों ने दूतावास में शिकायत की थी कि उनके अपने लापता हो गए हैं, अचानक से उनके बारे में जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिल रही है।

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'ईरान में लापता हुए, पुलिस ने छुड़ाया'


तीनों परिवार के सदस्यों ने लगातार भारतीय दूतावास के साथ संपर्क बनाए रखा। अब उन्हें बंधकों के चंगुल से छुड़ा लिया गया है। ईरान जाने के बाद ही वे लापता हुए थे। ईरानी एंबेसी ने इसके अगले दिन दावा किया कि ईरानी विदेश मंत्रालय का कांसुलर अफेयर विभाग केस की छानबीन कर रहा है। ईरानी एंबेसी ने भारतीयों को संदेश भी दिया कि किसी भी प्राइवेट एजेंसी के बहकावे में न आएं। दूसरे देशों की यात्रा बिना वीजा के न करें।