साल 2024 वैश्विक स्तर की कई अहम घटनाओं के लिए चर्चा में रहा। कई देशों में युद्ध चलते रहे तो कहीं समझौते हुए। कुछ देशों में तख्तापलट हुआ तो कहीं की राजनीतिक दिशा ही बदल गई। पाकिस्तान और अमेरिका में चुनाव हुए जो कई वजहों से चर्चा में रहे। भारत को अपने राजनयिक संबंधों को साधने में खूब मेहनत करनी पड़ी तो इन घटनाओं का असर वैश्विक राजनीति पर भी पड़ा।

 

अरब देशों की आपसी उथल-पुथल हो, भारत के पड़ोसी राज्यों की डांवाडोल स्थिति हो या फिर रूस-यूक्रेन का युद्ध, साल 2024 में हुई वैश्विक घटनाएं 2025 की भी दिशा तय करने वाली हैं। ऐसे में इनके बारे में जानना और इन्हें याद रखना बहुत जरूरी है। आइए इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं…

इब्राहिम रईसी की हादसे में मौत

 

ईरान के राष्ट्रपति रहे इब्राहिम रईसी 19 मई 2024 को एक हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए। इस हादसे के दौरान उनकी सरकार के कई मंत्री भी हेलिकॉप्टर में ही सवार थे। यह हादसा अजरबैजान और ईरान की सीमा के पास हुआ। वह ऐसे दूसरे ईरानी राष्ट्रपति बने जिनकी मौत अपने कार्यकाल के दौरान ही हुई। इससे पहले साल 1981 में मोहम्मद अली रजई भी एक हादसे में मारे गए थे।

बांग्लादेश में तख्तापलट

 

भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश इस साल खूब चर्चा में रहा। दशकों से सरकार चला रहीं शेख हसीना को अगस्त के महीने में अपना ही देश छोड़कर भारत में सड़क लेनी पड़ी और विद्रोहियों ने तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली। आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन इतना हिंसक हुआ कि अल्पसंख्यक खतरे में आ गए। हिंदुओं को भी कई तरह के अत्याचार का सामना करना पड़ा और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भी हमलों की बात स्वीकार की है।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत

 

तमाम कयासों के विपरीत रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने 312 इलेक्टोरल वोट के साथ बंपर जीत हासिल की। वहीं, डेमोक्रैटिक पार्टी की कमला हैरिस 226 वोटों के साथ चुनाव हार गईं। चुनाव की शुरुआत में जो बाइडन ही उम्मीदवार थे लेकिन चुनाव के बीच में वह पीछे हट गए और उनकी जगह पर कमला हैरिस को चुनाव में उतारा गया। अब डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं।

सीरिया में तख्तापलट

 

अब सीरिया में भी तख्तापलट हो चुका है। लंबे समय से सीरिया में सरकार चला रहे बसर-अल-असद विद्रोहियों के आगे मजबूर हो गए और देश छोड़कर फरार हो गए। अलेप्पो पर कब्जा करने के बाद विद्रोहियों ने लगभग पूरे देश पर कब्जा कर लिया है और कहा जा रहा है कि उन्हीं की सत्ता चलने वाली है।

ऋषि सुनक की हार

 

इसी साल ब्रिटेन में भी चुनाव हुए। भारतीय मूल के ऋषि सुनक प्रधानमंत्री रहते हुए चुनाव में उतरे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को लेबर पार्टी के हाथों करारी शिकस्त मिली। लेबर पार्टी ने 650 में से 400 से ज्यादा सीटें जीतकर बंपर बहुमत की सरकार बनाई और कीर स्टॉर्मर अगले प्रधानमंत्री बन गए।

पाकिस्तान चुनाव

 

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसी साल राष्ट्रीय स्तर के चुनाव हुए। चुनाव से कुछ समय पहले ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान जेल भेज दिए गए थे और वह जेल में ही रह गए। इसके बावजूद नतीजों में इमरान के बहुत सारे समर्थक निर्दलीय जीते लेकिन आखिर में शहबाज शरीफ की अगुवाई में गठबंधन सरकार बनी। इमरान खान भी अपनी जीत का दावा करते रहे लेकिन आखिर में नवाज शरीफ के भाई शहबाज ही सरकार बनाने में कामयाब रहे।

इजरायल संघर्ष

 

इजरायल पिछले साल से ही हमास के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस साल हिजबुल्लाह के आतंकियों ने भी इजराल पर हमला बोला। बदले में इजरायल ने जोरदार पलटवार किया। इतना ही नहीं, इजरायल ने लेबनाने के बेरुत में बैठे हिज्बुल्ला चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया। इस हमले के बाद ईरान ने भी प्रतिक्रिया देने की कोशिश की लेकिन वह ज्यादा कुछ नहीं कर सका। अभी भी इजरायल चौतरफा हमले झेल रहा है और सीरिया, लेबनान, ईरान, गाजा और हमास पर भी हमले कर रहा है।

भारत कनाडा संबंध

 

साल 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के संबंध खराब हुए। एक तरफ कनाडा ने इस हत्या में भारत की साजिश के आरोप लगाए। दूसरी तरफ, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को वापस भेजकर इस विवाद को और हवा दे दी। भारत और कनाडा दोनोें ने ही इस मामले को वैश्विक स्तर पर भी उठाया।

भारत-चीन संबंध

 

BRICS सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने से ठीक पहले भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रही बातचीत एक नतीजे पर पहुंचे। भारत और चीन ने पैंगोंग, डेमसोक और अन्य विवादित क्षेत्रों में पुरानी स्थिति बरकरार रखने पर सहमति बनाई। इसके बाद दोनों देशों की सेनाएं पूर्व की स्थिति में लौट गईं और उस क्षेत्र में गश्त भी शुरू कर दी गई।

रूस-यूक्रेन संघर्ष

 

साल 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध अभी भी जारी है। दोनों देशों को खूब नुकसान हुआ है, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, हजारों मारे गए हैं लेकिन यह युद्ध अभी भी जारी है। दोनों देश एक-दूसरे के कुछ इलाकों पर कब्जा किए बैठे हैं लेकिन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इतने सालों में यूक्रेन ने अपने कुछ इलाके रूस के कब्जे से मुक्त कराए हैं तो कुछ हिस्से उसे छोड़ने भी पड़े हैं।