अतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों की धर-पकड़ करने में मदद करने वाली संस्था इंटरपोल एक नए तरह के नोटिस को शुरू किया है। इस नोटिस का नाम सिल्वर नोटिस है और यह मनी लॉन्डरिंग से जुड़े मामलों में पता लगाने के लिए प्रयोग की जाएगी।

 

यह एक तरह का पायलेट प्रोजेक्ट है और भारत भी इसमें भागीदार है। 

क्या है नया?

अभी तक इंटरपोल द्वारा जारी की जाने वाली नोटिस किसी न किसी तरह से क्रिमिनल मामलों से संबंधित थीं. यह नोटिस आर्थिक मामलों संबंधित है। इस नोटिस के जारी होने के बाद मनी लॉन्डरिंग के बाद देश छोड़कर भागने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। सिल्वर नोटिस के जरिए उन क्रिमिनल्स की संपत्तियों का पता लगाया जा सकेगा जिन्होंने अवैध रूप से कमाए गए पैसे को इस उम्मीद में किसी टैक्स हीवेन देश में ट्रांसफर कर दिया है कि इसके बारे में कभी पता नहीं लग सकेगा।

 

सिल्वर नोटिस मनी लॉन्डरिंग को लेकर अलग अलग देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा। पायलट प्रोजेक्ट फेज में भारत सहित 52 देश इसमें शामिल हैं और फिलहाल 500 नोटिस जारी किया जाना है। इटली पहला देश है जिसने सिल्वर नोटिस जारी करने की अपील की है। 

 

सिल्वर नोटिस के जरिए मनी लॉन्डरिंग करने वाले शख्स की संपत्तियों, गाड़ी, बैंक अकाउंट, बिजनेस इत्यादि के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी।

 

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कौन से हैं 8 तरह के नोटिस

वर्तमान में, सिल्वर नोटिस के अलावा इंटरपोल आठ अलग-अलग तरह के नोटिस जारी करता है।

 

रेड नोटिस

वॉन्टेड अपराधियों का पता लगाकर उन पर मुकदमा चलाने और सजा सुनाने के लिए

 

यलो नोटिस

खुद की पहचान न बता पाने वाले या लापता हुए लोगों की मदद करने के लिए

 

ब्लू नोटिस

आपराधिक मामलों में किसी की पहचान और लोकेशन के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए

 

ब्लैक नोटिस

अज्ञात शव के बारे में जानकारी जुटाने के लिए

 

ग्रीन नोटिस

अगर कोई शख्स सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हो तो उसकी आपराधिक गतिविधि के बारे में आगाह करने के लिए

 

ऑरेंज नोटिस

सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले व्यक्ति, वस्तु या किसी घटना के बारे में आगाह करने के लिए

 

पर्पल नोटिस

अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली चीजों, उनके तरीकों और उनके गायब होने के तरीकों की जानकारी के लिए

 

स्पेशल नोटिस

UN सिक्योरिटी काउंसिल सैंक्शन्स कमेटी के निशाने पर चल रहे लोगों के लिए

भारत को कैसे होगा फायदा

भारत की बात करें तो इससे भारत को काफी फायदा होने वाला है। मौजूदा वक्त में भारत से करीब 10 लोग ऐसे हैं जो कि किसी न किसी तरह से मनी लॉन्डरिंग या अन्य फ्रॉड से जुड़े मामलों को लेकर भारत के बाहर हैं। उन्होंने काफी मात्रा में भारत से धन बाहर भेजा है। अब इस नोटिस के बाद उनका पता लगाना आसान हो जाएगा।