इजरायल ने ईरान के दो F-5 सैन्य विमानों को डेज़फुल एयरपोर्ट पर मार गिराया है। इजरायल की की डिफेंस फोर्सेज ने इस बात की जानकारी दी। आईडीएफ के मुताबिक इजरायल ने 8 लॉन्चर को निष्क्रिय कर दिया, जिनमें से छह को इज़रायल की ओर तुरंत लॉन्च करने के लिए तैयार किया गया था। 20 से अधिक ईजराइली एयरफोर्स लड़ाकू विमानों ने ईरान में दर्जनों सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें विस्फोटक सामग्री बनाने के लिए मटीरियल रखने वाली एक सैन्य साइट भी शामिल है।

 

इसके मुताबिक इस्फ़हान हवाई अड्डे पर सैन्य बुनियादी ढांचे की साइटों पर हमला किया गया, ताकि ईरानी वायु सेना को सैन्य बुनियादी ढांचे का उपयोग करने से रोका जा सके। ईरान ने रविवार की सुबह तीन प्रमुख ईरानी परमाणु फेसिलिटी पर हवाई हमले करने के बाद इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की अपनी पहली बौछार शुरू कर दी थी। ईरान के सरकारी मीडिया ने इस दौरान कहा कि 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जबकि इजरायल के कुछ हिस्सों में सायरन बजने लगे, जबकि यरुशलम में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। इजरायली सेना ने कहा कि वह ईरान से आने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए काम कर रही है। ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद इजरायल ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था।

ईरान ने भी किया था हमला

इसके अलावा ईरान के सशस्त्र बलों ने रविवार को कहा कि उन्होंने बेन गुरियन हवाई अड्डे सहित इज़राइल में कई स्थलों को निशाना बनाया, जिसमें विनाशकारी वारहेड पावर  के साथ लंबी दूरी की तरल और ठोस ईंधन मिसाइलों का कॉम्बिनेशन शामिल था। इसका टारगेट बायोलॉजिकल, लॉजिस्टिक बेस थे। इज़राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ईरानी मिसाइल हमलों के इस दौर में कम से कम 86 लोग घायल हुए, जिनमें से दो की हालत खराब है, 77 की हालत ठीक है।

 

 

इज़रायल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने X पर पोस्ट किया, ‘ईरान के एक और मिसाइल हमले के कारण इज़रायल भर में सायरन बज रहे हैं।’ ईरान का यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों—फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान—पर हमला किया। एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि इन हमलों में B-2 बॉम्बर विमानों का इस्तेमाल हुआ।

ट्रंप ने दी थी धमकी

ट्रंप ने टीवी पर कहा, ‘ये हमले सैन्य रूप से बहुत सफल रहे। ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।’ ईरान को ‘मध्य पूर्व का गुंडा’ कहते हुए, ट्रंप ने कहा कि अब ईरान को शांति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर वे ऐसा नहीं करते, तो भविष्य के हमले और भी बड़े होंगे।’

 

पिछले शुक्रवार से दोनों देशों के बीच शुरू हुए संघर्ष के बाद से ईरान और इज़रायल एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। युद्ध तब शुरू हुआ जब इज़रायली सेना ने ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’ शुरू किया और ईरानी शहरों पर हमला किया, यह कहते हुए कि तेहरान परमाणु हथियार बनाने के करीब था।

नेतन्याहू ने अमेरिका की तारीफ की

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी सेना के ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और कहा कि उनका ‘साहसिक फैसला’ इतिहास बदलेगा। नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘बधाई हो, राष्ट्रपति ट्रंप। ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका की ताकत से हमला करने का आपका साहसिक फैसला इतिहास बदलेगा।’

 

उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन में इज़रायल ने कमाल किया, लेकिन आज रात ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका का काम बेजोड़ रहा। इतिहास में दर्ज होगा कि ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को सबसे खतरनाक हथियार बनाने से रोका।’

 

नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व ने एक इज़रायलऐतिहासिक मोड़इज़रायल बनाया है, जो मध्य पूर्व और उससे आगे शांति और समृद्धि ला सकता है। उन्होंने कहा, इज़रायलईश्वर अमेरिका को आशीर्वाद दे। ईश्वर इज़रायल को आशीर्वाद दे। हमारी मजबूत गठबंधन और अटूट विश्वास को आशीर्वाद दे।’