साल 1952, इजरायल ने परमाणु आयोग का गठन कर लिया। 1955 में इजरायल ने अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर कॉपरेशन एग्रीमेंट पर दस्तखत कर दिया। फ्रांस ने 1957 में इजरायल को हैवी वाटर मोडरेटर रिएक्टर सौंपा। 1966 से 1967 के बीच इजरायल ने परमाणु हथियार बनाना शुरू कर लिया था। दुनिया इस बात से अनजान थी। 1986 में परमाणु प्लांट में काम करने वाले एक वैज्ञानिक ने ये जानकारी लंदन पहुंचकर लीक कर दी। इसका बदला जिस तरह से इजरायल ने लिया, उसे दुनिया आज भी याद रखती है। इजरायल ने 'विषकन्या' का इस्तेमाल किया था। क्या है पूरी कहानी, आइए समझते हैं। 

 

वो बेइंतहा खूबसूरत थी। तीखे नैन-नक्श थे। अदाएं ऐसी कि हर उम्र के लोग उस पर जान लुटाने लगते। जब वो बोलती तो लोग उसे टकटकी लगाकर सुनते। जब वो चलती तो लोग उसे एक-टक देखने लगते। वो मुस्कराती तो लोग उस पर फिदा हो जाते। हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हिरोइनें भी उसके आगे पानी भरतीं। मगर वह बेवफा थी। उसने जो किया, उससे 'पहली नजर की मोहब्बत' वाली राह, दागदार हो गई। वह एक विषकन्या थी, इजरायल की विषकन्या, जिसने एक वैज्ञानिक की जिंदगी तबाह कर दी। ये कहानी, भरोसे के कत्ल की है। गुनहगार आशिक भी है, माशूका भी, जो बेवफा निकली।

 

26 साल की कमसिन हसीना। सलीके से लहराती जुल्फें। चश्मा और दिलकश अदा। ये वो सारी चीजें थीं, जिस पर मोर्दचाई वनूनू उस दिन मर मिटे थे। उन्हें कुछ समझ में नहीं आया, वे पहली नजर में ही मोहब्बत कर बैठे थे। उन्हें जरा भी खबर नहीं थी कि जिस लड़की पर वे जान छिड़क रहे हैं, वह उनकी जिंदगी को ऐसे तबाह करेगी कि वे किसी लायक नहीं रहेंगे। 

इजरायल की नजरों में उन्होंने ऐसा जुर्म कर दिया था, जिसकी कोई माफी नहीं थी। ये वतन से गद्दारी थी, जिसके लिए इजरायल किसी भी हद तक जा सकता था। उन्होंने दुनिया को इजरायल के परमाणु प्लांट का किस्सा सुना दिया था। उन्होंने बताया था कि कैसे इजरायल, अपने परमाणु हथियारों को 20 साल से बना रहा है और अब वह दुनिया का 6वां परमाणु संपन्न राष्ट्र बन गया है, जिसने भारत और पाकिस्तान जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। 


कैसे सिंडी की मोहब्बत में गिरफ्तार हुए वेनूनू?


मोर्दचाई वनूनू बताते हैं, 'मैंने एक अमेरिकी महिला को देखा था। वह सिगरेट खरीद रही थी। मैंने उसे देखा, उसने मुझे देखा। हम मुस्कराए। वो बेइंतहा खूबसूरत थी। मैं अकेला था और दोस्ती के लिए बेताब था। उसने अपना नाम सिंडी बताया। मैं समझ नहीं पाया। उसकी खूबसूरती मुझे अच्छी लगी। मैंने उससे दोस्ती करनी चाही। अगर वो मुझसे बात करने को बेताब होती तो शायद मैं एक बार शक भी कर पाता लेकिन मैंने ही पहल की थी। मैं उस पर शक कैसे कर सकता था कि वह मुझे अपने जाल में फंसा रही है। मैं खुद से ही हनीट्रैप में फंस गया था।'

चलती कार में किसिंग, रूम में इंटीमेट होने का प्लान फिर...

 

मोर्दचाई वनूनू को जरा भी शक नहीं हुआ ये लड़की उनकी माशूका नहीं, हनीट्रैप के जाल में फंसाने वाली इजरायली हसीना है। जब सिंडी ने उनसे कहा कि चलो रोम चलते हैं। सिंडी और वनूनू रोम में वीकेंड गुजारने वाले थे। मकसद था रोम में रोमांस। इजरायली परमाणु वैज्ञानिक जरा भी भांप नहीं पाया कि यह एक हनी ट्रैप है। रोम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट उतरती है। तेज रफ्तार कार सड़कों पर बेधड़क दौड़ती है। वेनूनू को सिंडी उलझाए रखती है। चलती कार में दोनों किसिंग करने लगते हैं। इंटिमेट होने की हद तक दोनों प्यार करते हैं। गाड़ी रोम के कस्बाई इलाके की ओर जा रही थी। दोनों एक रूम फाइनल करते हैं। इंटिमेट होने के लिए दोनों बेताब नजर आते हैं लेकिन फिर जो हो जाता है, उसकी कल्पना वेनूनू ने कभी नहीं की थी। वे बताते हैं, 'रूम खुलता है। हम रूम में जाते हैं, अचानक दो लोग पीछे से आते हैं, मुझे मारते हैं, एक शख्स कूद पड़ता है। एक खूबसूरत सी लड़की आती है, मुझे इंजेक्शन लगाती है और मैं बेहोश हो जाता हूं। इसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं।'

 

कार में बिताए अमेरिकन हसीना के साथ वे 40 मिनट, वनूनू को 18 साल की गुलामी में झोंकने वाले थे और उन्हें जरा भी भरोसा नहीं था। संडे टाइम्स को हफ्तों तक पता नहीं चला कि वेनूनू आखिर गए कहां हैं। पत्रकार चाहते थे कि इससे जुड़ी कुछ और कहानियां, इंटरव्यू छापें लेकिन वेनूनू गुमशुदा थे।

 

रोम से किडनैप होकर पहुंचे इजरायल

 

संडे टाइम्स को जरा भी खबर नहीं थी कि वेनूनू रोम से बेहोशी की हालत में इजरायल लाए जा चुके हैं। संडे टाइम्स की कहानियां दुनियाभर में खूब चलीं लेकिन जब इस अखबार ने इजरायल सरकार से सवाल किया कि कहां वेनूनू चले गए हैं, वे नजर क्यों नहीं आ रहे हैं, आपने उनके साथ किया क्या है, सरकार ने कहा कि हमें कोई खबर ही नहीं है कि वह कहां हैं। 

 

इजरायल मानता है वनूनू को सबसे बड़ा गद्दार


संडे टाइम्स की जिस हेडिंग ने दुनिया में तहलका मचाया था, उसका शीर्षक था, 'Revealed: the secrets of Israel's nuclear arsenal'। न्यूक्लियर प्रोजक्ट की तस्वीरें, अखबार के पहले पन्ने पर छपी थीं। जिस राज को इजरायल दशकों से दबा रहा था, वह खुल चुका था। 5 अक्टूबर 1986 को द संडे टाइम्स ने इजरायल की कथनी और करनी, दुनिया को पता चल चुकी थी।

वेनूनू ने पंगा इजरायल से लिया था। इजरायल जिस खबर को सालों से दबा रहा था, उसके सबूत वेनूनू, लंदन में संडे टाइम्स को बांट आए थे। उसने इजरालय के एटमिक लैब की तस्वीरें खींची थीं। सबूत जुटाए थे। न्यूक्लियर हथियारों के मॉडल की तस्वीरें क्लिक की थीं। इजरायल के लोग मानते हैं कि उसने गद्दारी की थी, जिसकी उसे सजा मिली थी। सजा दिलाने के लिए इजरायल ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया था, वह थी सिंडी। 

 

क्यों मोसाद ने लिया हनीट्रैप का सहारा?


अगर इजरायल सीधे लंदन में घुसकर उसे उठाता तो ये मुमकिन नहीं था। न ही वह ब्रिटेन जैसे देश से पंगा लेता। उसने तरीका ही दूसरा चुना। वैज्ञानिक को मोहब्बत के जाल में फंसाया, रोम लाया और वहीं से उसे किडनैप कर लिया। 

 

कैसे खुला किडनैपिंग का ये राज?


जब वेनूनू को होश आया तो उन्होंने अपने हाथ पर जो लिखा, उससे दुनिया को मैसेज चला गया कि कैसे इजरायल ने उन्हें गिरफ्तार किया है। उन्होंने अपने हाथ पर लिखा था, 30 सितंबर 1986 को मुझे इटली की राजधानी रोम से किडनैप कर लिया गया।

 

कुछ साल पहले उन्होंने प्रतिबंधों के बाद भी एक ऑस्ट्रेलियन टीवी चैनल के साथ वेनूनू ने इंटरव्यू में कहा भी था, 'मेरे साथ गद्दार और हत्यारे की तरह जेल में बर्ताव हुआ। मुझे जेल की सेल में अकेले रखा गया। मैंने 18 साल कैद में गुजारे थे। मैंने किसी की हत्या नहीं की थी। मैं हत्यारा नहीं था। यह मेरे लिए बेहद डरावना था। मैं 11 साल तक जेल में रहा। मैं भी एक परिवार चाहता था, यूं जिंदगी अकेले नहीं गुजारनी थी लेकिन अब ताउम्र अकेले रहना है। गद्दार होने के कलंक के साथ।' 

 

क्या इजरायल को इंटरनेशनल क्राइम पर अफसोस है?

 

डिफेंस कमेटी के उस जमाने में चेयरमैन रहे युवल स्टीनित्ज़ बताते हैं कि हमने अगर रोम से उसे उठाया तो कोई अपराध नहीं किया। अगर कोई नागरिक, देश के साथ गद्दारी करता है तो उसका अपहरण अपराध नहीं है। हम अपने देश के हिफाजत के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसे कहीं से भी गलत नहीं कहा जा सकता है। ये देश की सुरक्षा का सवाल है।

 

मोर्दचाई वनूनू के बारे में क्या सोचते हैं इजरायल के लोग?

 

इजरायल की गलियों में मोर्दचाई वनूनू को लोग आज भी गद्दार कहते हैं। ज्यादातर लोग कहते हैं कि उसने अपने किए की सजा भुगती है। कुछ लोग कहते हैं कि उसे नरक में जाना चाहिए। उसे जिंदा रहने का हक नहीं है। उसे हमेशा जेल में रहना चाहिए क्योंकि उसने देश के साथ गद्दारी की है। इजरायल की समाजिक व्यवस्था शायद ऐसी की है। इजरायल के लोग कट्टर देशभक्त होते हैं, जिनकी नजर में देश से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक करना, गंभीर आपराध है, गद्दारी है। इजरायली इसे देश की हत्या जैसा मानते हैं। 

 

उस हसीना की मोहब्बत से कभी बाहर नहीं निकल पाए वनूनू


मोर्दचाई वनूनू जेल से बाहर हैं लेकिन कैद जैसी स्थिति में ही हैं। वे इजरायल से बाहर नहीं जा सकते हैं। उन पर सरकार ने पाबंदी लगाई है, वे जहां जाते हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन को बताकर जाते हैं। इजरायली सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी ही दूर पर एक चर्च है, जहां वे जाकर प्रार्थना करते हैं। उन्होंने जेल से रिहा होने के बाद कभी शादी नहीं की। उन्हें अफसोस है कि उनके पास कोई परिवार नहीं है। वे वैज्ञानिक थे, एक परिवार चाहते थे, जिसकी पहल उन्होंने की तो जेल हो गई। शायद अब भी उन्हें वो हसीना याद आती हो जिसने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी। सिंडी कहा है, उसके बारे में सिर्फ खबरें हैं।

 

कौन थी वो हसीना?


इजरायली वैज्ञानिक के साथ हनीट्रैप करने वाली हसीना का नाम शेरेल बेन तोव था। कुछ लोग उसे शेरेल हनीन के तौर पर भी जानते हैं। हनीट्रैप के इस खेल में उसका कोड नेम सिंडी रखा गया था। उसका जन्म 1960 में इजरायल में हुआ था। वह महज 26 साल की उम्र में मोसाद की सबसे चर्चित जासूस बन गई थी। उसके बारे में कई खबरें चलीं। ज्यादातर रिपोर्ट में कहा गया कि वह अमेरिका में पैदा हुई थी लेकिन इजरायल उसका परिवार चला गया था। वह पेंसिल्वेनिया, ओरलैंडो और फ्लोरिडा में रही। वह एक यहूदी थी। उसे पिता का नाम स्टीनले हनीन था।उसकी स्कूलिंग एलेग्जेंडर मस इंस्टीट्यूट ऑफ इजरायल एजुकेशन में हुई। यह स्कूल होड हैशरॉन में है। 

 

साल 1978 में उसने ग्रेजुएशन पूरा किया और सेना में भर्ती हो गई। उसने इजरायली खुफिया अधिकारी ओफेर बेन तोव से शादी की थी। वह खुद भी खुफिया अधिकारी थी। उसे 1985 में मोसाद ने ट्रेनिंग दी थी। कहते हैं कि वह अब फ्लोरिडा में अपने पति के साथ सेटल हो गई है और रियल स्टेट का कारोबार करती है। जब वनूनू अप्रैल 2004 में जेल की सजा काटकर रिहा हुआ तो उसने जो कहा वह हैरान करने वाला रहा। उसने कहा, 'मुझे भरोसा नहीं होता कि सिंडी मोसाद में काम करती थी। ऐसा हो सकता है कि वह FBI या CIA एजेंट रही हो। मैंने उसके साथ एक हफ्ता बिताया है। मैंने उसकी तस्वीरें देखी हैं। वह फिलाडेल्फिया की रहने वाली है।'

 

संडे टाइम्स की इस रिपोर्ट पर तिलमिला गया था इजरायल


मोर्दचाई वनूनू के हवाले से संडे टाइम्स ने 5 अक्टूबर 1986 को एक रिपोर्ट छापी। खबर थी, 'इजरायल के न्यूक्लियर प्लांट माचोन-2 में काम करने वाले मोर्दचाई वनूनू ने बताया है कि इजरायल 20 साल से अपने परमाणु हथियार बना रहा है। अब इस प्लांट से थर्मोन्यूक्लियर हथियार बन रहे हैं, जो कई शहरों को तबाह करने के लिए काफी होते हैं। 31 साल के परमाणु वैज्ञानिक मोर्दचाई वनूनी, 10 साल से माचोन प्लांट में न्यूक्लियर टेक्नेशियन के तौर पर काम करते हैं। इस बंकर से ही इजरायल के न्यूक्लियर रिसर्च इंस्टीट्यूट डिमोना में जानकारियां भेजी जाती हैं। अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के बाद इजरायल दुनिया का 6वां सबसे ताकतवर परमाणु हथियार संपन्न मुल्क बन गया है।

 

इजरायल के पास भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इजरायल 20 साल से हथियार बना रहा है, इजरायल प्लूटनियम को सैटेलाइट की नजरों से छिपकर निकाल रहा है और प्रॉसेस कर रहा है। फ्रांसिसी तकनीक से इजरायल ऐसा कर रहा है।' इस रिपोर्ट में कई ऐसी बातें थीं, जिसके बाद इजरायल तमतमा गया था। वह किसी भी हाल में मोर्दचाई वनूनू को पकड़ना चाहता था। इंग्लैंड में घुसकर ऐसा कर पाना मुश्किल था तो इजरायल ने हनी ट्रैप के रास्ता चुना। फिर क्या हुआ, खुद मोर्दचाई दुनिया को बता चुके हैं।