इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ युद्ध के अपराध के आरोप में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। हालांकि, इससे कोई ज्यादा फर्क पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि  इजरायल और उसके प्रमुख सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका, इस कोर्ट के सदस्य नहीं हैं।

क्या है आरोप

आजतक की खबर के मुताबिक आरोप में यह भी कहा गया है कि कोर्ट को यह मानने के लिए उचित आधार भी मिला है कि नेतन्याहू ने जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया और जरूरी सहायता रोक दी, जिससे कई लोगों को संकट का सामना करना पड़ा।

शांति की कितनी है संभावना

हमास के कार्यवाहक गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने बुधवार को कहा था कि जब तक फिलिस्तीनी क्षेत्र में जंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक इज़रायल के साथ बंधकों और कैदियों की अदला-बदली का कोई सवाल नहीं उठता।

 

आरोप है कि इज़रायल ने गाज़ा में नागरिकों के लिए भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे तमाम बच्चों की मौत हो गई और कई लोगों को संकट का सामना करना पड़ा।

नेतन्याहू ने की निंदा

नेतन्याहू और अन्य इज़रायली नेताओं ने आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान के वारंट के अनुरोध की निंदा की है, जिसे अपमानजनक और यहूदी विरोधी बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अभियोजक की निंदा की और हमास के खिलाफ़ खुद का बचाव करने के इज़रायल के अधिकार का समर्थन किया।