मंगलवार सुबह करीब 9 बजकर 5 मिनट पर तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप की वजह से अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 लोग घायल हैं। 

 

भूंकप के झटके इतने ज्यादा तेज़ थे कि इसका असर नेपाल, भूटान और भारत के बंगाल, बिहार से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया गया।


क्षेत्रीय आपदा राहत हेडक्वॉर्टर के मुताबिक भूकंप का केंद्र तिब्बत ऑटोनॉमस क्षेत्र के डिंगरी काउंटी क्षेत्र में था। भूकंप धरती की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था। 

क्या हैं खास बिंदु

- नेपाल में आए 7.1 तीव्रता के भूंकप की वजह से भारत में बंगाल, बिहार से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक झटके महसूस किए गए।


- एपिसेंटर इंडिया और यूरेशिया प्लेट के टकराने वाली जगह पर था। दोनों प्लेटों के टकराने की वजह से भूकंप आया।


- यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक भूकंप नेपाल-तिब्बत बॉर्डर के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर की दूरी पर हुआ।


- चीन के आंकड़ों के मुताबिक इस घटना में अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है।


- रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का एपिसेंटर जहां पर था वहां आस पास 5 किलोमीटर की परिधि में ज्यादा घनी आबादी नहीं थी।


- इसके अलावा 4-5 अन्य भूकंप के झटके भी महसूस किए गए हैं।

काफी देर तक कांपती रही धरती

सुबह आया भूकंप इतना ज्यादा तेज था कि धरती काफी देर तक कापती रही। यही नहीं एपिसेंटर से करीब 200 किलोमीटर की परिधि इसका असर देखा गया।

नेपाल भूंकप प्रभावित क्षेत्र में

बता दें कि नेपाल भूकंपीय क्षेत्र में आता है क्योंकि यह हिमालय क्षेत्र में बसा हुआ है। हिमालय पर्वत जमीन की सतह के नीचे दो भूगर्भीय प्लेटों के टकराने से बना हुआ है और वे प्लेट्स के टकराने से बना हुआ है और ये प्लेट्स अभी भी चलायमान हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में अभी भी भूकंप आते रहते हैं।

किन देशों में आते हैं ज्यादा भूकंप

दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जहां पर सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं. साल 1990 से 2024 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन देशों में सबसे ज्यादा भूकंप आए।


चीन-          186
इंडोनेशिया- 166
ईरान-         109
जापान-       98
अमेरिका-    78
तुर्की-          62
भारत-         58
फिलीपीन्स-  55
इटली-         23

कितनी तीव्रता कितना असर

- 0 से 1.9 की तीव्रता का पता व्याहारिक रूप से नहीं लगता केवल सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

- 2 से 2.9 के भूकंप में हल्का कंपन महसूस होता है।

- 3 से 3.9 की तीव्रता में आसपास की चीजें थोड़ी सी हिलती हुई महसूस होती हैं।

- 4 से 4.9 में घरों की खिड़कियां में लगे शीशे वगैरह टूट सकते हैं और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।

- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घरों के सामान खिसक सकते हैं। छतों पर टंगे पंखे तेजी से हिलते हुए दिखते हैं।

- 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से घरों की नींव दरक सकती है और ऊपर की मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।

- 7 से 7.9 के भूकंप से जमीन के अंदर की पाइपें फट जाती हैं और इमारतें ढह जाती हैं।

- 8 से 8.9 की तीव्रता से बड़े बड़े पुल गिर सकते हैं।

9 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप में घरों की दीवारें सीधी-सीधी फट सकती हैं। समुद्र में भूकंप आने पर तेज सुनामी आ जाएगी।

अन्य कई जगहों पर भी आए भूकंप

इक्वेडोर- मंगलवार को ही इक्वेडोर के पलोरा में 4.7 तीव्रता का भूंकप आय।


इंडोनेशिया- इंडोनेशिया के ईस्ट नूसा टेंगारा में 4.6 तीव्रता का भूंकप आया।


जापान- शिमोकुजुकुरी में 5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।


चीन- रिकाजे में 4.6 तीव्रता का भूंकप आया।