नेपाल में शनिवार सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 3:59 बजे आया। इस भूकंप का केंद्र जुम्ला जिले में धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था।

 

हालांकि, भूकंप से किसी तरह के जान माल का नुकसान नहीं हुआ। इससे पहले नेपाल में भूकंप के कई बार झटके महसूस किए गए है। पिछले साल 3 नवंबर, 2023 को नेपाल के जाजरकोट जिला, कर्णाली प्रांत में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 153 लोग मारे गए और कम से कम 375 घायल हो गए थे। 

 

इस साल भी भूकंप से हिला नेपाल

बता दें कि इसी साल अप्रैल में नेपाल में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 1 अप्रैल 2023 को दोखला जिला के सूरी में धरती हिली थी जिसकी तीव्रता 5.2 दर्ज किया गया था। वहीं, दूसरा 28 अप्रैल को दाहाकोट में रात को दो बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 और 5.9 तीव्रता रही थी। 

2015 में आए भूकंप से दहल उठी थी नेपाल की धरती 

25 अप्रैल 2015 को नेपाल के गोरखा में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.6 थी। इसका केंद्र राजधानी काठमांडू से लगभग 76 किमी उत्तर-पश्चिम में था। एक भूकंप आने के बाद 300 से ज्यादा झटके वेपाल में महसूस किए गए थे। इस विनाशकारी भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए, जिनमें से लगभग 55 प्रतिशत महिलाएं थीं। इसके अलावा 100,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। 

 

रिक्टर स्केल क्या?

भूकंप जब आता है तो उसकी तीव्रता नापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। अमेरिकी साइंटिस्ट चार्ल्‍स रिक्‍टर और बेनो गुटरबर्ग ने वर्ष 1935 में इसकी खोज की थी। भूकंप आने के बाद उसके परिणाम के नापने के लिए रिक्टर स्केल तैयार किया जाता था। साइंटिस्ट ने सोचा कि जब भी भूकंप आए तो इसे एक संख्या में जाना जाए ताकि इसकी तुलना अन्य आने वाले भूकंप से की जा सके। 

 

वैसे तो भूकंप की एकदम सटीक भविष्यवाणी करना असंभव है लेकिन रिक्टर स्केल से अनुमान लगाया जा सकता है कि हर स्केल के बाद और कितना तेज भूकंप आ सकता है। हालांकि, भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल से 10 गुना अधिक होता है।

0-9 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप तो क्या?

अगर 0 से 4.9 तक भूकंप की तीव्रता होती है तो इसमें धरती में हल्का कंपन से लेकर पंखा हिल सकता है। वहीं, 5 से 8.9 तीव्रता के भूकंप में इमारतों की नींव हिलने से लेकर बड़े जान माल का नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा अगल रिक्टर स्केल 9 पर भूकंप महसूस किए जाते है तो समझिए इससे बड़ी तबाही मच सकती है। समंदर में सुनामी भी आ सकती है।