अमेरिका ने गुरुवार को दावा किया है कि पाकिस्तान लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल तैयार कर रहा है जो यूएस सहित दक्षिण एशिया पर हमला करने में सक्षम होगा। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि इस्लामाबाद की इस हरकत से उनके इरादों के बारे में सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

फाइनर ने कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में दिए गए भाषण में कहा कि स्पष्ट रूप से, पाकिस्तान की कार्रवाइयों को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए उभरते खतरे के रूप में देखा जा रहा है। 

 

इन 4 कंपनियों पर लगा बैन

इससे एक दिन पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल मिशन के लिए काम करने वाली 4 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें पाकिस्तान की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस एजेंसी, नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) भी शामिल है।

 

इस मामले में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'हम पाकिस्तान की चार एजेंसियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो लंबी रेंज वाली डिस्ट्रक्टिव बैलिस्टिक मिसाइल के कार्यक्रम में शामिल हैं। इनमें एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड, रॉकसाइड इंटरप्राइजेज निवेशक हैं।'

 

तो इसलिए अमेरिका ने लगाया बैन...

विभाग ने तर्क दिया कि यह निर्णय पाकिस्तान के लंबी दूरी की मिसाइल विकास के निरंतर प्रसार खतरे के मद्देनजर लिया गया था। विभाग ने दावा किया कि ये संस्थाएं ऐसे हथियारों के प्रसार या वितरण में योगदान दे रही थीं। 

 

पाकिस्तान ने इसे बताया 'पक्षपाती'

अमेरिका के इस फैसले के बाद इस्लामाबाद ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रतिबंधों को 'पक्षपाती' बताया। पाकिस्तान ने जोर देकर कहा कि अमेरिका के इस कदम से 'हमारे क्षेत्र और उससे परे की रणनीतिक स्थिरता के लिए खतरनाक निहितार्थ हैं।'

 

विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक बयान में कहा, 'पाकिस्तान की रणनीतिक क्षमताएं अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हैं। ऐसी नीतियों से हमारे क्षेत्र और उससे परे की रणनीतिक स्थिरता के लिए खतरनाक निहितार्थ हैं।'