पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के कुर्रम जिले में दो कबीलाई समूहों के बीच शांति समझौता हो गया है। कुर्रम में पिछले साल नवंबर को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। बुधवार को अलीजई और बागान जनजातियों के प्रतिनिधियों ने 14 प्वॉइंट के शांति समझौते पर दस्तखत कर दिए।

शांति समझौते में क्या?

खैबर पख्तूनख्वाह सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि अलीजई और बागान के प्रतिनिधियों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। 


ट्राइबल काउंसिल के सदस्य मालिक सवाब खान ने बताया कि दोनों पक्षों के 45 प्रतिनिधियों ने दस्तखत किए। इस समझौते में युद्धविराम, किलेबंदी को खत्म करना और हथियार सौंपने की बात है।


बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि शांति समझौते के तहत दोनों पक्ष प्राइवेट बंकरों को नष्ट करने और अपने हथियार प्रशासन को सौंपने पर सहमत हो गए हैं। 


उन्होंने बताया कि एक पक्ष ने कुछ दिन पहले और दूसरे पक्ष ने बुधवार को शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते से जल्द ही कुर्रम में हालात सामान्य हो जाएंगे और शांति बहाल हो जाएगी।

133 मौतों के बाद हुआ समझौता

अफगानिस्तान की सीमा से लगने वाले कुर्रम जिले में सांप्रदायिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। यहां अक्सर जमीन को लेकर विवाद बना रहता है। जमीन विवाद के कारण यहां हफ्तों तक सड़कें जाम रही थीं।


कुर्रम में 21 नवंबर को हिंसा भड़क गई थी। जब एक काफिले पर दूसरे पक्ष ने घात लगाकर हमला कर दिया था। इस हमले में उस दिन 47 लोग मारे गए थे। इसके बाद से अलीजई और बागान जनजाति के लोग भिड़ गए थे और तब से ही दोनों के बीच हिंसा जारी थी। 21 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच इस हिंसा में कुल 133 लोगों की मौत हुई है।