आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने पिछले दिनों देश का आम बजट 2025-26 पेश किया है। यह बजट 17.57 ट्रिलियन पाकिस्तान रुपये (तकरीबन 62 बिलियन डॉलर)) का है। भारतीय रुपए में अगर देखा जाए तो ये रकम 5 लाख करोड़ रुपये है होगी। इसी बजट में पाकिस्तान सरकार को देश की तमाम चुनौतियों का सामना करना है, जिसमें भूखमरी, गरीबी, मंहगाई और विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं। लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बजट पेश करते ही पाकिस्तान के सामने एक ऐसी समस्या आ खड़ी हुई है, जिससे पड़ोसी देश चाहकर भी मुंह नहीं मोड़ सकता।
दरअसल, तमाम परेशानियों से जूझ रहे पाकिस्तान का बजट में से लगभग आधा पैसा कर्ज का ब्याज चुकाने में चला जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पाकिस्तान अपने कुल बजट का 46.7 फीसदी हिस्सा लोन के रूप में चुकाएगा। यानि कि पाकिस्तान सरकार 17.57 ट्रिलियन रुपये के में से 8.20 ट्रिलियन रुपये लोन में दे देगा।
विकास परियोजनाएं प्रभावित होंगी
ऐसे में देखा जाए तो पाकिस्तान सरकार के सामने इस साल खुद का पैसा आधा ही रह जाएगा, जिससे देश की विकास की परियोजनाएं प्रभावित होंगी। वहीं, पाकिस्तान एक बार फिर से आईएमएफ, चीन, अमेरिका और दुबई जैसे देशों के सामने पैसों के लिए हाथ फैला सकता है।
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पाकिस्तान सरकार ने अपने मंत्रालयों को जितना पैसा आवंटित किया है, उसमें से लोन चुकाने का हिस्सा सबसे ज्यादा है। इसका सीधा इशारा इस ओर है कि सरकार ने अपने स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास जैसी जरूरी सेवाओं के लिए बेहद कम पैसा आवंटित किया है। इस स्थिती में इसका खामियाजा पाकिस्तान की आवाम को उठाना पडे़गा।
घरेलू लोन पर 7.197 ट्रिलियन रुपये खर्च
पाकिस्तान के घरेलू स्तर पर लिए गए लोन की भरपाई के लिए 7.197 ट्रिलियन रुपये खर्च होंगे, जबकि विदेशी लोन का भुगतान करने में 1.009 ट्रिलियन रुपये खर्च किए जाएंगे। मार्च 2024 तक पाकिस्तान की सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 76.01 ट्रिलियन रुपये (लगभग 269 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया, जो बीते दस सालों में चार गुना से भी ज्यादा है। इसमें घरेलू स्तर पर लिया गया कर्ज 51.52 ट्रिलियन रुपये और 24.49 ट्रिलियन रुपये विदेशी देनदारियां शामिल हैं।
पाकिस्तान सरकार का खजाना खाली
इसके अलावा पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज अब जीडीपी के 66.27% तक पहुंच गया है। यह देश के राजकोषीय उत्तरदायित्व और ऋण सीमा अधिनियम (FRDLA) के तहत कानूनी सीमाओं का उल्लंघन करता है। इस कर्ज के भार ने पहले ही पाकिस्तान सरकार के खजाने को खाली कर दिया है। वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में सरकार ने 6.44 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये ब्याज के रूप में चुकाए हैं, जो पूरे साल के कर्ज सेवा के टारगेट का 66 फीसदी है। इसमें से 5.78 ट्रिलियन रुपये घरेलू ऋणदाताओं को और 656 बिलियन रुपये विदेशी ऋणदाताओं को दिए गए।
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विदेशों से भारी भरकम लोन ले रही सरकार
पाकिस्तान के ऊपर ये कर्ज ऐसे समय में बढ़ रहा है जब वहां की सरकार ने विदेशों से भारी भरकम लोन ले रहा है। जाहिर है, अगर सरकार विदेशों से लोन से रही है तो उसे भविष्य में ब्याज के साथ में लोन को चुकाना भी होगा। इसका असर सीधे तौर पर पाकिस्तान की आम जनता पर पड़ेगा। पाकिस्तान के ऊपर बढ़ते कर्ज ने देश में निजी निवेश को भी लगभग खत्म कर दिया है। साथ ही इसकी वजह से रुपया कमजोर हुआ है, देश में मुद्रास्फीति को बढ़ावा और उधार पर निर्भरता को गहरा दिया है।
रक्षा बजट बढ़ाया
हैरत की बात तो ये है कि देश के बजट का लगभग आधा पैसा कर्ज में देने के बावजूद शहबाज शरीफ सरकार ने बाकी का ज्यादातर पैसा सेना पर खर्च करने का फैसला लिया है। भारत के साथ ऑपरेशन सिंदूर में जंग के बाद पाकिस्तान अपनी सामरिक शक्ति को मजबूत बनाने में जुट गया है। इसके लिए वहां की सरकार ने डिफेंस बजट को 20 परसेंट बढ़ाकर 9 अरब डॉलर (करीब 2.55 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) कर दिया है।
पाकिस्तान ने देश का स्वास्थ्य बजट मात्र 9.24 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये रखा है। यह देश की जीडीपी का 0.9 परसेंट है। वहीं, सरकार ने शिक्षा पर जीडीपी का 1 परसेंट से कम बजट रखा है, जिसकी पाकिस्तान में खूब आलोचना हो रही है।
लोन के पैसों पर निर्भर पाकिस्तान
बता दें कि पिछले महीने ही 9 मई को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के लिए 2.4 बिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी। जिसमें से एक बिलियन डॉलर उसको 7 बिलियन डॉलर के लोन प्रोग्राम की किस्त के तौर पर दिया गया, जबकि 1.4 बिलियन डॉलर का ऋण जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिला है।
इसी बीच एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भी पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर का लोन देने का फैसला किया है। इसके अलावा पाकिस्तान को एक और लोन के लिए मंजूरी मिली है। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) और वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के प्रमुख खनन और संसाधन विकास परियोजना के लिए 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर के रियायती लोन को मंजूरी दी है। ये लोन बलूचिस्तान प्रांत में 'रेको दिक' परियोजना को शुरू करने के लिए दिया गया है।