प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस में एआई एक्शन समिट का उद्घाटन भाषण दिया। इस अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उरुसुला वॉन डेर लेयेन और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस भी मौजूद रहे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। पेरिस के बाद पीएम मोदी अमेरिका का भी दौरा करेंगे।
क्या बोले पीएम मोदी?
पेरिस के ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'मैं इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने और मुझे इसकी सह-अध्यक्षता करने के लिए आमंत्रित करने के लिए अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों का आभारी हूं। एआई पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को नया रूप दे रहा है। एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है।'
AI के मामले में भारत कहां?
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत ने बहुत कम लागत पर 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के लिए सफलतापूर्वक एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। यह एक खुले और सुलभ नेटवर्क के इर्द-गिर्द बना है। आज, भारत एआई अपनाने और डेटा गोपनीयता पर तकनीकी-कानूनी समाधानों में टॉप पर है। हमारे पास दुनिया के सबसे बड़े एआई प्रतिभा पूल में से एक है।'
जब पीएम मोदी ने किया सरल प्रयोग!
AI एक्शन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, 'मैं एक सरल प्रयोग से शुरू करता हूं। यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट किसी AI ऐप पर अपलोड करते हैं तो यह सरल भाषा में बता सकता है कि इसका क्या मतलब है लेकिन यदि आप उसी ऐप से किसी व्यक्ति की बाएं हाथ से लिखने की छवि बनाने के लिए कहते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि ऐप किसी व्यक्ति को उसके दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में यही बात हावी है। यह दर्शाता है कि AI की सकारात्मक क्षमता बिल्कुल अद्भुत है, इसमें कई पूर्वाग्रह हैं जिनके बारे में हमें सावधानी से सोचने की आवश्यकता है।'
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AI आने से बदलाव, 'लोकतांत्रिक हो टेक्नोलॉजी'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि AI पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को नया आकार दे रहा है। AI इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक करना चाहिए और लोगों को केन्द्रित करने वाले एप्लिकेशन बनाने चाहिए। हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे लोकल इकॉसिस्टम में टेक्नोलॉजी बढ़ें ताकि यह ज्यादा से ज्यादा उपयोगी हो।'