बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही अंतरिम सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मोहम्मद यूनुस नरसंहार करा रहे हैं। शेख हसीना ने कहा है कि हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तय करने में वे नाकाम रहे हैं। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे, उन्हें अगस्त 2024 में अपना देश छोड़ देना पड़ा था।
शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा था, प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री भवन तक में दाखिल हो गए थे। उन्होंने भारत सरकार से शरण मांगी थी। अब उन्होंने बांग्लादेश के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से कुछ कहा है। उन्होंने आवामी लीग पार्टी के समर्थकों को वर्चुअल रैली में संबोधित किया है।
'मैंने नहीं, यूनुस ने कराया है नरसंहार'
बांग्लादेश के विजय दिवस पर यह रैली, न्यूयॉर्क में रविवार को आयोजित हुई थी। साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली थी। बांग्लादेश को आजाद कराने में भारत की बड़ी भूमिका थी। शेख हसीना ने रैली में कहा, 'मुझ पर नरसंहार के आरोप लगाए गए हैं। सच्चाई ये है कि यूनुस मोहम्मद योजनाबद्ध तरीके से नरसंहार करा रहे हैं। इसके मास्टरमाइंड स्टूडेंड कॉर्डिनेशन और मोहम्मद यूनुस हैं।'
'मुझे, मेरी बहन को मारने की थी साजिश'
शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि उन्हें मारने की साजिश रची गई थी। शेख हसीने के मुताबिक उनकी बहन शेख रेहाना पर भी संकट था। उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान को जिस तरह से मारा गया, उसी अंदाज में उन्हें भी मारने की कोशिश हुई।
'अगर मैं चाहती तो मारे जाते प्रदर्शनकारी'
5 अगस्त को उन्हें ढाका छोड़कर भारत भागना पड़ा था। शेख हसीना ने कहा, 'हथियारबंद प्रदर्शनकारी गणभवन की ओर आगे बढ़ रहे थे। अगर सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग की होती तो कई लोग मारे जाते। यह 25 से 30 मिनट के दौरान ही हो जाता। मुझे भागना पड़ा। मैंने अपने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि कोई गोलीबारी न करे। जो हो रहा है, होने दो लेकिन गोलीबारी नहीं होगी।'
'भ्रष्टाचार में डूबे हैं मोहम्मद यूनुस'
शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को सत्ता का भूखा बताया है। उनके और मोहम्मद यूनुस के रिश्ते हमेशा से बेहद तल्ख रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि वे सत्ता के लिए किसी हद तक जा सकसते हैं। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। वे मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहे हैं, ग्रामीण बैंकों के अपने प्रोजेक्ट में धांधली करते हैं। उनकी माइक्रोफाइनेंसिंग स्कीम में ही घपला है।'
'चर्च तोड़े गए, गिरफ्तारी भी हुई'
शेख हसीना ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कहा, 'हिंदू, बौद्ध और ईसाई किसी को नहीं छोड़ा गया है। 11 चर्च तोड़ दिए गए हैं। मंदिर और बौद्ध मठों को तोड़ दिया है। हिंदुओं ने प्रदर्शन किया तो इस्कॉन के पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया।'
'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की मंशा क्या'
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार क्यों किया जा रहा है? उनका उत्पीड़न क्यों हो रहा है, उन पर हमले क्यों किए जा रहे हैं। लोगों के पास न्याय तक का अधिकार नहीं रह गया है। मुझे इस्तीफा देना तक का समय नहीं दिया गया।'
क्या है बांग्लादेश का हाल?
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सबसे मजबूत आवाज बने चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ हिंदू विरोध प्रदर्शन पर उतरे हैं। कई जगहों पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया है, उन्हें गिरफ्तार किया गया है। चिन्मय दास के समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में उनके एक वकील पर जानलेवा हमला हुआ है। शेख हसीना ने कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खतरे में हैं क्योंकि सरकार नरसंहार करा रही है।