साउथ कोरिया में इस वक्त जबरदस्त राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहा है। पूर्व राष्ट्रपति यून-सुक योल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंच गई है। हालांकि, समर्थकों की भीड़ पुलिस को अंदर आने से रोक रही है। बताया जा रहा है कि यून-सुक किसी भी वक्त गिरफ्तार हो सकते हैं।
गिरफ्तार करने क्यों पहुंची पुलिस?
यून-सुक योल ने पिछले साल 3 दिसंबर को अचानक मार्शल लॉ लगा दिया था। साथ ही संसद के अंदर सेना भेज दी थी। हालांकि, कुछ ही घंटों में विपक्ष ने इस मार्शल लॉ को हटा दिया था। इसके बाद से ही यून-सुक योल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं।
अचानक मार्शल लॉ लागू करने पर सियोल की कोर्ट ने मंगलवार को यून-सुक के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। सियोल की कोर्ट ने पद पर रहते हुए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने और विद्रोह को उकसाने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यही कारण है कि 80 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम उन्हें गिरफ्तार करने उनके आवास पहुंच गई है।
पहली बार राष्ट्रपति के खिलाफ अरेस्ट वारंट
3 दिसंबर को अचानक मार्शल लॉ लागू करने पर विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हो गया था। 14 दिसंबर को नेशनल असेंबली में महाभियोग लाकर यून-सुक को पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ लाया गया महाभियोग का प्रस्ताव का 204 वोटों से पास हो गया था। पद से हटाए जाने के बाद यून-सुक के खिलाफ मुकदमा चलाया गया। ये पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है।
क्यों लगाया था मार्शल लॉ?
3 दिसंबर को यून-सुक ने अचानक मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि, 6 घंटे के भीतर ही विपक्ष ने इसे हटा दिया था। साउथ कोरिया की संसद में विपक्षी पार्टी DPK के पास बहुमत है। मार्शल लॉ इसलिए लगाया गया था क्योंकि 2022 के चुनाव में यून-सुक मामूली अंतर से जीते थे। 2024 में नेशनल असेंबली के चुनाव में DPK की जीत हुई है। ऐसा कहा गया कि संसद में विपक्ष के पास बहुमत होने के कारण राष्ट्रपति अपने मनचाहे कानून पास नहीं करवा पा रहे थे। इसलिए विपक्ष को रोकने के लिए उन्होंने मार्शल लॉ लगा दिया था।