अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक फैसले ने 3 नार्डिक देशों नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड में दहशत का मौहाल पैदा कर दिया है। अब यह तीनों देश अपने-अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश दे रहे हैं। दरअसल, बाइडेन ने सोमवार को यूक्रेन को 300 किमी रेंज की एटीएसीएमएस (अटैक देम्स) मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब यूक्रेन लगातार रूस पर हमला कर रहा है। मंगलवार को यूक्रेन ने रूस पर 6 मिसाइलें भी दागी। 

 

जाते-जाते यह क्या कर गए बाइडेन?

जाते-जाते बाइडेन शांति नहीं बल्कि और अंशाति फैला रहे हैं। कई देशों ने बाइडेन के फैसले पर नाराजगी भी जताई है। दरअसल, बाइ़डेन के इस फैसले से दो देश रूस और यूक्रेन में तो तनाव पैदा हो ही रहा है, लेकिन नाटो देशों तक भी इसकी चिंगारी फैल गई है। अब रूस भी हमले की धमकी दे रहा है जिसके बाद नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड ने अपने नागरिकों से जरूरत वस्तुओं का स्टॉक रखने को कहा है। 

नॉर्वे की कैसी तैयारी?

नाटो देश नॉर्वे रूस की सीमा से जुड़ी हुई है। रूस की धमकी और तनाव को देखते नॉर्वे ने अपने नागरिकों को पर्चे बांटकर युद्ध के लिए आगाह किया है। 

स्वीडन ने 52 लाख से अधिक नागरिकों को भेजे पर्चे 

नॉर्वे की तरह स्वीडन ने भी अपने 52 लाख से अधिक नागरिकों को पर्चे भेजे हैं। इसमें परमाणु युद्ध के दौरान खुद को बचाने के लिए आयोडिन की गोलियां रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, नाटो के सबसे नए सदस्य स्वीडन की सीमा रूस से जुड़ी नहीं है, लेकिन फिर भी इस देश ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए एक बुकलेट 'इन केस ऑफ क्राइसिस ऑफ वार' जारी किया है। 

इस बुकलेट में क्या?

32 पेज के इस बुकलेट में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए 72 घंटे के लिए भोजन और पीने का पानी स्टोर करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा आलू, गोभी, गाजर और अंडे का पर्याप्त स्टॉक रखने को भी कहा है।

फिनलैंड का क्या हाल?

रूस के साथ 1340 किमी से ज्यादा सीमा से जुड़ी हुई फिनलैंड ने भी अपने नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है। बता दें कि पिछले साल ही फिनलैंड नाटो में शामिल हुआ था। फिनलैंड सरकार ने युद्ध जैसी स्थिति में आम लोगों की मदद के लिए एक वेबसाइट लॉन्च किया है। इस वेबसाइट में कहा गया है कि अगर देश पर हमला होता है तो सरकार का क्या प्लान रहेगा। बिजली कटौती से निपटने और बैक-अप पावर सप्लाई का कैसे इस्तेमाल करना है, इसको लेकर भी गाइडलाइंस दिए गए है। लोगों से कम ऊर्जा में पकने वाले खाना तैयार करने की भी सलाह दी है।