सीरिया में तख्तापलट हो चुका है। सीरिया अब राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन से मुक्त हो गया है और वह दमिश्क छोड़कर भाग गए हैं। सीरिया पर अल-असद परिवार का पिछले 50 साल से ज्यादा समय से अधिक शासन था। देश की सेना ने भी बशर अल असद के शासन के अंत का ऐलान कर दिया है।

इस समय सीरिया में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। सड़कों पर विद्रोही प्रदर्शनकारी फायरिंग करके जश्न मना रहे हैं और विद्रोही बेकाबू हो गए हैं। बता दें कि यह वही सीरिया है, जहां दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS पैदा हुआ था। सीरिया से स्लामिक स्टेट ने जो बरबर्ता दिखाई उसने पूरी दुनिया को डरा कर रख दिया। ऐसे में अब एक बार फिर दुनिया के सामने पहले जैसा ही खतरा फिर मंडरा रहा है। 

विद्रोहियों को सत्ता सौंपने का प्रस्ताव

बशर अल असद के देश छोड़ने के बाद सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने विद्रोहियों को सत्ता सौंपने का प्रस्ताव दिया है। जलाली ने कहा है कि वे विद्रोहियों का सहयोग करेंगे।

विद्रोहियों के साथ मिलकर काम करेंगे

उन्होंने कहा कि वो देश में ही रहेंगे और जिसे भी सीरिया के लोग चुनेंगे, उसके साथ मिलकर काम करेंगे। अब सवाल उठ रहे हैं कि सीरिया में अब आगे क्या होगा और देश किस ओर जाएगा? लेकिन सीरिया में हुआ तख्तापलट किसी देश में हुए पहला मामला नहीं है इससे पहले कई देशों में तख्तापलट हो चुके हैं। सबसे ताजा मामला भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश है जहां छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना सरकार को विद्रोहियों ने उखाड़ फेंका।

ऐसे में आइए जानते हैं कि किन-किन देशों का सीरिया जैसा अंजाम हो चुका है?

अफगानिस्तान

 

साल 2021 में अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया, जिससे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को अफगानिस्तान छोड़कर भागना पड़ा था। तालिबान के कब्जे के बाद गनी यूएई भाग गए थे। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात ने एक बयान जारी करके कहा था कि उन्होंने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का अपने देश में स्वागत किया है।

बांग्लादेश

 

बांग्लादेश में अभी के समय सब कुछ बदल चुका है. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास से लेकर देश के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर पहुंच चुके हैं. विरोध प्रदर्शन के कारण पीएम शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा है. बांग्लादेश में इस समय भीषण आगजनी और हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं. इतना ही नहीं लोग सड़कों पर उतरकर जगह-जगह सभी सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले के कर रहे हैं.

 

इसी साल जून 2024 में बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट हो गया। वहां के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 बांग्लादेश कोटा सुधार आंदोलन के जवाब में किए गए सरकारी फैसले को पलटते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 फीसदी कोटा बहाल करने के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था। छात्रों को ऐसा लगने लगा कि योग्यता के आधार पर उनके पास सीमित अवसर ही बचेंगे। इसके खिलाफ देश में आगजनी और हिंसा हुई। बाद में यह हिंसक होती चली गई, जिसके बाद बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को 5 अगस्त को देश छोड़ेकर जाना पड़ा। 

 

फिलीपींस

फिलीपींस में साल 1986 में तख्तापलट हो गया था। 1966 से लेकर 1986 तक फर्डिनेंड मार्कोस ने फिलीपींस पर राज किया। शासन के दौरान मार्कोस पर भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दबाने का आरोप लगा। मार्कोस को फिलीपींस के इतिहास में एक क्रूर शासक के रूप में जाना जाता है। फर्डिनेंड मार्कोस ने सत्ता से बेदखल होने तक क्रूर तानाशाह के रूप में सरकार चलाई थी। फरवरी 1986 के अंत में मार्कोस और उनका परिवार अमेरिकी वायु सेना के विमान से गुआम और हवाई भाग गया।

रोमानिया

 

यूरोपीय देश रोमानिया में भी तख्तापलट हो चुका है। यहां साल 1989 में निकोले सेउसेस्कु की सरकार को विद्रोहियों ने गिरा दिया और तख्तापलट हो गया। निकोले सेउसेस्कु की सरकार को पूर्वी यूरोप में सबसे अधिक दमनकारी माना जाता है।