ऑपरेशन सिंदूर पर बनी संसदीय प्रतिनिधिमंडल की एक टीम शनिवार को कोलंबिया की राजधानी बोगोटा पहुंची। शशि थरुर की अध्यक्षता वाली इस टीम ने कोलंबिया के नेशनल कांग्रेस में वहां के सीनियर अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख की बात की। भारत ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी हाल में नहीं सहा जाएगा।
बैठक में भारत ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट है, इसे सहन नहीं किया किया जाएगा। भारत ने महात्मा गांधी का भी जिक्र किया और कहा कि भारत के पास महात्मा गांधी की विरासत है तो आत्मरक्षा का हथियार भी है।
'हमें महात्मा गांधी पर गर्व लेकिन हिंसा का जवाब देंगे'
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कोलंबिया के सीनेट में कहा, 'हमें महात्मा गांधी की धरती होने पर गर्व है। उन्होंने हमें अहिंसा और शांति का महत्व सिखाया, लेकिन साथ ही स्वतंत्रता की रक्षा और भय से मुक्ति का पाठ भी पढ़ाया। हम स्वतंत्र और निडर होकर जीना चाहते हैं।'
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'कोलंबिया के बयान पर जताया ऐतराज'
शशि थरुर ने कोलंबिया के शुरुआती बयान पर निराशा जताई, जिसमें आतंकियों और निर्दोष नागरिकों के बीच अंतर को नजरअंदाज किया गया था। उन्होंने यह खुशी जताई कि कोलंबिया ने उस बयान को वापस ले लिया और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

'आतंकी-निर्दोष नागरिक एक नहीं है'
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कोलंबिया में कहा, 'निर्दोष नागरिकों की जान और आतंकियों के खात्मे को एक समान नहीं माना जा सकता। पाकिस्तान पिछले चार-पांच दशकों से आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति के तौर पर इस्तेमाल कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।'
बीजेपी सांसद शशंक मणि ने कहा, 'कोलंबिया भी आतंकवाद से प्रभावित रहा है लेकिन अब यह शांत देश है। हम शांति का संदेश लेकर आए हैं। हमने साफ कहा है कि हर आतंकी हमले का करारा जवाब देंगे, और जब यह खत्म होगा, हम सिर्फ शांति चाहते हैं।'
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भारत ने क्यों भेजा प्रतिनिधिमंडल
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को 7 मई को तबाह किया था। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 9 आतंकी ठिकाने तबाह हुए थे। जवाब में पाकिस्तान ने भारतीयन नागरिक इलाकों को निशाना बनाया था। आतंकियों ने 26 पर्यटकों को मार डाला था। अब कोलंबिया के प्रतिनिधियों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया है और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई है।