पाकिस्तान की सीनेटर और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने एक वायरल इंटरव्यू में अपने देश के आतंकवाद से पुराने रिश्तों को स्वीकार किया। यूके के स्काई न्यूज चैनल पर पत्रकार याल्दा हकीम के साथ बातचीत में रहमान ने अल-कायदा से जुड़े ब्रिगेड 313 समूह को पाकिस्तान का 'अतीत' बताया और इस पर सवालों से बचने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अब बदल चुका है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है।'
याल्दा हकीम ने शेरी रहमान से पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों को पनाह देने के इतिहास पर सवाल किए, खास तौर पर ब्रिगेड 313 के बारे में। रहमान ने इन सवालों का सीधा जवाब देने के बजाय कहा, 'आप बार-बार अतीत की बात कर रही हैं, क्योंकि वह था। हम आतंकवाद से लड़ रहे हैं। पाकिस्तान अब एक बदला हुआ देश है।' उन्होंने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक भारत के पक्ष में बोलते हैं और ब्रिगेड 313 के बारे में जानकारी को 'भारत का नैरेटिव' बताया। रहमान ने कहा, 'मैं इस पर कई पन्नों की जानकारी दे सकती हूं।'
ब्रिगेड 313 क्या है?
ब्रिगेड 313 को खुफिया विश्लेषक 'पाकिस्तान में अल-कायदा' कहते हैं। यह एक ऐसा संगठन है, जो पाकिस्तान में कई आतंकवादी समूहों को एक मंच देता है। टेररिज्म रिसर्च एंड एनालिसिस कंसोर्टियम (TRAC) के अनुसार, ब्रिगेड 313 अल-कायदा से जुड़ा एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन है, जिसमें तालिबान, लश्कर-ए-झंगवी, और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी जैसे समूहों के सदस्य शामिल हैं। कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि यह अल-कायदा की सैन्य शाखा है।
यह संगठन अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा और भारत-पाक सीमा पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। इसका नाम '313' इस्लामिक इतिहास से लिया गया है, जो पैगंबर मुहम्मद के 313 साथियों को संदर्भित करता है, जिन्होंने बैटल ऑफ बद्र में हिस्सा लिया था।
लॉन्ग वॉर जर्नल के अनुसार, ब्रिगेड 313 का संबंध पाकिस्तानी तालिबान से है और यह पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों से भी भर्तियां करता है। इस समूह का नेतृत्व इलियास कश्मीरी करता है, जो अल-कायदा की सैन्य शाखा 'शैडो आर्मी' का नेता है। कई विशेषज्ञ ब्रिगेड 313 को दक्षिण एशिया में अल-कायदा का सबसे 'खतरनाक और प्रभावी' संगठन मानते हैं।
आतंकवाद से पुराना नाता
हाल ही में भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी स्वीकार किया कि उनके देश ने अतीत में आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया था। कई इंटरव्यू में आसिफ ने कहा, 'पिछले 30 सालों से हमने अमेरिका, पश्चिमी देशों और ब्रिटेन के लिए गंदा काम किया।' यह बयान पाकिस्तान के आतंकवाद से लंबे रिश्ते को उजागर करता है।
पहलगाम हमला और विवाद
पहलगाम में अप्रैल 2022 में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, ने भारत-पाक तनाव को बढ़ा दिया। भारत ने इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। याल्दा हकीम ने रहमान से इस हमले और ब्रिगेड 313 की भूमिका पर सवाल किए, लेकिन रहमान ने जवाब देने के बजाय कहा, 'क्या हर बार भारत में हमला होने पर मुझे युद्ध करना होगा?' उन्होंने भारत में '100 विद्रोह' होने का दावा किया और कहा कि इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
पाकिस्तान का दावा
रहमान ने दावा किया कि पाकिस्तान 2022 में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आ चुका है और आतंकवाद के खिलाफ कदम उठा रहा है। हालांकि, हकीम ने खुफिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि ब्रिगेड 313 अभी भी पाकिस्तान से काम कर रहा है। रहमान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह जानकारी 'भारत समर्थित' है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कुछ लोगों ने रहमान के रुख को पाकिस्तान की आतंकवाद पर दोहरी नीति का सबूत बताया, जबकि अन्य ने उनके 'बदले हुए पाकिस्तान' के दावे का समर्थन किया। एक एक्स पोस्ट में कहा गया कि ब्रिगेड 313 को 2013 में पाकिस्तान ने प्रतिबंधित किया था और अल-कायदा के 1100 सदस्यों को मार गिराया था।