कनाडा की कैबिनेट में बड़ी फेरबदल हुई है। भारतीय मूल की अनीता आनंद को मार्क कार्नी कैबिनेट में विदेश मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है। उनकी नई कैबिनेट में 28 मंत्रियों को शामिल किया गया है। अनीता आनंद ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समरोह की चर्चा भारत में भी हो रही है। वह मार्क कार्नी की करीबी हैं। विदेश मंत्री बनने से पहले उन्होंने रक्षा मंत्रालय का भी कार्यभार संभाला है। कनाडा में इतने अहम पद तक पहुंचने वाली वह पहली अश्वेत महिला हैं।
मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्ट में कई अहम फेरबदल हुए हैं। वह कनाडा की नई सरकार में जस्टिन ट्रुडो की खामियों की समीक्षा कर रहे हैं और कैबिनेट में नए संतुलन के साथ काम कर रहे हैं। उनकी कैबिनेट में करीब 24 महिलाएं शामिल हैं। उनका कहना है कि कनाडा और अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों को कम करने में अनीता आनंद मदद कर सकती हैं।
अनीता आनंद कौन हैं?
अनीता आनंद कनाडा की चर्चित वकीलों में से एक हैं। वह भारतीय मूल की हैं। उनकी मां पंजाबी थीं, पिता तमिलनाडु के थे। खुद अनीता कानाडा के नोवा स्कोटिया में पैदा हुईं। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई क्वीन्स यूनिवर्सिटी से हुई। वह कनाडा के इतिहास में यह पद संभालने वाली पहली अश्वेत महिला हैं।
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कनाडा में कैसे बसा अनीता आनंद का परिवार?
अनीता आनंद का जन्म जन्म 20 मई, 1967 को नोवा स्कोटिया के केंटविल में हुआ था। उनके माता-पिता पेशे से चिकित्सक थे। साल 1960 के दशक में भारत से कनाडा आकर बस गए थे। अनीता आनंद के राजनीतिक करियर की शुरुआत 2019 में हुई। वह ओकविल से लिबरल पार्टी की सांसद चुनी गईं।
किन अहम पदों पर कर चुकी हैं काम?
अनीता आनंद ने साल 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के तौर पर काम किया। COVID-19 महामारी के दौरान उन्होंने कनाडा की वैक्सीन डिप्लोमेसी में अहम भूमिका निभाई। साल 2021 से 2023 तक वह रक्षा मंत्री रहीं। अपने इस कार्यकाल में उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों में यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर आवाज उठाई। उन्हीं के नेतृत्व में यूक्रेन की मदद भी की गई।
साल 2024 में कनाडा में उन्हें ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री मिली। अब उनके पास विदेश मंत्रालय है। वह कनाडा की पहली हिंदू कैबिनेट मंत्री हैं। अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में बीए, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ज्यूरिस्प्रूडेंस में बीए की पढ़ाई की है। उन्होंने वकालत की पढ़ाई डलहौजी यूनिवर्सिटी से की है। उन्होंने अपना एलएलएम टोरंटो यूनिवर्सिटी से किया है। साल 1994 में उन्होंने वकील के तौर पर काम करना शुरू किया। इसी साल ओंटारियो बार में उन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन कराया।
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कैसा रहा है एकेडमिक करियर?
राजनीति में आने से पहले वह चर्चित वकील थीं। टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर भी थीं। उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कैपिटल गेन मार्केट में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने येल, क्वीन्स, और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दी हैं।
शादी से लेकर उपलब्धियां तक, सब जानिए
अनीता आनंद ने जॉन लॉन्टन से शादी की है। इस दंपति के 4 बच्चे हैं। उनके बच्चे ओंटारियो के ओकविल में रहते हैं। अनीता आनंद महात्मा गांधी के प्रभावित हैं। उनके दादा देश की आजादी में अपना योगदान दे चुके हैं। उन्हें कनाडा में हमेशा अहम पद मिले। रॉयल सोसाइटी ऑफ कनाडा ने उन्हें यवोन अलेयर मेडल भी मिल चुका है। वह लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय की वकालत करती हैं। अनीता आनंद कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की रेस में शामिल थीं।
