संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर भारत ने पाकिस्तान को तीखा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान एक 'विफल देश' है जो 'अंतर्राष्ट्रीय मदद पर जीवित है।'
भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में ध्यान आकर्षित करते हुए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की और कहा कि वह किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उसकी राज्य की नीतियां 'मानवाधिकारों के हनन, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों को व्यवस्थित तरीके से खत्म करने' से बनी हैं।
कौन हैं क्षितिज त्यागी
जिनेवा में पाकिस्तान को बुरी तरह लताड़ने वाले क्षितिज त्यागी एक इंजीनियर से राजनयिक बने हैं। उन्होंने उसी संस्थान से थर्मल एनर्जी और पर्यावरण इंजीनियरिंग में एमटेक करने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे एक रियल एस्टेट कंपनी जोन्स लैंग लासेल में बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर शामिल हुए और 2007 से 2020 तक लगभग तीन साल तक वहां काम किया।
भारत सरकार के साथ उनका कार्यकाल अप्रैल 2010 में शुरू हुआ जब वे एक वैज्ञानिक के तौर पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में शामिल हुए। उन्होंने 2012 में देश की सबसे कठिन भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले दो साल से अधिक समय तक वहां काम किया।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, त्यागी दिल्ली में विदेश सेवा संस्थान में शामिल हो गए और एक भारतीय राजनयिक के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
पुर्तगाल के लिस्बन में भारतीय दूतावास में तीसरे सचिव के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग जून 2014 में हुई, जहां उन्होंने एक साल और सात महीने तक सर्विस दी। इसके बाद वे दिसंबर 2015 में द्वितीय सचिव के रूप में ब्राज़ील में भारतीय दूतावास में शामिल हुए और फिर 2018 में मिस्र में भारत के प्रथम सचिव के रूप में पदोन्नत हुए।
पिछले साल ही जनवरी 2024 में त्यागी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव के पद पर शामिल हुए थे। एक साल के भीतर जनवरी 2025 में उन्हें मिशन में काउंसलर के पद पर पदोन्नत कर दिया गया।
क्षितिज त्यागी ने यूएन में क्या कहा?
यूएन में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद पाकिस्तान का आलोचना करते हुए त्यागी ने कहा, 'यह देखना दुखद है कि पाकिस्तान के तथाकथित नेता और प्रतिनिधि अपने सैन्य आतंकवादी समूह द्वारा फैलाए गए झूठ को लगातार फैला रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और 'अविभाज्य' हिस्सा थे और हमेशा रहेंगे। त्यागी ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति अपने आप में बहुत कुछ कहती है। ये सफलताएं पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से दशकों से पीड़ित इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने की सरकार की प्रतिबद्धता में लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं।'
उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह भारत के प्रति अपने 'खराब भावनाओं' से उबर जाए और 'अपने लोगों को वास्तविक शासन और न्याय प्रदान करने' पर ध्यान केंद्रित करे।
यह भी पढ़ें-- वक्फ बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, जानें क्या बदल जाएगा?