पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के जी-13 इलाके में 2 जून की रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। 17 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ को उनके ही घर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के लिए यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी सोशल मीडिया स्टार को उसकी ऑनलाइन गतिविधियों की वजह से निशाना बनाया गया हो। सना की मौत ने एक बार फिर से पाकिस्तान के संकीर्ण मानसिकता और महिला विरोधी समाज को दुनियाभर में बेपर्दा कर दिया है।
एक 17 साल की लड़की, जो सोशल मीडिया पर अपनी संस्कृति, अपने विचार और अपने सपनों को दुनिया से बांट रही थी, उसी की आवाज को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया। यह कहानी है सना यूसुफ की। पाकिस्तान के चित्राल से निकली एक होनहार, जिंदादिल, और सोशल मीडिया की दुनिया में तेजी से उभरती हुई आवाज, जिसे उसके ही घर में दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया।
जन्मदिन पर ही मारी गोली
यह घटना तब हुई जब सना यूसुफ अपने जन्मदिन का जश्न मना रही थीं। परिवार में ख़ुशी थी, दोस्त आ रहे थे, केक कट रहा था और सना की एक छोटी सी वीडियो भी इंस्टाग्राम पर शेयर हुई थी जिसमें वह अपने दोस्तों के साथ सेलिब्रेशन करती हुई दिख रही थीं। उसी दिन, एक अनजान शख्स, जो खुद को रिश्तेदार बताकर घर में दाखिल हुआ, अचानक पिस्तौल निकालता है और बेहद करीब से सना पर दो गोलियां चला देता है। सना की मां फरजाना यूसुफ और बुआ लतीफा शाह वहीं घर में मौजूद थीं। उन्होंने देखा कि कैसे सना को जान से मारने की नीयत से उस शख्स ने गोली चलाई। गोली लगते ही सना वहीं गिर गईं। उन्हें तुरंत PIMS हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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सना सोशल मीडिया पर न सिर्फ़ अपनी सुंदरता और लाजवाब अंदाज़ के लिए जानी जाती थीं, बल्कि उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों को अपने वीडियोज़ के जरिए उठाया था। उदाहरण के लिए- चित्राल की संस्कृति, लड़कियों की शिक्षा, महिलाओं के अधिकार और जन जागरूकता से जुड़ी बातें। सना की कॉमेडी वीडियोज़ में भी सामाजिक संदेश छिपे होते थे और यही सना को बाकी अन्य इंस्टाग्राम क्रिएटर्स से अलग बनाती थी।
TikTok पर उनके 7.25 लाख फॉलोअर्स थे और इंस्टाग्राम पर करीब 5 लाख। इसके अलावा अलग से उनका पेड प्रमोशन्स वाला अकाउंट भी था, जिस पर 91 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर्स थे। यानी सना की एक मजबूत डिजिटल प्रजेंस थी। उनके बर्थडे से एक दिन पहले उन्होंने जो वीडियो शेयर किया था, उसमें वह बेहद खुश नज़र आ रही थीं। उस वीडियो को देखकर लोगों ने सना को पाकिस्तान की मशहूर अभिनेत्री हानिया आमिर से भी तुलना की थी। सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के अलावा वह मेडिकल की पढ़ाई की तैयारी कर रही थीं और इस उम्र में ही इतनी अवेयर थीं कि अपने वीडियो के जरिए समाज को एक बेहतर दिशा देने की कोशिश कर रही थीं।
परिवार ने क्या कहा?
सना की मां ने FIR दर्ज कराई है जिसमे उनका साफ कहना कि वह और उनकी ननद खुद इस मर्डर की गवाह हैं। उन्होंने बताया कि हत्यारे की उम्र करीब 25 से 30 साल रही होगी, ठीक-ठाक कद-काठी का वह लड़का काले कपड़ों में था। पुलिस अब CCTV फुटेज खंगाल रही है। इलाके में पूछताछ हो रही है लेकिन अभी तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है। हां, शुरुआती जांच में पुलिस ऑनर किलिंग, निजी रंजिश या सोशल मीडिया से जुड़ी किसी आपसी दुश्मनी के एंगल से जांच कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि कहीं ये हत्या ‘इज्जत’ के नाम पर तो नहीं हुई?
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जैसे ही खबर आई कि सना यूसुफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। कई यूज़र्स पूछ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान में लड़कियों को अब अपने घर में भी सुरक्षित नहीं रखा जा सकता? वहीं, कुछ कट्टरपंथी ऐसे भी हैं जिन्होंने खुलेआम सना की मौत पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, 'ऐसी लड़कियां समाज को खराब करती हैं', 'इन्हें मरना ही चाहिए था'। सोचिए, एक तरफ़ वह लड़की जो समाज को जागरूक करना चाहती थी और दूसरी तरफ़ समाज का एक हिस्सा उसकी हत्या को सही ठहरा रहा है।
पहले भी हुईं ऐसी घटनाएं
सना यूसुफ पहली नहीं हैं। जनवरी 2025 में भी पाकिस्तान के क्वेटा में एक 15 साल की लड़की हीरा अनवर को उसके पिता और मामा ने गोली मार दी थी। वजह? हीरा TikTok पर वीडियो बनाती थी। पिता अमेरिका में रहते थे, बेटी के वीडियो देखकर गुस्से में आ गए। पाकिस्तान लौटते ही अपनी बेटी को मार डाला। पुलिस ने इसे ऑनर किलिंग कहा था।
कहने को पाकिस्तान एक इस्लामिक रिपब्लिक है लेकिन वहां की बेटियों को खुद के बारे में सोचने की भी इजाज़त नहीं मिलती। 2016 में कंदील बलोच की हत्या भी कुछ इसी वजह से हुई थी। वह पाकिस्तान की पहली सोशल मीडिया सेलिब्रिटी मानी जाती थीं। उनका अंदाज़ बोल्ड था लेकिन उनके पीछे छिपा मकसद था, समाज से सवाल करना। उनकी हत्या भी उनके ही भाई वसीम ने की थी क्योंकि वह परिवार की इज्जत घटा रही थीं। कंदील, हीरा और अब सना। यह सिर्फ़ नाम नहीं हैं, ये वे कहानियां हैं जो पाकिस्तान की सड़ती हुई सोच की पोल खोलती हैं।
TikTok पाकिस्तान में कितना पॉपुलर है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां 5 करोड़ से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार ने TikTok को कई बार बैन भी किया है। 2021 में तो चार बार TikTok बैन हुआ। कभी अश्लीलता के आरोप में, कभी मोरल वैल्यूज़ के नाम पर। अब TikTok चालू तो है लेकिन सख्त निगरानी में है। जिसमें कंटेंट हटाने के ऑर्डर TikTok को हमेशा से मिलते रहते हैं। यानी वहां का सिस्टम भी यही चाहता है कि महिलाएं स्क्रीन पर न आएं, न बोलें, न अपनी बात रखें। सना जैसी लड़कियों को सिर्फ़ खूबसूरत कहा जाए लेकिन अगर वे अपने हक की बात करें, तो गोली मार दो।
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सना यूसुफ के फॉलोअर्स, उनके चाहने वाले और वे तमाम लोग जो ऑनलाइन स्पेस में महिलाओं की मौजूदगी को सपोर्ट करते हैं, आज दुखी हैं और गुस्से में भी हैं। सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या महिला की आज़ादी इतनी खतरनाक है कि उसे गोलियों से खत्म करना जरूरी हो जाता है? आज की तारीख में, जब दुनिया भर की लड़कियां ऑनलाइन कंटेंट बना रही हैं, पैसा कमा रही हैं, पहचान बना रही हैं, पाकिस्तान में उन्हें सिर्फ़ इसलिए मारा जा रहा है क्योंकि उन्होंने कैमरा ऑन किया। अगर लड़की भी सुरक्षित नहीं है, तो क्या मतलब है कानून का, समाज का, या उस तरक्की का जिसकी बातें पकिस्तान करता आया हैं?