बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समूहों का दावा है कि हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। हिंदुओं के धार्मिक प्रतिष्ठानों को तोड़ा जा रहा है और उन पर हमला बोला जा रहा है। धार्मिक संगठनों का यह भी कहना है कि जो हिंदू, अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में कभी अल्पसंख्यकों की आबादी 20 प्रतिशत थी, जो अब घट रही है। तब बांग्लादेश का विभाजन नहीं हुआ था और पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था।
हिंदू आबादी यहां 22 प्रतिशत और मुस्लिम आबादी 76 प्रतिशत थी। 1951 से लेकर 1974 तक, यह संख्या 10 प्रतिशत तक आ गई। साल 2022 में बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (BBS) ने 'पॉपुलेशन एंड हाउसिंग सेंसस 2022' की रिपोर्ट साझा की थी। बांग्लादेश में हिंदू आबादी घटी है। साल 2011 की जनगणना में बांग्लादेश में 8.54 प्रतिशत हिंदू थे और 0.61 प्रतिशत बौद्ध थे। साल 2022 तक ये आंकड़े घटकर 7.95 और 0.61 प्रतिशत तक पहुंच गए। 11 साल में करीब 0.59 फीसदी आबादी घट गई। साल 2011 में ईसाई आबादी 0.31 प्रतिशत थी जो अब घटकर 0.31 प्रतिशत हो गई है। अन्य धर्मों की आबादी साल 2011 में 0.41 प्रतिशत थी, जो अब 0.12 प्रतिशत तक पहुंच गई है। बांग्लादेश की बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है। बांग्लादेश में 91.04 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं। साल 2011 में इनकी आबादी 90.39 फीसदी थी। मुस्लिम बांग्लादेश में करीब 0.65 प्रतिशत बढ़ गए।
मुस्लिम आबादी बढ़ी, अल्पसंख्यक घटे, आंकड़ों से समझिए
बांग्लादेश में पहली बार जनगणना साल 1974 में हुई थी। तब हिंदुओं की आबादी कुल आबादी का 13.5 प्रतिशत थी। मुसलमानों की संख्या 6,10,38,929, हिंदू 96,73,048, ईसाई 2,15,919, बौद्ध 4,38,917 और 1,10,935 अन्य समुदाय के लोग थे।
साल 1981 में दूसरी जनगणना हुई। आंकड़े बदले। मुस्लिम आबादी बढ़कर 75486980 हो गई। हिंदू 1,05,70,245 तक पहुंच गई। ईसाई 2,74,481, बौद्ध 5,38,331 और अन्य 2,49,928 तक सीमित रहे। साल 1991 में तीसरी जनगणना हुई। तब तक बहुसंख्यक आबादी और तेजी से बढ़ने लगी। मुस्लिम आबादी 9,38,81,029, हिंदू 1,11,78,866, ईसाई 3,46,062, बौद्ध 6,23,410 और अन्य 2,85,625 तक आ गए।
चौथी जनगणना साल 2001 में हुई। मुस्लिम आबादी 111393250 तक पहुंच गई, हिंदू आबादी 1,16,08,268 तक पहुंच गई। हिंदू आबादी करीब 4 लाख बढ़ी तो मुस्लिम आबादी 1 करोड़ से ज्यादा बढ़ गई। ईसाई 3,88,855, बौद्ध 7,73,949 और अन्य की आबादी 1,90,941 तक पहुंच गई।
साल 2011 में पांचवीं जनगणना हुई। मुस्लिमों की संख्या बढ़कर 13,02,04,860 तक पहुंच गई। हिंदू 1,22,99,940 तक हो गए। 10 साल में हिंदुओं की आबादी में सिर्फ 6,91,672 का ही इजाफा हुआ। ईसाई आबादी 4,47,009 तक पहुंची, बौद्ध 8,89,721 और अन्य 2,02,167 रहे। साल 2022 में मुस्लिम आबादी बढ़कर 15,04,22,600 हो गई। हिंदू 1,31,44,204, ईसाई 4,88,583, बौद्ध 10,01,974 और अन्य 1,01,255। जिस रफ्तार से मुस्लिम आबादी बढ़ी है, उसकी तुलना में हिंदू आबादी नहीं बढ़ी है।
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क्यों घट रही है हिंदुओं की आबादी?
बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (BBS) ने 'पॉपुलेशन एंड हाउसिंग सेंसस 2022' के मुताबिक हिंदू और अल्पसंख्यक आबादी घटने की दो वजहें हैं। पहला पलायन और दूसरा हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों में जन्मदर कम होना।
दीवान लॉ कॉलेज, मेरठ में इंटरनेशनल लॉ के असिस्टेंट प्रोफेसर निखिल गुप्ता बताते हैं कि बांग्लादेश की हिंदू आबादी घटने की एक वजह इस्लामिक देशों में अल्पसंख्यक हितों की अनदेखी है। यहां की एक बड़ी आबादी पलायन करने को मजबूर है। असुरक्षित भविष्य या बेहतर संभावनाओं की तलाश में बांग्लादेशी हिंदू, देश छोड़ रहे हैं। कुछ आबादी धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हो रही है, पाकिस्तान जैसी स्थिति से बचने के लिए हिंदू पलायन कर रहे हैं। मौजूदा हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के अधिकार खतरे में हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर निखिल बताते हैं कि दूसरा अहम कारण ये है कि हिंदू आबादी औसतन कम बच्चा पैदा करती है। भारत की तरह ही वहां भी हम दो हमारे दो का कॉन्सेप्ट लोगों के मन में गहरे तक बैठा है। वे चाहते हैं कि उतने ही बच्चे हों जिन्हें अच्छी शिक्षा दी जा सके और वे परिवार पर भार न बनें। ज्यादा बच्चों का असर उनकी जीवनशैली पर भी पड़ सकता है, ज्यादा बच्चे-ज्यादा खर्च। हिंदू आबादी के घटने की एक वजह ये भी है।