भारत में संपत्ति खरीदने से पहले लोग इस बात की जांच करते हैं कि वह विवादित तो नहीं है। जमीन सरकारी या किसी और की तो नहीं हैं। जापान में इन सबके आलावा भी एक जांच होती है। वहां घर खरीदने से पहले पता किया जाता है कि यहां पहले कोई मौत हुई है या नहीं। अगर मौत हुई है तो कैसे हुई है? हत्या, आत्महत्या और हादसे से हुई मौत की जानकारी मकान मालिक और रियल एस्टेट एजेंट को देना जरूरी है। जापान में हादसे और मौत से जुड़ी प्रॉपर्टी को कलंकित माना जाता है। लोग ऐसे घरों को खरीदने से भी बचते हैं। इस कारण इन संपत्तियों का मूल्य बाकी की तुलना में काफी कम होता है। आइए जापान के इन कलंकित घरों, इनसे जुड़े अंधविश्वास और सरकार के नियमों के बारे में जानते हैं।
जापान में कलंकित प्रॉपर्टी को जिको बुक्केन नाम से जाना जाता है। अगर किसी घर में हत्या, आत्महत्या या किसी हादसे से कोई मौत होती है तो जापान में उस घर को कलंकित या जिको बुक्केन माना जाता है। इन घरों को बेचने और किराये पर उठाते वक्त मालिकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जापान में कई बार लोग सामान्य या प्राकृतिक मौत को भी कलंकित घर से जोड़ने लगते हैं। ऐसे में जापान की सरकार ने 2021 में बिल्डिंग लॉट और बिल्डिंग ट्रांजेक्शन बिजनेस कानून बनाया। इसमें जिको बुक्केन की परिभाषा तय की।
यह भी पढ़ें: शुभांशु के बाद अनिल मेनन करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा, NASA ने किया एलान
कितने सस्ते मिलते हैं जिको बुक्केन प्रॉपर्टी?
- जापान में 50000 से अधिक घर और अपार्टमेंट जिको बुक्केन हैं।
- आत्महत्या वाले घर 20 से 30 फीसदी तक सस्ते मिलते हैं।
- अकेले या घर में बीमारी से मौत होने पर 5 से 10 फीसदी कीमत कम होती है।
- अगर दीवार पर खून के छींटे लगे हैं तो ऐसे घर और भी सस्ते मिलते हैं।
- जापान की फिल्म 'जिको बुकेन कोवाई मादोरी 2' ऐसे ही प्रॉपर्टी पर आधारित है।
नए नियम में क्या-क्या?
नए नियमों के मुताबिक मालिक और रियल एस्टेट एजेंसी को प्राकृतिक मौत, आकस्मिक मृत्यु, गिरने, सांस लेने में दिक्कत आदि से होने वाली मौतों के मामले में किरायेदार या खरीदार को कोई जानकारी देने की जरूरत नहीं है। अगर किसी ने घर में हो चुकी मौतों के बारे में पूछा तो मालिक और रियल एस्टेट एजेंट यह बताना बाध्यकारी है।
घर में कोई हादसा हुआ है, हत्या और आत्महत्या की घटना हुई तो मकान मालिक और एजेंट दोनों को इसकी जानकारी देना अनिवार्य है। किरायेदार को लिफ्ट और सीढ़ियों के पास हुई मौत की सूचना देनी होगी। हालांकि घटना के तीन साल बाद इसकी जानकारी देना आवश्यक नहीं है। अगर ऐसी कोई घटना हुई है, जिसने पूरे समाज को झकझोर दिया है तो तीन साल की समय सीमा के बाद भी बताना होगा।
जापान में लोग कलंकित घरों से क्यों डरते हैं?
जापान के बारे में हमारी धारणा है कि वह पढ़ा-लिखा और आधुनिक देश है। वहां वैज्ञानिक बातों का आधार है। मगर जब बात जिको बुक्केन की आती है तो सभी धारणाएं ध्वस्त हो जाती हैं। जापान में अंधविश्वास और सांस्कृतिक मान्यताएं इतनी मजबूत हैं कि लोग जिको बुक्केन संपत्ति को शापित और प्रेतवाधित मानते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसे घरों में भूतों का डेरा होता है। बस इन्हीं कारणों से लोग बचते हैं। बता दें कि जापान में श्मशान, कब्रिस्तान के आसपास की प्रॉपर्टी को पर्यावरणीय दोष के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है।
शिंटो धर्म की क्या मान्यता जुड़ी?
जापान में शिंटो धर्म की मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति पछतावे के साथ मरता है तो उसकी आत्मा मौत वाली जगह के आसपास भटकती। भूत बनकर द्वेष की भावना रखती है। जापान में अधिकांश लोग कलंकित संपत्ति से डरते हैं। वहीं बड़ी संख्या ऐसे लोग भी हैं, जो इसे अवसर के तौर पर देखते हैं, क्योंकि कम कीमत पर बेहद पॉश इलाकों में आलीशान मकान मिल जाते हैं। जापान में प्रॉपर्टी की कीमतों की उछाल के बाद अब बड़ी संख्या में कलंकित घरों को खरीदना शुरू कर दिया है। मगर उससे पहले धार्मिक अनुष्ठान आदि का सहारा ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें: 'आतंकियों को सजा मिलनी चाहिए', QUAD ने की पहलगाम अटैक की निंदा
कैसे पहचाने जिको बुक्केन प्रॉपर्टी?
जापान में कलंकित प्रॉपर्टी खरीदने से अक्सर लोग बचते हैं। मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई कलंकित प्रॉपर्टी झूठ बोलकर बेच दी गई या खरीदने से पहले आप संपत्ति की जांच करना चाहते हैं तो वह कैसे करें? प्रॉपर्टी कलंकित है या नहीं इसकी जांच जापान की 6 सबसे प्रचालित वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है। हालांकि इन वेबसाइटों पर सभी संपत्तियों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन एक बड़ा डेटा जरूर उपलब्ध है। इससे मोटा-माटी अनुमान लगाया जा सकता है।
इन छह वेबसाइट से करें जांच
- Oshima Teru
- JKK Tokyo
-
Naruboto Real Estate
- REINS
- ATBB
- UR Rental Housing
फेमस जिको बुक्केनी प्रॉपर्टी
नोबेल पुरस्कार विजेता यासुनारी कवाबाता की प्रॉपर्टी भी जिको बुक्केनी मानी जाती है। यह जापान के कनागावा प्रान्त के ज़ुशी शहर में स्थित है। 1972 में कवाबाता की मौत यही हुई थी। आशंका जताई जाती है कि उन्होंने आत्महत्या की थी।
कुछ संकेत जो देते हैं, जिको बुक्केनी का इशारा
जापान की जनसंख्या वृद्धि लगभग ठहर सी गई है। देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग अक्सर एकांत में ही मौत का निवाला बन जाते हैं। बदबू आने पर कई दिनों बाद मौत का खुलासा होता है। लाश के सड़ जाने के कारण घरों की सफाई करवानी पड़ती है। जापान की राष्ट्रीय नीति एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में लगभग 21,900 मौतें एकांत में हुईं और इनकी जानकारी आठ या उससे ज्यादा दिनों बाद मिली। अगर मकान का किराया काफी कम है। फर्नीचर या घर का वॉल पेपर बदला है और फर्श की लकड़ी को हटाया गया तो जिको बुक्केन से जुड़े सवाल जरूर पूछे।