आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 25 अक्टूबर से नहाय- खाय के साथ हो चुकी है। इस पर्व के दूसरे दिन खरना किया जाता है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा में सभी प्राकृतिक चीजों को इस्तेमाल हो जाता है जिसकी आममून कुछ खास अहमियत नहीं होती है। छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस पर्व में विभिन्न प्रकार के फलों को भोग लगाया जाता है।
छठी मैया को प्रसाद में ठेकुआ, चावल के लड्डू, गुड़ की खीर का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा पूजा के दौरान डाब नींबू, गन्ना, नारियल, सुथनी, सिंघाड़ा समेत विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रसाद के रूप में इस्तेमाल होनी वाली चीजें आपके सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है।
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छठ में भोग लगाई जाती हैं ये चीजें
गुड़ की खीर- खरना के दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है। यह छठी मैया का सबसे पसंदीदा प्रसाद माना जाता है। यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ -साथ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस खीर को डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं।
ठेकुआ- छठ पर ठेकुआ बनाने की परपंरा है। ठेकुए को गुड़ और आटे के साथ तैयार किया जाता है। सर्दी के मौसम में यह शरीर को गर्माहट देने का काम करता है।
गन्ना- गन्ने के रस में आयरन, कैल्शियम और मग्नीशियम बोता है। यह आपके पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शुगर के रोगी को इससे बचना चाहिए।
पानी वाला नारियरल- पानी वाला नारियल में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। यह शरीर में इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।
डाब नींबू- डाब नींबू छठी मैया को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। इसमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है।
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सिंघाड़ा- ज्यादातर लोग सिंघाड़ा के फल को पसंद नहीं करते हैं लेकिन इसमें विटामिन ए, सी से लेकर फास्फोराइलेज और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है।
सुथनी- सुथनी में फाइबर, विटामिन बी की भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा जिन लोगों को पेट में अल्सर की परेशानी रहती है उनके लिए यह फल बहुत फायदेमंद होता है।
