पैंक्रियाटिक कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी से हर साल दुनियाभर के लाखों लोगों की मौत हो जाती है। पाचन तंत्र से संबंधित यह बीमारी पेट में दर्द और उल्टी का कारण बनती है और गंभीर होने की स्थिति में इंसान की जान भी ले लेती है। खराब खानपान और बुरी लाइफस्टाइल से इस तरह की बीमारी शरीर में शुरू होती है और इसके पता चलने तक ही यह काफी नुकसान पहुंचा चुकी होती है। जरूरत से ज्यादा मोटापा ऐसी बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने शरीर का ध्यान रखें और ऐसी गंभीर बीमारियों से बचकर रहें।

 

पैंक्रियाटिक कैंसर की वजह से हर साल 4 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है। यह इंसान के पाचन तंत्र से जुड़े तमाम अंगों पर अटैक करती है। इससे आपको अचानक पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है जो आपकी पीठ तक फैल सकता है। इससे उल्टी की समस्या भी हो सकती है। इसे अग्नयाशय कैंसर भी कहा जाता है।

शहरों में ज्यादा हैं मरीज

 

पैंक्रियाटिक कैंसर के मामले गांव की अपेक्षा शहरों में ज्यादा हैं। शहर में फास्ट फूड  का ज्यादा इस्तेमाल और हवा में ज्यादा प्रदूषण होने की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण 4 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है। भारत में हर साल 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है। इनमें 8 हजार से ज्यादा पुरुष होते हैं।

कैसे होता है पैंक्रियाटिक कैंसर?


खराब खानपान और गलत जीवनशैली की वजह से यह बीमारी होती है। सबसे ज्यादा नुकसान पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन जैसी ज्यादा फैट वाली चीजें खाने से होता है।  नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी के मुताबिक, यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होती है क्योंकि पुरुषों शराब और सिगरेट का सेवन ज्यादा करते हैं। अगर इंसान को थोड़े समय बाद एक साथ डायबिटीज और पैंक्रियाटाइटिस हो रहा है तो ये पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण हो सकता है।

पैंक्रियाज कैंसर क्या है?


हमारे पेट के पिछले हिस्से में एक मछली जैसा ऑर्गन होता है। कमाल की बात ये है कि यह ऑर्गन और ग्लैंड दोनों है। यह ऐसे एंजाइम और हॉर्मोन रिलीज करता है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। पैंक्रियाज की सेल्स शरीर की सभी सेल्स की तरह एक निश्चित पैटर्न में बढ़ती और नष्ट होती हैं। डेड सेल्स को हेल्दी कोशिकाएं खाकर खत्म कर देती हैं। कैंसर होने पर ये पैटर्न को तोड़कर कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ने लगती हैं और मल्टीप्लाई होने लगती हैं। यही पैंक्रियाटिक कैंसर है।

पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण


इस बीमारी के शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण तब दिखते हैं जब ट्यूमर, पाचन तंत्र के दूसरे अंगों पर असर डालता है। 

  • अचानक डायबिटीज होना
  • पेट के बीच में दर्द
  • बहुत ज्यादा थकान
  • पेट में सूजन
  • भूख में कमी आना
  • यूरिन का रंग गाढ़ा होना 

पैंक्रियाटिक कैंसर से बचाव


स्वस्थ आहार: एक स्वस्थ और संतुलित आहार लें जिसमें ज्यादा फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।
व्यायाम: नियमित व्यायाम करें जैसे कि चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना आदि।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान पैंक्रियास कैंसर के लिए जानलेवा हो सकता है, इसलिए धूम्रपान छोड़ना बहुत जरूरी है।
मोटापा कम करें: मोटापा पैंक्रियास कैंसर के लिए बीमारियों पैदा कर सकता है, इसलिए मोटापे को कम करना बहुत जरूरी है।