उदासी, एंग्जाइटी और अकेलेपन का इलाज दवाओं से ही नहीं बल्कि कविताओं से भी मुमकिन है। सुनने में भले थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सच है। ऐसी बीमारियों के लिए लंदन में 'पोएम फॉर्मेसी' खोली गई है। जी हां, लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर स्थित पोएट्री फार्मेसी एक किताबों की दुकान और कैफे है जहां बड़ी तादाद में युवा आ रहे है।
यहां आने वाले लोग एक-दूसरे को कविताएं और किताबें पढ़कर सुनाते हैं। इसके अलावा पोएम फॉर्मेसी में आने वाले लोग कविताएं सुनते-सुनाते खुद को रिकॉर्ड भी करते हैं। लंदन से बाहर से आने वाले लोग भी मानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए ही लाभदायक साबित हो रहा है।
कब खोली गई पोएम फॉर्मेसी?
बता दें कि लंदन में पोएम फॉर्मेसी 2 महीने पहले खोली गई थी। पहले यह बुजुर्गों के लिए होती थी, लेकिन अब यहां युवाओं की तादाद भी बढ़ चुकी है। कई युवा यहां बैठकर अपनी कविताएं लिखते और सुनाते है। डेब अल्मा पोएम फॉर्मेसी एबुलियंस की संस्थापक हैं। वह बताती है कि कविता एक ऐसी कला है जो किसी को भी ट्रॉमा से बाहर निकाल सकती हैं। पोएम फॉर्मेसी में बोतलों पर भी कविताएं लिखी हुई हैं।
कविताओं के अलावा और क्या-क्या?
कविताओं के अलावा पोएम फॉर्मेसी में मनोविज्ञान की भी किताबें पढ़ी जाती हैं। अकेलेपन और मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं के लिए यह जगह मानो जैसे जन्नत बन गई हो। इस फॉर्मेसी में आकर युवा अपनी कविताएं रच रहे हैं और एक-दूसरे को सुनाकर अच्छे संबंध बना रहे हैं। इससे न केवल उनका अकेलापन कम हो रहा बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता जा रहा है। युवा कविताओं के जरिए दर्द और परेशानियां शेयर कर रहे हैं। इससे वह हल्का महसूस करते है और उन्हें एंग्जाइटी से भी उबरने का मौका मिल रहा हैं।