ओट्स को हेल्दी नाश्ता कहा जाता है। इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा हती है। साथ ही पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हालांकि कुछ लोगों को ओट्स खाने से पाचन संबंधी समस्याएं होती है। खासतौर से रात के समय में ओट्स को भिगोकर रखने से स्टार्च रेजिस्टेंट की मात्रा बढ़ जाती है जिस वजह से ब्लोटिंग, गैस और पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
हाल ही में PubMed में रिसर्च पब्लिश हुई है जिसमें बताया गया कि ओट्स गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं लेकिन जिन लोगों को पेट संबंधी परेशानियां रहती है उनके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
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क्या ओट्स को भिगोकर खाना से होता है नुकसान?
ओट्स को भिगोकर खाने के कई फायदे हैं लेकिन भिगोकर रखने की वजह से उसमें स्टार्च रजिस्टेंट, फाइटिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिस कारण कुछ लोगों को पेट दर्द, गैस और अपच की समस्या हो सकती है।
रजिस्टेंट स्टार्च की मात्रा ज्यादा होना- रात के समय में ओट्स को भिगोकर रखने से उसमें रजिस्टेंट स्टार्च की मात्रा बढ़ जाती है। हाई रजिस्टेंट स्टार्च आपकी छोटी आंत में टूटने की बजाय बड़ी आंत में चला जाता है। यह आसानी से पचता नहीं है जिस कारण पेट संबंधी समस्याएं होती है।
फाइटिक एसिड और मिनरल अब्जॉर्प्शन-ओट्स में प्राकृतिक रूप से फाइटिक एसिड होता है जो मिनरल्स के अब्जॉप्शन को रोकता है जिसमें आयरन, कैल्शियम और जिंक शामिल है।
ग्लूटन सेंसिटिविटी वालों को होता है नुकसान- PubMed की रिपोर्ट में पाया गया कि ओट्स गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है लेकिन आईबीएस से पीड़ित लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है।
फर्मेंटेशन वाले चीजें हमारे आंत के लिए अच्छी होती है। ये चीजें गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और ऐसे तत्वों को कम करता है जो मिनरल्स के अब्जॉप्शन को रोकने का काम करते हैं। दही, केफिर फर्मेंटेशन वाली चीजें होती है जो पाचन के लिए फायदमेंद होता है। हालांकि जब आप ओट्स को भिगोते हैं तो उसके पोषक तत्व कम हो जाते है।
Frontier In Nutrition के मुताबिक ओट्स को रात में भिगोकर रखने से उसमें प्रोबायोटिक वाले गुण नहीं मिलते हैं। इसके अलावा जिन लोगों का पाचन प्रणाली संवेदशनशील होती ही है उनके नुकसान होता है।
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क्या है हेल्दी तरीका?
- ओट्स को पकाकर खाएं। यह आपके पाचन के लिए अच्छा होता है। साथ ही रेजिस्टेंट स्टार्च की मात्रा को कम करता है।
- आप ओट्स की जगह पर क्विनोआ और चीया सीड्स को भिगोकर खा सकते हैं। ये सभी हेल्दी ऑप्शन है।
- आप लैक्टोज फ्री दही या नारियल के दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं।