'मिट्टी में मत खेलो, कपड़े भी गंदे होंगे और बीमार भी पड़ जाओगे', क्या आप भी अपने बच्चों को मिट्टी में खेलने से ऐसे ही रोकते हैं? अगर हां, तो अभी से ऐसा करना बंद कर दिजिए। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन मिट्टी में बच्चों को खेलना उनकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता हैं। दरअसल, मिट्टी में माइक्रोऑर्गेनिज्म होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। इससे उनकी इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ता हैं। विज्ञान कहता है कि थोड़ी सी गंदगी के संपर्क में आना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो सकता है।
थोड़ी सी गंदगी के संपर्क में आना बच्चों के लिए फायदेमंद
दरअसल, गंदगी में मौजूद सूक्ष्मजीवों के संपर्क में आने से बच्चों को वास्तव में मजबूत इम्यूनिटी सिस्टम विकसित करने में मदद मिलती है। इससे एलर्जी और ऑटोइम्यून बीमारियों का जोखिम भी कम होता है। आपको बता दें कि मिट्टी केवल मिट्टी और पानी का मिश्रण नहीं होता है। यह सूक्ष्मजीवों से भरा एक माइक्रोऑर्गेनिज्म तंत्र है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन एक ग्राम मिट्टी में 10 बिलियन सूक्ष्मजीव यानी माइक्रोऑर्गेनिज्म पाए जाते हैं। मिट्टी और मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया असल में हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मिट्टी में खेलने से मिलती है एंग्जाइटी से राहत
बता दें कि बचपन के दौरान, हमारा इम्यूनिटी सिस्टम एडेप्टेबल होता है। ऐसे में मिट्टी में खेलने से बच्चों को एलर्जी और दमा की समस्या होने की आशंका बहुत कम होती है। यहां तक की मिट्टी में खेलने से बच्चों को एंग्जाइटी से भी राहत मिलती है। हालांकि, आज की सोसायटी गंदगी और गंभीर बीमारियों से खुद को बचाने के लिए कुछ ज्यादा ही साफ-सफाई पर जोर देती है जिससे शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम ओवरसेंसटिव हो जाता है। इससे अस्थमा, एक्जिमा या फीवर जैसी एलर्जी होने की भी स्थिति बन जाती है। ऐसी बीमारियां गांव के बच्चों की तुलना में शहरी बच्चों को जल्दी होती है।
मिट्टी के संपर्क में रखना क्यों जरूरी?
आपको हैरानी होगी, लेकिन स्वच्छ वातावरण में पले-बढ़े बच्चों में अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियों के विकसित होने की संभावना 50% तक अधिक होती है। माइक्रोबियल इंटरैक्शन के बिना, इम्यून सिस्टम शरीर पर ही हमला कर सकती है। ऐसे में टाइप 1 डायबिटीज या मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। शोध से पता चलता है कि माइक्रोबियल एक्सपोजर के उच्च स्तर वाले वातावरण में पले-बढ़े बच्चों को एलर्जी या ऑटोइम्यून बीमारियों के विकसित होने की संभावना कम होती है।
मिट्टी में बच्चों के खेलने से क्या होता है?
इम्यूनिटी सिस्टम होती है स्ट्रोंग
मिट्टी से खेलना गंदगी फैलाने से बढ़कर है, जैसे की उसको छुना और सूंघना। इससे बच्चे के मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। मिट्टी में खेलने से बच्चों का तनाव भी कम होता है।
माइकोबैक्टीरियम वैके, एक प्रकार का बैक्टीरिया जो आमतौर पर मिट्टी में पाया जाता है। यह आपके बच्चे के मूड को बेहतर बनाने के लिए सही होता है।
साफ मिट्टी में बच्चों को खिलाए
कोशिश करें की आप अपने बच्चों को साफ-सुथरे खेल मैदान में खिलाए। ऐसी जगहों पर बच्चों को खिलाए जहां जानवरों के मल या हाानिकारक कैमिकल से दूषित होने की संभावना न हो। घर के बगीचे या पार्क बेहतरीन ऑप्शन हो सकते हैं। अगर आपको लगता है कि जगह साफ है या नहीं तो इसके लिए आप मिट्टी परीक्षण किट का उपयोग कर सकते हैं।
बच्चों का हाथ रखें साफ
मिट्टी में खेलने के बाद बच्चों का हाथ जरूर धुलवाए। इससे हानिकारक बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद मिलती है। इससे संक्रमण का जोखिम कम होता है।