स्टेज पर बोलना एक तरह का हुनर है,जो बच्चों से लेकर बड़े सभी को सीखना चाहिए। प्रोफेशनल ही नहीं बल्कि पर्सनल लाइफ में ग्रो करने के लिए कॉन्फिडेंस की जरूरत होती है। कुछ लोगों को पब्लिक के सामने बोलने में जरा भी डर नहीं लगता, जबकि कुछ लोगों को स्टेज पर बोलने समय घबराहट होती है और उनके पैर कांपने लगते हैं। स्टेज पर लोगों को देखते ही उनका कॉन्फिडेंस लो हो जाता है। स्टूडेंट्स हो या फिर कामकाजी प्रोफेशनल लोग, न सिर्फ अपने काम में सफलता पाने के लिए बल्कि व्यक्तिगत रूप से खुद को मजबूत महसूस कराने के लिए कॉन्फिडेंस का होना बेहद जरूरी होता है। वैसे तो लोगों के बीच जाकर परफॉर्म करने से थोड़ी घबराहट होना आम बात होती है। ऐसा भी नहीं है कि जिस व्यक्ति को स्टेज पर बोलने से डर लगता है, उसमें ज्ञान की कमी है बल्कि उसमें कॉन्फिडेंस की कमी होती है।
कैसे बढ़ाएं कॉन्फिडेंस?
जब आप मंच पर स्पीच देने जाए, तो आप पहले उसी सब्जेक्ट के विषय पर अपनी स्पीच बोलकर प्रेक्टिस करें जिसके बारे में आपको पहले से बहुत कुछ पता हो। इससे आपको स्टेज पर बोलने से घबराहट में कमी आएगी और अगली बार आप पहले से अच्छा बोल पाएंगे। अपने विषय को बार-बार देखकर बोलने से आप अपने कॉन्फिडेंस को बढ़ा सकते है।
मंच पर बोलते समय अपने नोट्स लेकर जाए?
किसी विषय के बारे में आपकी जानकारी कितनी भी अच्छी हो, लेकिन अगर आपको लोगों के बीच अपने विचारों को रखना है, तो उसके पहले पूरी तैयारी करना जरूरी है। आप अपने बोलने की तैयारी घर में शीशे के सामने भी कर सकते है, इससे आपके अंदर कॉन्फिडेंस बढेगा। यदि जरूरत लगे तो आप छोटा सा नोट्स भी तैयार कर सकते है। खुद के पास नोट्स रखने और नोट्स देखकर बोलने में घबराहट नहीं होती है।
यदि आप मंच पर पहुंचकर नहीं बोल पाते हैं, तो इससे अच्छा आप नोट्स की मदद से अपने विचारों को अच्छे से सबके सामने रख सकते हैं। तैयारी में कमी आपके कॉन्फिडेंस को कमजोर कर सकती है, जिससे आपको अपनी बात रखने में परेशानी हो सकती है।
सुनने वालों पर पूरा ध्यान दें?
अच्छे वक्ता के लिए जरूरी है कि वह अपने स्रोताओं पर पूरा ध्यान दे। आपको भी ऐसा करना होगा। यह समझें कि सुनने वाले कौन हैं। उसी हिसाब से अपनी बातें रखें। भाषा एवं तथ्यों का चयन उसी हिसाब से करें, जिससे सामने वाले आसानी से समझ सकें। लोगों से नजरें मिलाकर अपनी बात कहें और इधर-उधर देखने से बचें। अपनी आवाज पर भी ध्यान दें। आवाज न तो बहुत तेज होनी चाहिए और न ही धीमी। आवाज स्पष्ट हो, जिससे सब आसानी से आपकी बात समझ सकें।
अपनी स्पीच को रिकॉर्ड करके सुनें
आप एक दिन पहले अपनी स्पीच को मोबाइल में रिकॉर्ड करके सुनें इससे आपको अगले दिन मंच पर बोलने से परेशानी नहीं होगी। कुछ लोग अपनी ही आवाज सुन पाते,इसके लिए जरूरी है कि आवाज को रिकॉर्ड करके सुना जाए और अपनी गलतियों पर ध्यान करके उनमें सुधार किया जा सके।