बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (Aamir Khan) इस समय अपने काम से ज्यादा परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के फ्लॉप होने के बाद एक्टर ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक ले लिया है। वो इस समय अपने मेंटल हेल्थ पर खास ध्यान दे रहे हैं। अपने इंटरव्यू में भी मिस्टर परफेक्शनिस्ट कह चुके हैं कि उन्होंने परिवार से ज्यादा काम को तवज्जो दिया। इस वजह से उनके रिश्तों पर काफी असर पड़ा है। वो इस समय अपने परिवार को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं। अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में आमिर ने बताया था कि वो अपनी बेटी आइरा के साथ जॉइंंट थेरेपी (Joint Theraphy) ले रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा था, इस जॉइंट थेरेपी से उन्हें काफी फायदा मिला है। 'दंगल' एक्टर ने लोगों को थेरेपी के फायदे बताते हुए कहा, अगर आपको लगता है तो जरूर डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इससे आप अपने रिश्तों को बेहतर समझ पाएंगे। आइए जानते हैं क्या होता है जॉइंट थेरेपी? आज के बिजी लाइफस्टाइल में ये आपके रिश्तों में बढ़ रही तल्खियों के लिए कैसे फायदेमंद है।

 

क्या होता है जॉइंट थेरेपी

 

दो लोगों के बीच में कितना भी अच्छा रिश्ता हो लेकिन दूरियां आ ही जाती हैं। आपस में बात-चीत बंद हो जाती है। नतीजा ये होता है कि दिनोंदिन रिश्ता खराब हो जाता है। ऐसे में अपने खराब रिश्तों को बचाने के लिए लोग जॉइंट थेरेपी के लिए जाते हैं। इस थेरेपी के दौरान मनोचिकित्सक विशेषज्ञ दोनों पक्षों के बीच के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करते हैं। उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं।

 

किन लोगों को पड़ती हैं थेरेपी की जरूरत

 

मेंटल हेल्थ से जूझ रहे लोग- जिन लोगों के रिश्ते में तनाव होता है उन्हें थेरेपी की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति मेडिकल कंडीशन से जूझ रहा है तो वे लोग थेरेपी लेते हैं। खासतौर पर डिप्रेशन, एंग्जाइटी से सामना कर रहे लोग। जिस तरह से शरीर से जुड़ी समस्याओं के लिए फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है। उसी तरह मेंटल हेल्थ की समस्या को ठीक करने के लिए थेरेपी की जरूर होती है।

 

शादी में चल रही परेशानियां- जिन कपल्स की शादी में परेशानियां चल रही हैं वे लोग थेरेपी लेते हैं। विशेषज्ञ उनके बीच हो रही समस्याओं को कम करने की कोशिश करता है। रिश्ते में चल रही खटास का असर उनके मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है।

 

रिश्ते में खटास- कई बार पेरेंट्स और बच्चों के बीच में रिश्ते अच्छे नहीं होते हैं। बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता उन्हें नहीं समझते हैं। ऐसे में थेरेपी या फैमिली टॉक फायदेमंद होता है।

 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

 

विशेषज्ञों का कहना हैं कि भारतीय परिवार में लोग एक-दूसरे के साथ एक्सप्रेसिव नहीं होते हैं। वो शुरुआत में मानने को तैयार नहीं होते हैं कि उनके रिश्तों में इस तरह की कोई दिक्कत है। वो अपने रिश्ते में आ रहे छोटे बदलावों को नोटिस नहीं करते हैं। उन्हें लगता है इन छोटी-छोटी बातों का क्या ही बुरा लगेगा। लेकिन यही चीजें आपका रिश्ता खराब करती है। अगर आपको लगता है कि डॉक्टर के पास आने की जरूरत हैं तो बिल्कुल उनसे बात करें। बात करने से आपके बीच चल रही मिस अंडरस्टैंडिंग दूर हो जाएगी। आप अपने रिश्तों को बेहतर समझ सकते हैं।