अगर रातभर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आप थका हुआ या गर्दन में दर्द महसूस करते हैं तो इसकी वजह आपका खराब तकिया भी हो सकता है। तकिया हमारे सोने के लिए बहुत जरूरी है। यह हमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डी के लिए एक सपोर्ट सिस्टम का काम करता है। हमें तकिए को लेकर लापरवाही करने से बचना चाहिए क्योंकि उसमें कई तरह के बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। कई लोग सोचते हैं कि बस तकिया का कवर बदल देने से तकिया नया हो जाता है लेकिन समय के साथ तकिए में मौजूद फोम एक्सपायर हो जाते हैं। जिससे तकिया सपोर्ट देना कम कर देते हैं। इससे गर्दन, पीठ दर्द, सांस लेने में तकलीफ और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 

आजकल घर को सजाने के लिए अलग-अलग आकार और रंगों के तकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हेल्दी रहने के लिए बिस्तर को साफ रखना भी बहुत जरूरी होता है। पुराना तकिया इस्तेमाल करने से व्यक्ति की मांसपेशियों में दर्द पैदा हो सकता है ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आपका तकिया आखिर कब एक्सपायर हो रहा है या उसे कब बदल देना चाहिए। 

एक्सपायर तकिए से होती हैं ये समस्याएं 

 

  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि तकिए को हर 1-2 साल में बदलना जरूरी  है क्योंकि इसमें धूल, मिट्टी और एलर्जी पैदा करने वाले अन्य बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं।
  • एक्सपायर्ड तकिए का उपयोग करने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि एलर्जी, अस्थमा और नींद की समस्याएं।
  • एक्सपायर्ड तकिए का उपयोग करने से आपकी नींद पर गहरा असर पड़ सकता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि तकिए को नियमित रूप से धोना आवश्यक है ताकि इसमें जमा होने वाले धूल और मिट्टी को हटाया जा सके।

  

आमतौर पर तकिए कई तरह के आते हैं। कुछ तकिए फोम से बने होते हैं, कुछ में पानी भरा होता है, कुछ में हवा भरी होती है, कुछ बड़े आकार के होते हैं, कुछ शरीर को सहारा देने के हिसाब से बनाए जाते हैं। इसके अलावा, कुछ तकिए खासतौर पर यात्रा के लिए बनाए जाते हैं। साथ ही, गर्दन और सिर समेत अलग-अलग अंगों को सहारा देने के लिए भी अलग तकिए आते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

 

सही तकिया न केवल आराम देता है बल्कि अच्छी सेहत भी देता है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अच्छी नींद आपको तरोताजा, सक्रिय और स्वस्थ रखती है। एक साफ तकिया खरीदना आपकी सेहत को स्वस्थ रखता है। अपने तकिए को नियमित रूप से बदलना और उसे साफ रखना आरामदायक और स्वस्थ नींद के लिए ज़रूरी है। मेमोरी फोम और लेटेक्स तकिए तीन साल तक चल सकते हैं, जबकि डाउन और सिंथेटिक जैसे अन्य प्रकारों को अधिक बार बदलने की ज़रूरत होती है। अपने तकिए को समय पर बदलने से आप बेहतर नींद, कम एलर्जी और अन्य समस्याओं से बच सकते हैं।


कैसे करें पहचान?

 

अगर आपके तकिए में गांठें पड़ गई हों या उसके अंदर भरी गई रूई या फोम एक ओर हो गया हो तो समझ जाएं कि उसे बदलने समय आ गया है। तकिए को उपयोग करने से पहले अगर आपको उसे हाथों से शेप देने की जरूरत पड़ती हो, तो जान लें कि आपका तकिया खराब हो चुका है। आमतौर पर तकिए की उम्र 18 से 24 महीने होती है इसलिए हर दो साल में अपना तकिया जरूर बदलें।

 

आपका तकिया इस्तेमाल करने योग्य है या नहीं, इसका पता आप एक साधारण टेस्ट करके भी लगा सकते हैं। इसके लिए आप अपने तकिए को बीच से मोड़ें और 30 सेकेंड्स तक दबाकर छोड़ दें। यदि तकिया दोबारा अपनी शेप नहीं लेता, तो समझ जाएं कि आपको अपना तकिया बदलने की जरूरत है। 

कैसा हो आपका तकिया?

 

आपका तकिया ऐसा होना चाहिए जो सोते समय आपकी पीठ और गर्दन दोनों को सहारा दे। ऐसा तकिया जो बहुत कठोर बहुत लंबा या बहुत नरम होता है वह आपकी गर्दन में दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में तकिया ऐसा चुनें जो आपके सिर को थोड़ा ऊंचा रखते हुए आपकी गर्दन, पीठ, सिर और कंधों को सपोर्ट करे।