चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच का मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच दुबई में खेला जाएगा। इसी कड़ी में दुनियाभर के सट्टेबाजों की नजर इस मैच पर टिकी हुई है। रविवार को दुबई में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच पर 5,000 करोड़ रुपये तक का सट्टा लगाया गया है। सट्टेबाजी गिरोहों पर नजर रखने वाले सूत्रों ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजों की पसंदीदा टीम है। उन्होंने बताया कि कई सट्टेबाज अंडरवर्ल्ड से जुड़े हैं।

 

दाऊद इब्राहिम का गिरोह 'डी कंपनी' से जुड़े तार

दरअसल, हर बड़े मैच के दौरान दुनिया भर के बड़े सट्टेबाज दुबई में जुटते हैं। इसमें दाऊद इब्राहिम का गिरोह 'डी कंपनी' भी दुबई में बड़े क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाता है। बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कम से कम 5 बड़े सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने सेमीफाइनल पर सट्टा लगाया था। उनसे पूछताछ के बाद जांच दुबई तक पहुंच गई। 

 

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भारत में क्रिकेट बेटिंग अवैध

पुलिस ने एक मामले में, परवीन कोचर और संजय कुमार नाम के दो सट्टेबाजों को भारत-ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल मैच पर सट्टा लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया। दोनों लैपटॉप और मोबाइल फोन के जरिए लाइव सट्टा लगाते हुए पकड़े गए थे। पुलिस ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सामान बरामद किए। बता दें कि भारत में क्रिकेट बेटिंग अवैध है लेकिन दुबई, इंग्लैंड और अन्य देशों में ऑनलाइन बेटिंग वेबसाइट्स फाइनल के दौरान बहुत सक्रिय रहती हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर लाखों-करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है।

 

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मैच फिक्सिंग और सट्टा सिंडिकेट्स की सक्रियता

फिक्सिंग गैंग्स और सट्टा लगाने वाले एजेंट फाइनल मैच में अधिक एक्टिव हो जाते हैं। कई बार मैच के नतीजे को प्रभावित करने के लिए खिलाड़ियों पर दबाव डालने की खबरें भी सामने आती हैं। इसके अलावा फाइनल मैच से पहले टीवी चैनलों, न्यूज वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा होती है, जिससे लोग सट्टेबाजी में रुचि लेते हैं। फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स (Dream11, My11Circle) के प्रचार से भी बेटिंग का माहौल बनता है।