वृंदावन और मथुरा की गलियां हों या आपका इंस्टाग्राम, हर जगह चर्चा अभिनव अरोड़ा की है। लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, गालियां दे रहे हैं। उनकी मां ने कहा है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने उन्हें धमकी दी है और उन्होंने अपने बच्चे के लिए सुरक्षा मांगी है। महज 10 साल में अभिनव वह ख्याति हासिल कर गए हैं, जिसे लोग जिंदगीभर हासिल नहीं कर पाते।
अभिनव नाचते हैं, गाते हैं, राधा-राधा नाम करते हैं। नन्ही सी उम्र में उन्होंने ख्याति हासिल कर ली है। कुछ लोग उन्हें बाल संत कहते हैं, कुछ लोग उन्हें धर्मगुरु बताने लगे हैं। वे कहानियां कहते हैं, राधा-कृष्ण नाम की महिमा गाते हैं, राम-कृष्ण की गाथा गाते हैं।
तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने अपने एक मंच पर उन्हें सार्वजनिक तौर पर लताड़ लगाई थी और कहा था कि इसे मंच से नीचे उतारो। मेरी एक मर्यादा है। बात में उन्होंने अभिनव को मूर्ख बता दिया। इन हंगामों से पहले कुछ यूट्यूबर्स अभिनव अरोड़ा के पीछे पड़ गए हैं। लोग उनके संत रूप को उनके मां-बाप का बिजनेस प्लान बता रहे हैं। कई ऐसे किस्से हैं, जो इस ओर इशारा भी कर रहे हैं कि ऐसा कुछ हो भी सकता है।
सोशल मीडिया पर इन दिनों अभिनव अरोड़ा छाए हुए हैं। गणेश चतुर्थी पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे भगवान गणेश की प्रतिमा से लिपटकर रो रहे हैं, उन्हें भगवान के विसर्जन का दुख है, वे रोते हुए मूर्ति से कहते हैं कि फिर आना। लोग मूर्ति लेने पहुंचते हैं और जोर-जोर से से रोना शुरू कर देते हैं। इस वीडियो से पहले अभिनव अरोड़ा के इक्के-दुक्के वीडियो दिखते थे लेकिन इसके बाद उनके कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर नजर आए। देखते ही देखते बालसंत अभिनव अरोड़ा सोशल मीडिया पर छा गए। आखिर उनके विवादों में पड़ने की वजह क्या है, आइए समझते हैं।
अतीत करता रहा है परेशान
अभिनव अरोड़ा, हमेशा से संत नहीं थे। उनके पिता बिजनेसमैन हैं और खुद मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। सोशल मीडिया पर वे खुद कोट, पैंट और टाई में नजर आते हैं लेकिन बच्चे को संत भेष में रखते हैं। वे अभिनव की मार्केटिंग करते हैं, उनका सोशल मीडिया हैंडल संभालते हैं। अभिनव अरोड़ा की मां ज्योति अरोड़ा और पिता तरुण राज अरोड़ा हैं। वे खुद को उद्यमी, लेखक और TEDx स्पीकर बताते रहे हैं। उन्होंने फालूदा एक्सप्रेस के नाम से आइसक्रीम का कारोबार भी किया, जिसका विज्ञापन भी उन्होंने अपने बेटे अभिनव से ही कराया।
ऐसा बालसंत जो बचपन से वैष्णव था लेकिन चिकन खाता था
अभिनव अरोड़ा का एक जीवन, उनके धार्मिक होने से पहले का भी है। वे बताते हैं कि बचपन से ही वे धार्मिक रहे हैं, मांस-जीव हिंसा से दूर रहे हैं लेकिन एक वीडियो में वे अपनी ही इस बात को काटते नजर आ रहे हैं। पुराने वीडियो में अभिनव अरोड़ा कह रहे हैं, 'मैं छोटा हूं लेकिन अपनी मां को कुछ नहीं दे सकता। बस इतना कह सकता हूं कि मेरी मां जितनी करती है, उतना मेरे परिवार में कोई नहीं कर सकता। मेरी मां झाड़ू, लगती है, पोछा लगाती है, मेड के न आने पर खाना बनाती है। खुद तो नॉनवेज नहीं खाती लेकिन मेरे लिए चिकन बनाती है।'
फालूदा एक्सप्रेस का प्रचार करते थे अभिनव अरोड़ा
अभिनवर अरोड़ा, बीते 2 साल से संत बने हैं। इससे पहले वे आम बच्चे थे, हालांकि वे अलग-अलग इंटरव्यू में यह दावा करते रहे हैं कि वे बचपन से ही धार्मिक थे, राधा रानी और कृष्ण की सेवा में लगे थे, उनका मन आधुनिक चीजों में नहीं रमता था। हालांकि अगर फालूदा एक्सप्रेस का विज्ञापन देखें तो अभिनव एकदम आधुनिक कपड़ों में मासूम बच्चे की तरह नजर आ रहे हैं, जो फालूदा का प्रचार कर रहा है।
सोशल मीडिया पर मचाई है गदर
अभिनव सोशल मीडिया पर बेहद मशहूर हैं और उनके 10 लाख से ज्यादा प्रशंसक हैं। कभी वे वीडियो पोस्ट करते हैं, कभी मंदिरों में घूमने की तस्वीरें। वे जहां जाते हैं लोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, वे नाचते गाते हैं। वे हिंदू धर्मग्रंथों पर बात करते हैं। धर्मगुरुओं से मुलाकात करते हैं। उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी भारत के सबसे छोटे धार्मिक वक्ता का एक अवार्ड दे चुके हैं।
भगवान कृष्ण को मानते हैं छोटा भाई
अभिनव की भक्ति भी निराली है। वे खुद को भगवान का बड़ा भाई कहते हैं और उनकी पूजा वे छोटे भाई के तौर पर कहते हैं। उनकी दिनचर्या तो हैरान कर देगी। वे बताते हैं कि वे सुबह साढ़े तीन तक उठ जाते हैं, वे ब्रह्म मूहूर्त में उठकर माला जाप करते हैं और सुबह 4 बजे तक पूजा कर लेते हैं। सुबह 6 बजे वे तुलसी मां की पूजा कर लेते हैं, भगवान कृष्ण को इसके बाद वे भोग भी लगा देते हैं।
'स्कूल पर हर बार ट्रोल होते हैं अभिनव अरोड़ा'
अभिनव अरोड़ा के वीडियोज पर एक कॉमेंट कॉमन है। उनके हर वीडियो पर लोग कहते हैं कि 'तू फिर स्कूल नहीं गया।' वजह ये है कि अभिनव अरोड़ा अपने स्कूल में कम, वीडियोज पर ज्यादा नजर आते हैं। कुछ दिनों पहले 'ओनली देसी' नाम के एक यूट्यूब चैनल ने उनके खिलाफ एक सिरीज में कई वीडियोज बनाए। दावा किया गया कि अभिनव अरोड़ा, बाल संत नहीं, अपने पिता का सफल स्टार्टअप हैं।
कुछ सवाल हैं जो मां-बाप पर उठा रहे हैं सवाल
एक गुरुकुल में शिक्षा लेने वाले बच्चे होते हैं, जिनकी मेधा ही धार्मिक होती है। वे सोशल मीडिया पर नहीं होते, धर्म के अध्ययन में लगे रहते हैं। गुरुकुल में उन्हें वेद-पुराण, उपनिषद पढ़ाए जाते हैं। उनकी भक्ति नजर नहीं आती, वे तपस्वियों सा जीवन जीते हैं। अभिनव अरोड़ा, बेहद संपन्न परिवार से आते हैं, महंगे घर में रहते हैं, फ्लाइट से यात्रा करते हैं, फाइव स्टार होटल में रहते हैं।
अभिनव के पहनावे से लेकर बोलने की स्क्रिप्ट तक का खास ध्यान रखा जाता है। वे जिन लोगों को अपना साक्षात्कार देते हैं, उनकी स्क्रिप्ट एक सी लगती है। ऐसा लगता है कि उन्हें सिखाया गया है। जब ट्रोलिंग को लेकर सवाल किया जाता है तो वे एक ही जुबान कहते हैं, 'मुझे फर्क नहीं पड़ता कि जमाना क्या कहता है, मुझे तो ये पता है कि मेरा बांके बिहारी मुझे अपना कहता है।'
यही बात वे कई बार दोहरा चुके हैं। कई मामलो में उनके जवाब एक से होते हैं। उनसे जब कुछ अचानक से अलग सवाल एंकर पूछ लेते हैं तो वे घबरा जाते हैं या अपने मां-बाप की तरफ देखने लगते हैं। ऐसा कई इंटरव्यू में साफ नजर भी आता है।
क्यों ट्रोल हो रहे हैं उनके मां-बाप?
सोशल मीडिया पर लिखने वाले ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि अभिनव अरोड़ा के मां-बाप उनका भविष्य बिगाड़ रहे हैं। एक बच्चे से उनकी मासूमियत लोग छीन रहे हैं। वह बच्चा है लेकिन उसे एक्टिंग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हो सकता हो कि वह आम बच्चों की तरह घूमना-टहलना चाह रहा हो लेकिन उसे बाल संत बताकर उस पर धार्मिकता थोपी जा रही है। उसके मां-बाप उसके नाम पर फेम चाहते हैं।