जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव में इस बार हैरतअंगेज बदलाव देखने को मिला है। बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्र संघ चुनाव में 42 में से 23 सीटें जीतकर ऐतिहासिक छलांग लगाई है। एबीवीपी ने लंबे संघर्ष के बाद वामपंथ के गढ़ जेएनयू में भगवा लहरा दिया है।
पारंपरिक रूप से वामपंथियों के वर्चस्व वाले जेएनयू में एबीवीपी गहरी पैठ बनाने में सफल हो गई है। वहीं, एबीवीपी सभी चार प्रमुख केंद्रीय पैनल पदों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव- पर आगे चल रही है। छात्र संघ चुनाव की वोटिंग के बाद अभी गिनती चल रही है।
एबीवीपी को जेएनयू में समर्थन की आस
इसके अलावा 25 सालों के बाद एबीवीपी ने स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में दो सीटें जीतने का दावा किया है और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है, जो विश्वविद्यालय के अंदर संगठन के लिए मजबूत समर्थन की लहर का संकेत है।