उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन प्राइवेट कॉलेजों में परीक्षा देने के लिए करीब 2 हजार पुरुष छात्र फर्जी तरीके से छात्राओं के तौर पर रजिस्टर पाए गए।

 

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ओम प्रकाश ने कहा कि मेजर अंगद सिंह महाविद्यालय, मैनपुरी में एसबीडी कॉलेज ऑफ साइंस एंड एजुकेशन और मथुरा में गुलकंदी लालाराम महाविद्यालय में गड़बड़ियां पाई गई है।  

कब आया मामला सामने?

यूनिवर्सिटी की ओर से इन कॉलेजों को 'सेल्फ सेंटर'के रूप में नामित किया गया था। दरअसल, विश्वविद्यालय अधिक छात्राओं वाले कॉलेजों को परीक्षा के लिए 'सेल्फ सेंटर' बनाने की अनुमति देता है। वहां कॉलेज अपने स्वयं के स्टाफ सदस्यों को सुपरवाइजर के रूप में रख सकते हैं। यह मामला मंगलवार को तब सामने आया जब पहली, दूसरी और तीसरी शिफ्ट में छात्रों की संख्या में बड़ा अंतर देखा गया। नामांकन डेटा से पता चला कि वास्तविक छात्र संख्या केंद्रों में कुल सीटों की तुलना में बहुत कम थी। 

सीसीटीवी फुटेज से हुआ पर्दाफाश

सेंटर के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए है जिसमें गड़बड़ी देखने को मिली। फुटेज में इन सेंटरों पर पुरुष छात्र परीक्षा देते हुए दिखाई दे रहे थे। वहीं, कई कमरों में केवल पुरुष छात्र ही देखे गए। इस गड़बड़ी को देखने के बाद यूनिवर्सिटी  ने आगे की जांच तक सभी तीन एग्जाम सेंटर को तुंरत रद्द कर दिया। अधिकारियों को संदेह है कि इस घोटाले में कॉलेजों के एडमिनिस्ट्रेशन की भागीदारी हो सकती है। 

21 नवंबर को शुरु हुई परीक्षाएं 

ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट की परीक्षाएं 21 नवंबर को शुरु हई थीं। एग्जाम शुरू होने से पहले फॉर्म जमा किए गए थे। फॉर्म में छात्रों की तस्वीरें और पिता के नाम तो शामिल हैं, लेकिन लिंग में पुरुष को महिला के रूप में चिह्नित किया गया था।  सीसीटीवी फुटेज में महिला की जगह पुरुष छात्र देखे गए। इस मामले की अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 'जांच शुरू कर दी है और निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई करेंगे।' उन्होंने कहा कि वह अन्य कॉलेजों के रिकॉर्ड की भी जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी इसी तरह की गड़बड़ी तो नहीं हुई।