जून की 12 तारीख को गुजरात के अहमदाबाद में जो हुआ, वह बहुत भयावह था। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का AI171 विमान टेकऑफ के चंद सेकंड के भीतर ही क्रैश हो गया। इस विमान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। हादसे की तस्वीरें और वीडियो गवाही दे रहे हैं कि क्रैश होने के बाद विमान में कितनी जबरदस्त आग लग गई थी। हादसे में जान गंवाने वालों के शव बुरी तरह झुलस गए हैं। शवों की पहचान DNA से की जा रही है।


यह अब तक का सबसे खतरनाक विमान हादसा है। क्रैश होने के बाद यह विमान एक हॉस्टल पर जाकर गिरा। इस हादसे में इंटर्न डॉक्टर्स रहते थे। इस हादसे में अब तक कुल 265 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। इनमें 241 तो यात्री ही थे। 24 मेडिकल छात्र और दूसरे लोग हैं।


इस हादसे के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने हादसे वाली जगह का दौरा भी किया। पीएम मोदी ने इस हादसे में बचे एकमात्र यात्री विश्वास रमेश से भी मुलाकात की।

 

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इस हादसे में अब तक क्या-क्या हुआ?

यह हादसा 12 जून की दोपहर को हुआ। विमान ने 1 बजकर 38 मिनट पर अहमदाबाद सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। टेकऑफ के बाद चंद मिनटों में ही 1 बजकर 39 मिनट पर विमान क्रैश हो गया। 


यह बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान था। इस विमान में 242 यात्री सवाल थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक था। इस विमान को कैप्टन सुमित सबरवाल उड़ा रहे थे। उनके साथ को-पायलट क्लाइव सुंदर थे। विमान के क्रैश होने से पहले कैप्टन सुमित सभरवाल ने 'मेडे' कॉल दिया था। यह एक इमरजेंसी कॉल होता है। इस हादसे में जान गंवाने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी हैं। 


इस हादसे में अब तक कुल 265 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 6 शवों की पहचान हो गई है और इन्हें परिजन को सौंप दिया गया है।


इस विमान में सवा लाख लीटर ईंधन था। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, क्रैश होने के बाद विमान में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे 1 हजार डिग्री का तापमान हुआ। इसमें सबकुछ जलकर खाक हो गया। इसलिए इस हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई।

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फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स मिला

इस विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। यह ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज की छत पर मिला। किसी भी विमान हादसे में ब्लैक बॉक्स काफी अहम होता है, क्योंकि इसी से हादसे की सही वजह पता चलती है।


ब्लैक बॉक्स असल में नारंगी रंग का होता है। इसमें उड़ान के दौरान फ्लाइट का हर डेटा रिकॉर्ड होता रहता है।


इतने जबरदस्त हादसे में भी ब्लैक बॉक्स इसलिए बच सका, क्योंकि यह काफी मजबूत होता है। इसे टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बनाया जाता है। यह ग्रैविटी से 3400 गुना ज्यादा बल सह सकता है। इतना ही नहीं, 1 हजार डिग्री के तापमान में भी एक घंटे और पानी में 6 हजार मीटर गहराई में 30 दिन तक बचा रह सकता है।

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विमान हादसे की जांच कैसे होगी?

इस विमान हादसे की जांच शुरू हो गई है। इसकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) करेगा। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अंडर में आने वाले AAIB की जिम्मेदारी इस तरह के हादसों की जांच करना और भविष्य में इन्हें रोकने को लेकर सुझाव देना होता है।


इसके अलावा, केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई है। यह कमेटी AAIB से इतर जांच करेगी। इस हाई लेवल कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन करेंगे।


इस कमेटी में गुजरात के गृह मंत्रालय, गुजरात डिजास्टर रिस्पॉन्स अथॉरिटी, अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर, वायुसेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ इंस्पेक्शन एंड सेफ्टी, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के डीजी और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविशन (DGCA) के डीजी भी रहेंगे। इनके अलावा आईबी के स्पेशल डायरेक्टर और डायरेक्टोरेट ऑफ फोरेंसिक साइंस सर्विसेस के डायरेक्टर को भी कमेटी में शामिल किया गया है। जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर कमेटी में और सदस्यों को भी शामिल किया जा सकता है।

 


यह कमेटी इस हादसे की असल वजह की जांच करेगी। बर्ड स्ट्राइक, ह्यूमन एरर, मैकेनिकल फेल्योर, मौसम जैसे संभावित कारणों की जांच भी की जाएगी। 


आदेश में कहा गया है कि इस कमेटी की पहुंच सभी तरह के रिकॉर्ड तक रहेगी। इसमें फ्लाइट डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, मेंटेनेंस रिकॉर्ड, एटीसी लॉग और गवाहों तक पहुंच रहेगी। यह कमेटी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी सहयोग करेगी। यह कमेटी 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

 

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हादसे के बाद अब ड्रीमलाइनर पर सख्ती

इस हादसे में जो विमान क्रैश हुआ है, वह बोइंग का ड्रीमलाइनर 787-8 था। इस हादसे के बाद अब ड्रीमलाइन बेड़े पर सख्ती बढ़ा दी गई है। इस हादसे के बाद DGCA ने ड्रीमलाइन फ्लीट की जांच का दायरा बढ़ा दिया है।


DGCA ने एक आदेश जारी कर कहा है कि अब उड़ान से पहले 787-8 और 787-9 विमानों की एक बार जांच करना जरूरी है। अब उड़ान से पहले ड्रीमलाइन की वन टाइम जांच की जाएगी। इसमें विमान का फ्यूल पैरामीटर, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल, इंजन फ्यूल ऑपरेशनल ऑयल सिस्टम और हाइड्रोलिक सिस्टम समेत तमाम उपकरणों की जांच होगी। 


DGCA ने यह भी कहा है कि अगर 15 दिन में बार-बार विमान में खराबी देखी जा रही है तो इसका मेंटेनेंस बंद कर दिया जाएगा।