बिहार विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही वक्फ कानून को लेकर माहौल गरमा गया है। रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनी तो वक्फ कानून को लागू नहीं किया जाएगा। इसी मामले पर अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तेजस्वी यादव और आरजेडी समेत समूचे INDIA गठबंधन को घेरा है। बीजेपी ने पूछा है कि क्या वे बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहती हैं? BJP ने आरोप लगाए हैं कि समाजवाद के नाम पर चल रहीं समाजवादी पार्टी और आरजेडी जैसी पार्टियां गरीबों और दबे-कुचले मुस्लिमों के लिए नहीं खड़ी नहीं होती हैं। बीजेपी ने यह भी कहा कि सपा और आरजेडी का समाजवाद, समाजवाद नहीं नमाजवाद है।
इससे पहले, रविवार को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में 'वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ' कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। मुस्लिम संगठनों के आह्वान पर आयोजित इस क्रार्यक्रम में आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने बीजेपी को जमकर आड़े हाथ लिया था। तेजस्वी यादव ने यह भी ऐलान कर दिया कि अगर बिहार में उनकी सरकार लागू हुई तो वक्फ कानून को लागू ही नहीं किया जाएगा। इसी मुद्दे पर अब बीजेपी ने तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लिया है और इंडिया गठबंधन से भी सवाल पूछे हैं।
'वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ' कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'हाल ही में आपातकाल के 50 साल पूरे हुए हैं। बहुत दुख की बात है कि पटना के उसी गांधी मैदान में, जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा और सम्मान के लिए जान की परवाह किए गए बगैर लाखों लोग इकट्ठा हुए थे, वहां एक ऐसी रैली हुई जिसके बारे में तेजस्वी यादव ने कहा कि हम संसद से पारित एक कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे। उन्होंने यह वक्फ कानून के लिए ऐसा कहा जबकि वह संसद के दोनों सदनों से पारित है और कोर्ट में विचाराधीन है। इसका अर्थ यह हुआ कि न संसद का सम्मान, न न्यायपालिका का सम्मान है। जो कुछ बोला गया है, उससे यह साफ है कि ये लोग संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 साल पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।'
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क्या बोली BJP?
बीजेपी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा है, 'बीजेपी और एनडीए इस बात के लिए संकल्पित है कि अगर कोई भी शख्स बाबा साहब आंबेडकर के संविधान के किसी प्रावधान को कूड़े में फेंकना चाहेगा तो हम उसे नहीं होने देंगे। वक्फ बोर्ड के जिन प्रावधानों के खिलाफ इंडी गठबंधन के नेता बार-बार बोल रहे हैं, क्या वे प्रावधान सऊदी अरब में लागू हैं, जो इस्लाम की जन्मस्थली है? नहीं, क्या वह इंडोनेशिया में लागू है, जो सबसे बड़ा मुस्लिम देश है? नहीं। क्या तुर्की में लागू है, जो खलीफत की सीट रही है? नहीं, क्या वह पाकिस्तान-बांग्लादेश में लागू है? नहीं, क्या वह ISIS की भूमि सीरिया और इराक में लागू है? नहीं, तो मैं इंडी गठबंधन से पूछना चाहता हूं कि क्या आप बिहार में इन देशों से बड़ा शरिया कानून लागू करना चाह रहे हैं? हमें इस बात का सीधा और साफ जवाब चाहिए।'
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उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक धार्मिक पक्ष की बात है। समाजवाद का चोला ओढ़े हुए आरजेडी और सपा जैसे दल हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि समाजवाद तो कहता है न कि समान वितरण होना चाहिए, गरीब को ज्यादा से ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए। आप क्या कह रहे हैं कि 29 लाख एकड़ जमीन पर चंद लोगों का कब्जा होना चाहिए। चंद मुल्ला-मौलवियों का कब्जा होना चाहिए। यह एक सोची-समझी मानसिकता है, जो समाजवाद के खिलाफ है। इतना ही नहीं है, इनका विचार संविधान की सीमा को तार-तार करने का है। ये लोग गरीब और मजलूम मुस्लिमों के हक के साथ नहीं खड़े हैं। इसीलिए आरजेडी और सपा का समाजवाद कतई समाजवाद नहीं कहा जा सकता, इसे नमाजवाद कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी।'
वक्फ पर अपनी बात रखते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कुरान में वक्फ नाम का कोई शब्द नहीं है। यह मुल्ला-मौलवियों का अपना क्रिएशन है। कुरान में तो यह कहा गया है कि जितना हो सके खर्च हो। आप कहते हैं कि जो है, जोड़ लो और मुल्ला-मौलवियों के कदमों में जाकर अर्पित कर दो ताकि वोट की सियासत हो सके।'
इस मामले पर अब कांग्रेस का भी जवाब आ गया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है, 'संसद में पास हुए कानून को निश्चित तौर पर वापस लिया जा सकता है। अगर सुधांशु त्रिवेदी को लोकतंत्र की यह सामान्य सी प्रक्रिया समझ नहीं आती है तो वह संसद में क्या कर रहे हैं? यह मानसिकता सिर्फ उन लोगों के मन में हो सकती है जिन्हें इस देश की बेसिक समझ नहीं है। ऐसे में मैं नहीं समझता कि हमें इस तरह देश विरोधी बयानों पर टिप्पणी देकर भी उन्हें अहमियत देने की जरूरत है।'
दरअसल, तेजस्वी यादव ने कहा था, 'बिहार में किसी भी कीमत पर वक्फ संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। उत्तर से दक्षिण तक हिंदुस्तान की सरजमीं के एक-एक इंच का इतिहास और हर एक पन्ना चीखकर इस बात की गवाही देता है कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों, ईसाई हों सभी ने कुर्बानी दी है। यह देश किसी के बाप का देश नहीं है, हम सब का है। अब बीजेपी सत्ता से जाने वाली है। अगर हमारी सरकार बनी तो हम इस बिल को कूड़े में फेंक देंगे।'