तकनीक की दुनिया में जितनी तेजी से बदलाव होते हैं, उतनी तेजी से शायद ही किसी और दुनिया में होते हों। यही इसकी खास बात भी है और खराब भी। कुछ साल पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI आया था। तीन साल पहले जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था तो इसने हर किसी को हैरान कर दिया था। 


इसके बाद से ChatGPT की तरह ही कई AI टूल्स आए। गूगल ने Gemini लॉन्च किया। माइक्रोसॉफ्ट ने Copilot को तो Meta ने भी अपना AI प्लेटफॉर्म लॉन्च कर दिया। आज तमाम AI टूल्स हैं। हाल ही में चीनी कंपनी DeepSeek के AI टूल्स ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। इसके आते ही अमेरिका का शेयर मार्केट तो धड़ाम हुआ ही लेकिन इसने दुनियाभर चिंता बढ़ा दी। DeepSeek के बाद चीन की ही एक और कंपनी Alibaba ने भी एक नया AI मॉडल QWEN 2.5 लॉन्च कर दिया। Alibaba ने अपने AI मॉडल को DeepSeek से ज्यादा बेहतर बताया है।

भारत की तैयारी क्या?

जब दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में AI को लेकर प्रयोग हो रहे हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारत की तैयारी क्या है? भारत ने पिछले साल मार्च में IndiaAI Mission को बढ़ाने के लिए 10,300 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी। 


इस मिशन के जरिए अगले 5 साल में देशभर में 10 हजार ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) लगाई जाएंगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहली GPU इस साल के आखिर तक शुरू भी हो जाएगी। इस मिशन के जरिए भारत में AI इकोसिस्टम को मजबूत किया जाएगा। AI स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच बढ़ाई जाएगी।


इसके अलावा, मंगलवार को ही केंद्रीय कैबिनेट ने 'नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन' को मंजूरी दी है। इस मिशन के तहत अगले 6 साल में 34,300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मिशन के जरिए सरकार 2030-31 तक विदेशों में 50 खदानें खरीदेगी। इससे जरूरी प्राकृतिक संसाधनों की सप्लाई बेहतर होगी। सेमीकंडक्टर और हाई टेक्नोलॉजी के लिए ये संसाधन जरूरी हैं। चीन के पास इन प्राकृतिक संसाधनों का 70 से 80 फीसदी तक कंट्रोल है। उसका इसे फायदा मिलता है।

 

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AI में आगे निकला साउथ इंडिया

AI तकनीक में नॉर्थ इंडिया की बजाय साउथ इंडिया में ज्यादा जोर है। साउथ इंडिया के राज्यों में AI तकनीक में भारी-भरकम निवेश हो रहा है। जबकि, नॉर्थ इंडिया में अभी तक AI को लेकर कुछ खास नहीं हो सका है। 


- तमिलनाडुः 2020 में ही सरकार ने AI नीति जारी कर दी थी। सरकार ने तमिलनाडु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन (TNAIM) भी शुरू किया है। 3 हजार सरकारी स्कूलों और दफ्तरों में फेशियल रिकग्निशन के जरिए अटेंडेंस सिस्टम भी यहां लागू कर दिया गया है। तमिलनाडु में कई AI लैब और AI सेंटर भी खोले जा रहे हैं।


- तेलंगानाः हैदराबाद के पास 200 एकड़ में AI सिटी बनाई जा रही है। इस सिटी को AI के R&D के तौर पर स्थापित किया जा रहा है। 'एडवांटेज तेलंगाना' पहल शुरू की गई है, जिसके तहत माइक्रोसॉफ्ट स्कूलों के 60 हजार छात्रों और 60 हजार सरकारी कर्मचारियों-अफसरों को AI की ट्रेनिंग देगा। अमेरिकी कंपनी Nvidia भी डीप लर्निंग प्रोग्राम के जरिए हजारों छात्रों को AI की ट्रेनिंग देगी। इतना ही नहीं, हैदराबाद के पास AI-फोकस्ड वर्ल्ड ट्रेड सेंटर भी बन रहा है।


- आंध्र प्रदेशः मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का मकसद हर परिवार में AI प्रोफेशनल्स तैयार करना है। सरकार ने गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के साथ समझौता किया है। गूगल AI से जुड़ी वर्कशॉप करवाएगा। इसके साथ ही विशाखापट्टनम के पास डेटा सेंटर और AI के लिए डेटा सिटी भी बनाई जा रही है। इससे 20 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।


- कर्नाटकः 2018 की शुरुआत में सरकार ने NASSCOM के साथ मिलकर डेटा साइंस और AI को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE-DSAI) शुरू किया है। सरकार ने पिछले साल ही एक नई नीति को मंजूरी दी है, जिसका मकसद 2029 तक 500 नए AI सेंटर खोलना और 3.50 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा करना है। 


- केरलः सरकार ने एक औद्योगिक नीति तैयार की है, जिसके तहत AI कंपनियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा AI से जुड़ी MSME और कंपनियों को सरकार की तरफ से 18 तरह के इंसेटिव्स भी दिए जाते हैं।

 

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महाराष्ट्र और गुजरात में भी दम

दक्षिण के राज्यों के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी AI को लेकर तेजी से काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही AI नीति लेकर आने वाली है। इसी तरह दिसंबर में ही गुजरात सरकार ने AI टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की थी। गुजरात सरकार अहमदाबाद के पास GIFT सिटी भी बना रही है। यहां पर माइक्रोसॉफ्ट AI एक्सीलेंस सेंटर भी खोलेगा। इसे लेकर हाल ही में गुजरात सरकार और माइक्रोसॉफ्ट के बीच एक समझौता हुआ है। 

क्या पिछड़ रहा है नॉर्थ इंडिया?

ऐसा नहीं कहा जा सकता। आज देशभर में AI का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि, साउथ इंडिया में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के कारण नई तकनीक में निवेश ज्यादा है। साउथ के राज्यों ने गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियों के साथ साझेदारी है जबकि नॉर्थ के राज्य अभी तक इससे दूर हैं। हालांकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, सिक्किम और असम जैसे राज्यों में AI की पढ़ाई करवाई जा रही है।