असम के दीमा हसाओ जिले की एक कोयला खदान में फंसे नौ मजदूरों के बचाव अभियान को लेकर एजेंसियों की चिंता बढ़ती जा रही है। दरअसल, खदान के अंदर पानी का स्तर 100 फीट तक आ गया है। खादान के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सोमवार से ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं।

 

हालात की गंभीरता को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को भारतीय सेना की मदद के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद भारतीय सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय अधिकारियों की टीमों को बचाव अभियान में मदद करने के लिए विशाखापत्तनम से नौसेना के गोताखोरों को बुलाया गया है।

 

मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका

 

हालांकि, अभी तक खदान से किसी भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है। समय बीतने के साथ मजदूरों के बचने की संभावना लगातार कम होती जा रही है। यह कोयला खदान दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित है। उमरंगसो में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए जो टीम काम कर रही है उनमें गोताखोर, सैपर और जरूरी उपकरणों के साथ कई विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। 

 

कोयला मंत्री से मदद की गुहार

 

बचाव अभियान में लगे सेना के अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि खदान से पानी निकालने के लिए दो पानी पंपिंग मशीनें को लगाया गया है। इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मजदूरों को बचाने के प्रयासों के लिए मदद की मांग करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से बात की है।

 

उन्होंने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, 'उन्होंने (कोयला मंत्री) इस मिशन में असम सरकार को पूरा समर्थन देने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड को तुरंत निर्देश जारी किए हैं। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और समर्थन के लिए मैं उनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं।'

 

काम कर रहे 9 मजदूर खादान में फंसे 

 

साथ ही सीएम सरमा ने बचाव अभियान में मदद करने के लिए सेना को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने खनिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि उमरंगसो में मौजूद कोयला खदान तीन किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। खादान में सोमवार की सुबह अचानक से जमीन से पानी रिसने लगा, जिसमें अंदर काम कर रहे 9 मजदूर फंस गए।