अतुल सुभाष की बीवी निकिता सिंहानिया, उसकी मां निशा और भाई अनुराग की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद अतुल के पिता ने अपने पोते को उन्हें दिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनका पोता जिंदा भी है या मार दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की और पुलिस को निकिता सिंहानिया औऱ उसके परिवार को गिरफ्तार करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके पोते को कहां रखा गया है।
अस्थियां नहीं कीं विसर्जित
अतुल सुभाष के पिता ने कहा कि उन्होंने अभी तक अतुल की अस्थियां विसर्जित नहीं की हैं। उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक वे ऐसा नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, 'हम लोग पूजा-पाठ वाले लोग हैं फिर भी अस्थियों को विसर्जित नहीं किया है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक अस्थियां विसर्जित नहीं करेंगे।'
आगे उन्होंने कहा कि मोदी जौनपुर में अतुल के केस की सुनवाई करने वाली जज भ्रष्ट थी। उन्होंने कहा कि जज ने मेरे बेटे से रिश्वत की मांग की लेकिन मेरा बेटा रिश्वत देने वालों में से नहीं था, वह जुर्माना देने को तैयार रहता था लेकिन कभी रिश्वत की बात नहीं करता था।
मोदी से लगाई गुहार
अतुल के पिता मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए और कहा कि, 'हम पीएम मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी से, नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से अपील करते हैं कि वे हमारे पोते को हमें दिलाने में मदद करें। उन्होंने कि उन्होंने अपने पोते को सिर्फ वीडियो कॉल में ही देखा है। एक शख्स के लिए उसके बेटे से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण उसका पोता होता है।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि पिछले सोमवार को अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने 24 पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें उन्होंने अपनी बीवी और ससुराल वालों पर आरोप लगाया था कि झूठे केस में फंसाकर वे उनको परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी निकिता सिंहानिया उनसे 3 करोड़ रुपये की मांग कर रही थी। अतुल ने सुसाइड के पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में यह भी कहा था कि पूरी न्याय प्रणाली महिलाओं के पक्ष में झुकी हुई है।